किसान आंदोलन को मिला ‘आप’ का साथ, इजाजत मिलने के बाद किसानों का बुराड़ी आने से इनकार

केंद्र सरकार ने बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर दी किसानों को प्रदर्शन करने की इजाजत, खट्टर सरकार ने बॉर्डर खोलने के दिए आदेश, केजरीवाल ने ठुकराई दिल्ली पुलिस की स्टेडियमों को अस्थाई जेल में बदलने की मांग, राहुल-प्रियंका-अमरिंदर सिंह ने साधा मोदी सरकार पर निशाना

Kissan Protest On Agriculture Low
Kissan Protest On Agriculture Low

Politalks.News/KissanProtest. कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पंजाब और हरियाणा के किसानों को दिल्ली में दाखिल होने की इजाजत मिल गई है. सरकार ने किसानों को बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर प्रदर्शन की इजाजत दी है लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने बुराडी आने से इनकार कर दिया. किसान दिल्ली-हरियाणा की सिंधु बॉर्डर पर जम गए हैं और कृषि बिलों को हटाने की बात कह रहे हैं. इससे पहले सैंकड़ों की संख्या में किसानों ने दिल्ली बॉर्डर में प्रवेश किया लेकिन दिल्ली आने की इजाजत मिलने पर बुराडी ग्राउंड पर जाने से इनकार कर दिया. वहीं सरकार के दिल्ली में आने की इजाजत के फैसले को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों के हित में किया जाने वाला फैसला सुनाया है. इधर, प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली की आप सरकार का साथ मिला है.

इसी कड़ी में दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस की उस मांग को भी ठुकरा दिया जिसमें दिल्ली पुलिस ने पंजाब और हरियाणा से आ रहे प्रदर्शनकारी किसानों के लिए राष्ट्रीय राजधानी के 9 स्टेडियमों को अस्थाई जेल में बदलने को कहा गया था. इस संबंध में दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की ओर से एक बयान जारी किया गया. इस बयान में मंत्री जैन ने कहा है कि किसानों की मांग जायज है और उनका प्रदर्शन अहिंसक तरीके से हो रहा है. वहीं आप नेता राघव चढ्ढा का कहना है कि किसानों को उनकी बात रखने का हक है और उनके साथ किसी मुजरिम की तरह बर्ताव नहीं किया जा सकता है.

दूसरी ओर, हरियाणा की मनोहरलाल खट्टर सरकार ने किसानों से बातचीत करने की बात कही है, साथ ही पंजाब से लगे सभी बॉर्डर को खोल दिया है. अब तक इन बॉर्डर को किसान आंदोलन की वजह से बंद किया गया था. इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से 3 दिसंबर को वार्ता की बात कही थी. आज उन्होंने फिर से बयान देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा. तोमर ने कहा कि ये किसान आंदोलन नहीं बल्कि कांग्रेस के द्वारा किया जा रहा आंदोलन है.

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इस पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों की आवाज़ को अनिश्चित काल के लिए नहीं दबाया जा सकता है. कैप्टन ने कहा कि जब स्थिति हाथ से बाहर हो रही है तो 3 दिसंबर तक का इंतज़ार क्यों. केंद्र सरकार को किसानों से बातचीत शुरू करनी चाहिए.

इधर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने किसानों की आवाज को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया. राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि मोदी सरकार को किसानों की माँगें माननी ही होंगी और काले क़ानून वापस लेने होंगे. राहुल गांधी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को याद रखना चाहिए था जब जब अहंकार सच्चाई से टकराता है पराजित होता है. सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे किसानों को दुनिया की कोई सरकार नहीं रोक सकती. ये तो बस शुरुआत है.

वहीं प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि किसानों की आवाज दबाने के लिए पानी बरसाया जा रहा है, सड़कें खोदकर रोका जा रहा है लेकिन सरकार उनको ये दिखाने और बताने के लिए तैयार नहीं है कि एमएसपी का कानूनी हक होने की बात कहां लिखी है. प्रधानमंत्री को निशाना बनाते हुए प्रियंका ने कहा कि एक देश एक चुनाव की चिंता करने वाले प्रधानमंत्री को एक देश एक व्यवहार भी लागू करना चाहिए.

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इससे पहले हरियाणा बॉर्डर में घुसते ही किसानों को पुलिस प्रशासन ने रोक दिया और किसानों ने पानीपत के टोल प्लाजा के पास रातभर डेरा डाले रखा. सुबह होते ही किसानों ने एक बार फिर दिल्ली के रास्ते की ओर कूच किया. बॉर्डर के रास्ते बंद होने के चलते प्रदर्शनकारी किसान एक बार सुरक्षा बलों से जुझते हुए नजर आए. पुलिस बल ने एक बार फिर किसानों को पीछे धकेलने के लिए वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने सड़क पर बैठकर अपना प्रदर्शन जारी रखा. कई जगह सुरक्षा बलों से प्रदर्शनकारियों की झड़प भी देखने को मिली. एक बार फिर उग्र किसानों की भीड़ ने बेरिकेट्स को जबरन हटा आगे बढ़ने की कोशिश की. कई जगहों पर पथराव की भी जानकारी मिली है.

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