सांसद कोली पर हमले के बाद गरमाई सियासत, विश्वेन्द्र सिंह ने छोटी बहन बताते हुए दी तंजपूर्ण नसीहत

सांसद रंजीता कोली पर हमला हुआ तब सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही वाई सिक्योरिटी के सुरक्षाबल क्या कर रहे थे? अगर राजस्थान पुलिस से होती यह लापरवाही तो अब तक हो जाती कार्रवाई, लेकिन लापरवाही का मामला केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी का है तो हम नहीं कर सकते कार्रवाई, केंद्र सरकार का सुरक्षाबल अपने सांसद की भी सुरक्षा करने में नहीं है सक्षम इसलिए मेरा सांसद से निवेदन है कि वो राजस्थान पुलिस की लें सुरक्षा

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Politalks.News/Rajasthan. रविवार देर रात डिल्ली से भरतपुर लौट रहीं भाजपा सांसद रंजीता कोली पर अवैध खनन माफियाओं द्वारा किए गए हमले को लेकर अब गरमा गई है प्रदेश की सियासत. सांसद पर हमले की घटना को लेकर गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने सोमवार शाम को प्रेस वार्ता बुलाई और सांसद रंजीता कोली को अपनी छोटी बहन बताते हुए एक तरफ जहां उन पर हुए हमले को लेकर अफसोस जताया तो वहीं ऐसा जोखिम नहीं उठाने को लेकर सांसद कोली को तंजपूर्ण नसीहत भी दे डाली. इसके साथ ही विश्वेन्द्र सिंह सांसद की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर केंद्रीय एजेंसी को जिम्मेदार बताया है.

प्रेसवार्ता में मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि सांसद रंजीता कोली पर हुआ हमला उनकी सुरक्षा में चूक है और यह चूक उस एजेंसी की है जो उनकी सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही है, यानी वाई सिक्योरिटी. मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने सुरक्षा एजेंसी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब सांसद पर हमला हुआ तो सुरक्षाबल क्या कर रहे थे? अगर राजस्थान पुलिस से यह लापरवाही होती तो अब तक कार्रवाई हो जाती. लेकिन लापरवाही का मामला केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी का है तो हम कार्रवाई नहीं कर सकते. विश्वेन्द्र सिंह ने आगे कहा है कि केंद्र सरकार का सुरक्षाबल अपने सांसद की भी सुरक्षा करने में सक्षम नहीं है. इसलिए मेरा सांसद से निवेदन है कि वो राजस्थान पुलिस की सुरक्षा ले लें.

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इसके साथ ही पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने नसीहत देते हुए कहा कि सांसद रंजीता कोली को बचपना छोड़कर, तजुर्बे से काम करना चाहिए. मंत्री ने कहा कि सांसद रंजीता को पुलिस और प्रशासन को सूचना दिए बिना रात के वक्त सफर नहीं करना चाहिए. वाईप्लस सुरक्षा में उनको स्थानीय पुलिस को भी विश्वास में रखना चाहिए. विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि सांसद होने के नाते उनको क्षेत्र में हर जगह जाने का अधिकार है, लेकिन विभागीय अधिकारियों को साथ लेकर कार्रवाई करनी चाहिए.

अवैध खनन के आरोपों पर अपनी सरकार का बचाव करते हुए मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि सांसद रंजीता कोली को जो ट्रक मिले वो वैध खनन क्षेत्र से रवन्ना लेकर जा रहे थे. हालांकि वो ओवरलोडेड थे, जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि रंजीता कोली पहली बार सांसद बनी हैं, बचपना हो जाता है. लेकिन उनको अब बचपना छोड़कर तजुर्बे से काम करना चाहिए.

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आपको बता दें, भरतपुर से बीजेपी सांसद रंजीता कोली रविवार रात को दिल्ली से लौट रही थीं. इसी दौरान कामां इलाके में बॉर्डर पर बड़ी संख्या में अवैध खनन के ओवरलोड ट्रक निकल रहे थे. अब जैसे ही सांसद महोदया की नजर इन अवैध ट्रकों पर पड़ी उन्होंने तुरन्त पहचान लिया और उनको रुकवाया. अब खनन माफियाओं को इतना कहां बर्दाश्त, तो गुस्साये खनन माफिया बेलगाम हो गये और उन्होंने पूरी निडरता के साथ गहलोत सरकार की लचर कानून व्यवस्था का लिहाज करे बिना सांसद रंजीता कोली पर हमला बोल दिया. खनन माफियाओं ने सांसद की गाड़ी पर तबतोड़ पथराव कर दिया, इस पत्थरबाजी से बचते हुए जैसे तैसे सांसद महोदया ने कार से उतरकर सुरक्षाकर्मियों के साथ खेतों में भागकर अपनी जान बचाई. लेकिन माफिया भी कम नहीं, उनका पीछा करते रहे, बाद में जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो माफिया सांसद की गाड़ी को टक्कर मारकर इतने सारे ट्रकों (लगभग 100-150) को लेकर पुष्पा स्टाइल में फरार हो गये.

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इसके बाद गुसाईं सांसद रंजीता कोली हमले के विरोध में मौके पर ही धरने पर बैठ गईं. सांसद महोदया का कहना था कि उन्होंने अवैध खनन के बारे में पुलिस अधीक्षक को पहले भी बताया था लेकिन उन्होंने कहा कि यह खनन का मामला है. जिसके बाद देर रात कलेक्टर, एसपी सुबह 3 बजे मौके पर पहुंचे और समझाइश के बाद सुबह 8 बजे मामला दर्ज हुआ. पुलिस पूरे मामले की पड़ताल में जुटी हुई है. सांसद रंजीता कोली पर इससे पहले के तीन हमलों की भी गहनता से जांच की जा रही है.

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