Wednesday, January 22, 2025
spot_img
Homeबड़ी खबरकर्नाटक में लिंगायत समुदाय बिगाड़ सकता है कांग्रेस का खेल! वोक्कालिगा को...

कर्नाटक में लिंगायत समुदाय बिगाड़ सकता है कांग्रेस का खेल! वोक्कालिगा को लुभाने में जुटी बीजेपी

प्रदेश की 32 फीसदी जनसंख्या दोनों समुदाय से आती है, 124 से अधिक सीटों पर दोनों समुदाय के लोगों का दबदबा, प्रदेश को सात मुख्यमंत्री और देश को एक प्रधानमंत्री दिया वोक्कालिगा समुदाय ने, दो प्रतिशत अधिक आरक्षण देकर शुरूआती बढ़त बना चुकी बीजेपी

Google search engineGoogle search engine

karnataka assembly election special news: कर्नाटक में 224 सीटों पर होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी, कांग्रेस और जेडीएस के साथ साथ अन्य स्थानीय पार्टियां प्रचार कार्यों में जमकर पसीना बहा रही है. 10 मई को विस चुनाव होने हैं और कांग्रेस का पूरा ध्यान लिंगायत समुदाय पर लगा है. चूंकि कांग्रेस ने अब तक 165 उम्मीदवारों की सूची जारी कर अग्रिम बढ़त ले ली है लेकिन अभी भी लिंगायत समुदाय पर कांग्रेस की पूरी नजर है. प्रदेश की करीब 124 सीटों पर लिंगायत समुदाय का दबदबा है. हालांकि इस समुदाय का कांग्रेस को पूर्ण समर्थन प्राप्त है लेकिन कुछ शर्तों के चलते यहां कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है. वहीं वोक्कालिगा समुदाय को समर्थन में लेने के लिए बीजेपी जी तोड़ कोशिश कर रही है.

दरअसल इस बार लिंगायत समुदाय कांग्रेस से 55 सीटों की मांग कर रहा है. इस समुदाय पर कांग्रेस की पकड़ काफी मजबूत है और पिछली बार कांग्रेस इसी वोट बैंक के सहारे बीजेपी को टक्कर दे पायी थी. पार्टी ने 165 उम्मीदवारों में से लिंगायत समुदाय के सदस्यों को 30 टिकट आवंटित किए हैं. चूंकि जेडीएस से अधिकारिक गठबंधन की घोषणा नहीं हुई है. ऐसे में 8 से 10 सीटें अभी इसी समुदाय से जुड़े नेताओं को दी जा सकती हैं.

हालांकि अब भी लिंगायत-वीरशैव समुदाय के लोग अपनी सदस्यों के लिए टिकट की मांग कर रहे हैं. दरअसल, पार्टी ने अब तक 58 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है, जिसको लेकर लगातार अलग-अलग लिंगायत लॉबियां अपने ज्ञापनों और अनुरोध पत्र से पार्टी पर दबाव बना रही है. समुदाय चाहती है कि पार्टी उन्हें 224 में से 55 सीटें दे, जो पार्टी के लिए एक चुनौती जैसा है. 2018 के विधानसभा चुनावों में लिंगायत समुदाय के लोगों द्वारा एक अलग धर्म के लिए किए गए आंदोलन को पार्टी का काफी समर्थन मिला था. उस दौरान पार्टी ने इस समुदाय के सदस्यों को 42 सीटें दी थीं. ऐसे में अब, पंचमसाली लिंगायत आंदोलन कर रहे समुदाय को उम्मीद है कि ये संख्या पहले के मुकाबले बढ़ेगी. हालांकि ऐसा होना थोड़ा मुश्किल लग रहा है.

यह भी पढ़ें: कर्नाटक में एक बार फिर कांटे की टक्कर! सबसे पहले अपने पत्ते सही तरह से जमाने में व्यस्त हुई कांग्रेस

दावानगेरे दक्षिण सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार और अखिल भारतीय वीरशैव लिंगायत महासभा (एआईवीएम) के अध्यक्ष शमनूर शिवशंकरप्पा भी अपने समुदाय के सदस्यों के लिए अधिक टिकटों की मांग कर रहे हैं. हालांकि शेष रही 54 सीटों में से 6 से 10 सीटों पर मामला सेट हो सकता है. इसी बीच इस बीच, आंतरिक आरक्षणों पर हंगामे के बीच, कांग्रेस ने अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के भीतर स्पृश्यों को भी कुछ सीटें आवंटित की हैं. अनुसूचित जाति (लंबानी) को चार सीटें और अनुसूचित जाति (भोवी) को तीन सीटें दी गई हैं. इसके अलावा,अनुसूचित जाति (राइट) के लिए 12 और अनुसूचित जाति (लेफ्ट) के लिए चार सीटें आवंटित की हैं.

इधर, भारतीय जनता पार्टी वोक्कालिगा समुदाय को रिझाने का प्रत्यन्न कर रही है. कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के बाद वोक्कालिगा समुदाय सबसे बड़ा समुदाय है. कर्नाटक में लिंगायत समुदाय 17 प्रतिशत जबकि वोक्कालिगा का 15 प्रतिशत है. कर्नाटक में लगभग 100 विधानसभा क्षेत्रों में वोक्कालिगा वोट बैंक मौजूद है. प्रदेश के 17 मुख्यमंत्रियों में से इस समुदाय ने अब तक कर्नाटक को सात मुख्यमंत्री और एक प्रधानमंत्री दिया है. एचडी देवेगौड़ा कर्नाटक के पहले व्यक्ति बने जिन्होंने प्रधानमंत्री का पद संभाला.

इस समुदाय की ताकत का अंदाजा केवल इसी बात से लगाया जा सकता है कि बेंगलुरु शहरी जिले में 28 निर्वाचन क्षेत्रों, बेंगलुरु ग्रामीण जिले (चार निर्वाचन क्षेत्रों) और चिक्काबल्लापुरा (आठ निर्वाचन क्षेत्रों) में वोक्कालिगा समुदाय का दबदबा है. एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली जेडीएस पार्टी वोक्कालिगा को पुराने मैसूर क्षेत्र में अपने मुख्य वोट आधार के रूप में गिनाती है. यहां इसकी मुख्य लड़ाई कांग्रेस के साथ है. हालांकि हाल ही में भारतीय जनता पार्टी इस समुदाय पर कुछ हद तक बढ़त बनाने में सफल रही है.

यह भी पढ़ें: क्या सच में अमरिंदर सिंह के पदचिन्हों पर चल पड़े हैं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी?

बीजेपी ने वोक्कालिगाओं के लिए आरक्षण चार प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत कर दिया है. बीजेपी के इस कदम ने वोक्कालिगा समुदाय के श्रद्धेय द्रष्टा आदिचुंचनगिरी मठ के पुजारी स्वामी निर्मलानंदनाथ को प्रसन्न किया. वहीं बेंगलुरू के संस्थापक और विजयनगर राजवंश के 16वीं शताब्दी के प्रमुख नाडा प्रभु केम्पे गौड़ा की 108 फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कर स्थानीय जनता का ध्यान भी अपनी ओर खींचा है. इधर, बीजेपी के साथ कांग्रेस भी वोक्कालिगा समुदाय को अपनी ओर करने के लिए हाथ पांव मार रही है. कांग्रेस ने अब तक इस समुदाय से 24 टिकट आवंटित किए हैं और अगली कुछ सूचियों में 6 और टिकट इस समुदाय से जुड़े नेताओं को थमाएं जा सकते हैं.

गौरतलब है कि कर्नाटक में 224 सीटों पर विधानसभा चुनाव के लिए 13 अप्रैल से नामांकन शुरू किए जाएंगे. एक चरण में होने वाले चुनावों के लिए 10 मई को वोटिंग होगी और 13 मई परिणामों की घोषणा की जाएगी. तब तक देखना होगा कि लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय का ऊंट किस ओर करवट बैठता है.

Google search engineGoogle search engine
RELATED ARTICLES

Leave a Reply

विज्ञापन

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img