Politalks.News/Bihar. जैसा कि राजनीति के एकमात्र डिजिटल न्यूज़ चैनल ‘पॉलिटॉक्स‘ ने कई बार अपनी खबरों में कहा है कि सियासत चीज ही ऐसी है जनाब कि यहां कब क्या हो जाए, कुछ कह नहीं सकते. राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं है, एक दूसरे को गाली देने वाले कब हाथ मिला लें और एक दूसरे को अपनी जान कहने वाले कब अलग हो जाएं ये सब भारत की राजनीति में अब आम हो चला है. देश 15 अगस्त को जहां आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं बिहार की सियासत में नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने भी एनडीए यानी बीजेपी अलग होकर आजादी पा ली है. यही नहीं जदयू ने अब रक्षाबंधन के पर्व से ठीक दो दिन पहले राजद के साथ पुराना बंधन फिर जोड़ लिया है. यानी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव, चाचा-भतीजे की यह जोड़ी एक बार फिर बिहार की सत्ता पर काबिज होने को तैयार हैं. सियासत के पुराने खिलाड़ी नितीश कुमार ने एक बार फिर सधी हुई राजनीति का हुनर दिखाते हुए बड़े-बड़े राज्यों में तख्तापलट में माहिर बीजेपी को गच्चा दे दिया. सूत्रों की मानें तो बीजेपी पूर्व जदयू नेता RCP सिंह के सहारे बिहार में भी महाराष्ट्र की तर्ज पर सत्ता पर काबिज होने की तैयारी में थी.
आपको बता दें, बिहार में जारी राजनीतिक घमासान के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पटना में जेडीयू सांसदों और विधायकों के साथ बैठक की. इस बैठक में जदयू विधायकों ने पैसों की लेनदन का मुद्दा उठाया. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार छह विधायकों और दो मंत्रियों ने नीतीश कुमार से कहा कि पूर्व जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने उनसे पैसों के लेनदन की बात की थी और यह बात उन्होंने बीजेपी के इशारों पर की थी. इस दौरान इन विधायकों ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि उन्हें 6 करोड़ का ऑफर दिया गया था. बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी ने उन्हें अपमानित करने का काम किया है और पार्टी को कमजोर करने की कोशिश की है.
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बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने के एलान करते हुए बैठक के बाद ही राजभवन पहुंचकर राज्यपाल फागु चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके बाद सीएम आवास पर हुई बैठक में नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुन लिया गया है. नीतीश और तेजस्वी ने एकसाथ राजभवन पहुंच राज्यपाल को 164 विधायकों का समर्थन पत्र सौंप दिया है. बिहार की सियासत में हुए एकाएक बदलाव ने सभी को चौंका दिया है. कल तक बीजेपी के साथ गठबंधन में शामिल नीतीश कुमार ने मंगलवार दोपहर 12 बजे ही NDA से अलग होने का एलान कर दिया. नीतीश कुमार के इस एलान के बाद बीजेपी को कहीं ना कहीं बड़ा झटका तो लगा लेकिन मीडिया के अनुसार बीजेपी का कहना है कि पल्टूराम के इस कदम से उसे कोई फर्क नहीं पड़ता. वहीं राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि, ‘हमारे साथ 7 पार्टियों का समर्थन है. हम सब मिलकर बिहार को आगे बढ़ाएंगे.’ कल दोपहर 2 बजे नीतीश कुमार 8वी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. नीतीश के साथ तेजस्वी यादव भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.
जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के इस्तीफा देने के बाद से ही बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई थी. जेडीयू और बीजेपी में भी लम्बे समय से तनातनी देखी जा रही थी. सियासी जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार को सरकार चलाने में फ्री हैंड नहीं मिल रहा था. यही नहीं बीजेपी RCP सिंह के सहारे बिहार में भी महाराष्ट्र की तरह खेला करना चाहती थी लेकिन नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ ही खेला कर दिया. नीतीश कुमार ने मंगलवार को बड़ा एलान करते हुए बीजेपी को अलविदा कह दिया. नीतीश कुमार शाम 4 बजे राज्यपाल से मुलाकात कर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और साथ ही 160 विधायकों का समर्थन राज्यपाल को सौंपा. इसके बाद वे राजभवन से सीधे पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पहुंचे जहां तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार का स्वागत किया. कुछ समय वहां बिताने के बाद नीतीश और तेजस्वी सीएम आवास के लिए रवाना हो गए.
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सीएम आवास पर हुई महागठबंधन की बैठक में नीतीश कुमार को महागठबंधन का नेता चुना गया. इस दौरान बैठक में शामिल हुए जीतन राम मांझी ने भी महागठबंधन को समर्थन दिया. हम पार्टी के 4 विधायक हैं. जिसके बाद महागठबंधन को 164 विधायकों का समर्थन प्राप्त हो गया. महागठबंधन की इस बैठक के बाद नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने राजभवन पहुंच राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए 164 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा. राज्यपाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि, ‘हमारे साथ गठबंधन में 7 पार्टियां हैं. हम सब मिलकर बिहार को आगे बढ़ाने का काम करेंगे. हमारी पार्टी के सभी नेताओं ने कह दिया कि अब बीजेपी के साथ नहीं रहना तो हमने भी निर्णय ले लिया. जिसे हमने पढ़ें लिखना सिखाया उसी ने दगा किया.’
वहीं तेजस्वी यादव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘बिहार में जो भी हो रहा था वो किसी से छुपा नहीं था. जनता विकल्प चाहती है, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला. नीतीश कुमार ने अपना काम किया, इन्होंने नरेंद्र मोदी के सामने ये मांग रखी लेकिन इनकी मांग को नहीं माना गया. देश में बेतहाशा महंगाई और बेरोजगारी है. हमें देश के संविधान को बचाना है. आज देश के माहौल को खराब किया जा रहा है. नीतीश कुमार ने निडर होकर निर्णय लिया है. बीजेपी के एजेंडे को बिहार में लागू नहीं होने देना है. भाजपा का कोई गठबंधन सहयोगी नहीं है, इतिहास बताता है कि भाजपा उन दलों को नष्ट कर देती है जिनके साथ वह गठबंधन करती है. हमने देखा कि पंजाब और महाराष्ट्र में क्या हुआ है.’
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तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि, ‘एक अच्छी शुरूआत है, जहां दल इकट्ठे हो रहे हैं. दल मिलकर भाजपा का सफाया कर रहे हैं. मैं देश की जनता से अपील करता हूं कि आज के दिन भारत छोड़ो आंदोलन को हम याद कर रहे हैं. आज के दिन जनता तय करे कि भाजपा का सफाया होगा. आज पुरे नॉर्दन इंडिया में बीजेपी किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं है.’ वहीं इस पुरे घटनाक्रम को लेकर बिहार बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक पटना में बीजेपी कार्यालय में चल रही है. रविशंकर प्रसाद, नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे और संजय जायसवाल समेत अन्य सदस्य मौजूद हैं. वहीं सूत्रों का कहना है कि, सरकार बनाने का दावा पेश करने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नीतीश कुमार से फोन पर बात की.