Politalks.News/BiharPolitics. उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) समेत देश के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा के चुनावी घमासानी के बीच बिहार की सियासत पर करवट बदलती नजर आ रही है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Prashad Yadav) ने मंगलवार को सक्रिय राजनीति में वापसी का ऐलान किया है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) (Rashtriya Janta Dal) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली से बिहार आने से पहले मीडिया से बातचीत में यादव ने चुनाव लड़ने की संभावना जताई है. लालू प्रसाद यादव ने कहा कि, ‘अभी कोर्ट से मुझे चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है. अनुमति मिलते ही चुनाव लड़कर संसद आऊंगा. लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) कुछ भी बोलते रहते हैं, मैं संसद पहुंचकर उनकी बातों का जवाब दूंगा‘. लालू के ऐलान से चुनावी राजनीति में सक्रिय होने की बात कहने से न केवल बिहार बल्कि दिल्ली के सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. लालू अगर फिर से सक्रिय राजनीत में उतरते हैं तो बिहार की राजनीति में बदलाव आना तो तय माना ही जा रहा है देश में भी भाजपा को चुनौती देने की कोशिश कर रहे विपक्ष को मदद मिलेगी.
पीएम मोदी संसद में कुछ भी हैं बोलते, संसद में जाकर दूंगा उनकी बातों का जवाब- लालू
73 साल के लालू प्रसाद ने सक्रिय राजनीति में फिर से उतरने का संकेत देते हुए कहा कि, ‘यदि उन्हें कोर्ट से चुनाव लड़ने की अनुमति मिल जाती है तो वे पीएम नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहते हैं. पीएम मोदी संसद में कुछ भी बोलते रहते हैं. मैं संसद में जाकर उनकी बातों का जवाब दूंगा’. चुनावी राजनीति में सक्रिय होने की बात कहने से न केवल मुजफ्फरपुर के राजद कार्यकर्ता वरन राजनीति में रुचि रखने वाले अन्य लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
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उत्तर प्रदेश की जनता दुष्प्रचार से थक चुकी, बीजेपी का होगा सफाया- लालू
राष्ट्रीय जनता दल के ‘कर्ताधर्ता’ लालू प्रसाद यादव ने इसी महीने से होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ पर भी हमला किया. लालू यादव ने कहा कि, ‘उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री इलेक्शन के दौरान काफी अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं. उनकी बातों से साफ दिख रहा है कि वह नर्वस हो गए हैं’. लालू ने कहा कि, ‘योगी के बयानों में सिर्फ गाली-गलौज करना बचा है. यूपी की जनता भाजपा के दुष्प्रचार से थक चुकी है. वे केवल दंगों, धर्म और मंदिर के बारे में बात कर रहे हैं’. लालू ने दावा करते हुए कहा कि, ‘साफ झलक रहा है कि इस बार यूपी में भाजपा का सफाया होने वाला है’.
‘भाजपा और जदयू मिलकर भी बिहार को नहीं दिला पाए विशेष राज्य का दर्जा’
छोटे बेटे तेजस्वी यादव को राजद अध्यक्ष बनाने से जुड़े सवाल पर लालू यादव ने कहा कि, ‘मीडिया में ऐसी बातें आती रहती हैं. आरजेडी के राष्ट्रीय अधिवेशन का यह मुद्दा नहीं है. हम पहले भी ये बात साफ कर चुके हैं’. विशेष राज्य के मुद्दे पर लालू ने कहा कि, ‘जदयू और बीजेपी एक साथ होने के बाद भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिला पा रहे हैं. नीतीश कुमार कुर्सी पर रहने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं’. लालू ने कहा कि, ‘भाजपा गुमराह कर रही है, केंद्र बिहार के तरह-तरह के मदों में पैसे देने की बात कहकर पल्ला झाड़ रहा है. ऐसी सहायता की बिहार को जरूरत नहीं है, इसके बदले विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए’.
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…तो बदल जाएगी दिल्ली से बिहार तक की राजनीति!
सियासी दिग्गज लालू प्रसाद यादव के इस ऐलान के बाद राजनीती में रूचि रखने वाले हर वर्ग के बीच चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. सियासी जानकारों का मानना है कि लालू यादव के सक्रिय राजनीति में लौटने से बिहार की राजनीति की तस्वीर पूरी तरह से बदल जाएगी, साथ ही देश की राजनीति में जोरदार बदलाव आएगा. भाजपा के विरुद्ध विपक्ष को एकजुट होने में लालू यादव अहम भूमिका निभा सकते हैं. लालू प्रसाद यादव न केवल अपने बोलने की शैली की वजह से वरन रणनीति बनाने के लिए भी जाने जाते रहे हैं. राजनीति को जिस रूप में साधा है, उसके लिए लालू के कई उदाहरण दिए जाते रहे हैं. इससे तेजस्वी यादव को भी मदद मिलेगी. वहीं दूसरी ओर कुछ जानकारों का कहना है कि, बिहार की राजनीति में लालू प्रसाद की उपस्थिति मात्र से चीजें बदल जाती हैं, लेकिन हाल में प्रदेश और केंद्र दोनों स्तर की राजनीति में बदलाव हुआ है. वे नैरेटिव सेट करने के लिए जाने जाते रहे हैं, लेकिन बदले हुए माहौल में केवल नैरेटिव के दम पर ही काम चलने वाला नहीं है. ऐसे में उनके लिए वो शिखर हासिल कर पाना अब शायद मुमकिन न हो.