किरोड़ी मीणा ने सरकार के इस वादे पर स्थगित किया ऐतिहासिक जयपुर कूच, जल क्रांति का किया आगाज

13 जिलों की प्यास बुझाने का बीड़ा उठा चुके किरोड़ी मीणा ने किया जल क्रांति का आगाज, हजारों समर्थकों के हाथों में तिरंगा और वाहनों के भारी लवाजमे के साथ डॉ मीणा ने किया जयपुर कूच, जयपुर से 40 किलोमीटर पहले जटवाडा में भारी पुलिस बल और फोर्स ने रोका काफिला, मंत्री विश्वेन्द्र सिंह से वार्ता में अगले 48 घंटे में सर्वदलीय कमेटी बनाने और अन्य वादों के बाद स्थगित हुआ जयपुर कूच

किरोड़ी लाल मीणा ने किया जल क्रांति का आगाज
किरोड़ी लाल मीणा ने किया जल क्रांति का आगाज

Politalks.News/Rajasthan/KirodiMeena. राजस्थान में 2023 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुकी ERCP को लेकर जमकर सियासी बवाल मचा हुआ है. फिर चाहे भाजपा हो या कांग्रेस, हर कोई ERCP के बहाने 2023 को साधने में जुटा हुआ है. इस बीच दिग्गज नेता और बीजेपी सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने ERCP को लेकर आज ‘जल क्रांति’ आंदोलन का आगाज कर दिया है. दौसा के नांगल प्यारीवास मीणा हाईकोर्ट में हुई विशाल जनसभा के बाद डॉ किरोड़ी ने अपने हजारों समर्थकों वाहनों के भारी लवाजमे के साथ जयपुर कूच किया. हालांकि बाबा किरोड़ी के काफिले को बस्सी के पास जटवाड़ा में रोका दिया गया. जहां सरकार की तरफ से मंत्री विश्वेंद्र सिंह से अहम वार्ता हुई, जिसमें निर्णय हुआ कि दो दिन में कमेटी बनाकर योजना की कमियों के बारे में सरकार जानकारी लेगी. देर शाम विश्वेन्द्र सिंह के साथ हुई बैठक के बाद डॉ. किरोड़ी मीणा ने जयपुर कूच का प्रोग्राम स्थगित कर दिया.

आपको बता दें कि यूं तो पिछले कई सालों से पूर्वी राजस्थान के दिग्गज जननेता डॉ किरोड़ी लाल मीणा हर 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाते आए हैं, लेकिन इस बार डॉ किरोडी ने विश्व आदिवासी दिवस पर जल क्रांति का नारा देकर ना सिर्फ सूबे की अशोक गहलोत सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है बल्कि इसके जरिये सांसद किरोड़ी मीणा ने यह साबित कर दिया है कि वो पूर्वी राजस्थान के इलाके में कितनी पैठ रखते हैं. हालांकि किरोड़ी मीणा के इस कार्यक्रम में भाजपा की ओर से केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया नहीं पहुंचे, लेकिन उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी जरूर पहुंचे. इस दौरान सांसद मीणा ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ से मेरा रिश्ता एक आत्मा दो शरीर वाला है. आपको बता दें, डॉ किरोड़ी लाल मीणा का यह आंदोलन पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) को लेकर है. पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में चल रहे पानी संकट को खत्म कराने का बीड़ा सांसद मीणा ने उठाया है. किरोड़ी मीणा ने ERCP की डीपीआर संशोधित कर केंद्र सरकार को भेजने की मांग गहलोत सरकार से की है.

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बता दें कि इस ऐतिहासिक आंदोलन में भाग लेने दौसा शहर से लालसोट रोड पर 15 किलोमीटर दूर नांगल प्यारीवास मीणा हाईकोर्ट पर सुबह 9 बजे से ही लोग जुटने लगे थे. दोपहर करीब 12 बजे डॉ. किरोड़ी मीणा, भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़, अरुण चतुर्वेदी व गोलमा देवी भी मंच पर पहुंच गए. इसके बाद यहां हुई विशाल जनसभा में ईआरसीपी योजना को लेकर राज्य सरकार की नीयत पर सवाल उठे. कई नेताओं के भाषण के बाद दोपहर करीब 3 बजे डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने मंच संभाला. बाबा किरोड़ी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार योजना की तकनीकी खामियां दूर नहीं कर रही है. ईआरसीपी को लेकर जो डीपीआर केंद्र को भेजी गई थी, उसमें उसमें 50% जल निर्भरता का प्रोजेक्ट बनाया था. राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने के लिए 75% जल निर्भरता करना आवश्यक है. साथ ही, चंबल का पानी मध्य प्रदेश से आता है. ऐसे में मध्य प्रदेश की सहमति भी आवश्यक है. दौसा सहित करौली, सवाई माधोपुर, अलवर और जयपुर के सभी बड़े बांधों को इस परियोजना में शामिल किया जाए.
हजार गहलोत भी ERCP को पूरा नहीं कर सकते
अपने सम्बोधन के दौरान डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को चुनौती देते हुए कहा कि, ‘ERCP को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनीति कर रहे हैं. ERCP कुल 37 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट है और अशोक गहलोत 10 हजार करोड़ देकर कह रहे हैं कि राज्य सरकार परियोजना पूरी करेगी. मैं सीएम गहलोत से कहना चाहता हूं कि हजार गहलोत भी ERCP की परियोजना को इस तरह पूरा नहीं कर सकते. गहलोत का खजाना खाली हो चुका है. राज्य सरकार ने अगर ERCP प्रोजेक्ट बनाया तो किसानों को पूरा पानी नहीं मिलेगा.’ डॉ किरोड़ी मीणा ने कहा कि राज्य सरकार यदि यह तकनीकी खामी दूर करके दोबारा प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दे तो इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाना उनकी गारंटी है. राज्य सरकार को संशोधित डीपीआर केंद्र को भेजनी चाहिए.

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अपने संबोधन के बाद शाम 4 बजे सांसद डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने जयपुर कूच का एलान किया और हजारों लोगों के हाथों में तिरेंगे और वाहनों के भारी लवाजमे के साथ जयपुर के लिए रवाना हुए. इस दौरान राजेन्द्र राठौड़, अरुण चतुर्वेदी, गोलमा देवी और डॉ. किरोड़ीलाल अपनी-अपनी गाड़ियों से निकले. उनके साथ ट्रैक्टरों, बाइकों वे निजी वाहनों में हजारों लोगों का समूह हाथों में तिरंगे लेकर चला. करीब 1 घंटे बाद दौसा बाईपास होते हुए यह विशाल कारवां शाम 5 बजे जयपुर-आगरा हाईवे पर आ गया. जहां जटवाड़ा (जयपुर से 40 किमी दूर) में सैकंडो की संख्या में पुलिसबल और फोर्स के जवानों ने बैरिकेड लगाकर काफिले को रोक दिया. इस दौरान हजारों लोग हाथों में तिरंगा लिए वहीं डटे रहे और नारेबाजी करते रहे. तो वहीं डॉ. किरोड़ी मीणा सहित अन्य नेता वहीं धरने पर बैठ गए. इसके बाद शाम करीब 6 बजे गहलोत सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मंत्री विश्वेंद्र सिंह धरना स्थल पर पहुंचे जहां से वो सांसद किरोड़ीलाल मीणा, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, बीजेपी नेता अरुण चतुर्वेदी के साथ वार्ता के लिए जटवाड़ा स्थित लक्ष्मी निवास होटल पहुंचे. इस बीच जटवाड़ा में पुलिस व आंदोलनकारियों के बीच गहमागहमी भी हुई.

जयपुर से 40 किलोमीटर दूर जटवाड़ा स्थित लक्ष्मी निवास होटल में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के साथ डॉ किरोड़ी लाल मीणा के बीच अहम वार्ता हुई और इस दौरान उनके साथ उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, नेता अरुण चतुर्वेदी भी मौजूद रहे. वार्ता के दौरान यह तय हुआ कि 48 घंटे में राज्य सरकार एक सर्वदलीय कमेटी गठित करेगी. यह कमेटी वार्ता के लिए केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय व जल आयोग जाकर परियोजना की कमियों के बारे में जानकारी लेगी और राज्य सरकार को अवगत कराएगी. वहीं वार्ता के बाद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार को जल्द निपटारे की चेतावनी देते हुए जयपुर कूच स्थगित करने का एलान किया और उनके साथ आए हजारों समर्थंको का धन्यवाद दिया.

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