Politalks.News/Rajasthan/Kirodi. बीजेपी के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीना ने आज सहारा इंडिया परिवार के जमाकर्ता और अपने सैंकड़ों समर्थकों के साथ बस्सी से जयपुर के सेबी दफ्तर की ओर किया कूच किया. इस दौरान सांसद डॉ किरोड़ी मीना खुद ट्रेक्टर पर सवार हुए तो वहीं सैंकड़ों गाड़ियों का लंबा काफिला उनके साथ जयपुर कूच में शामिल हुआ. राजधानी जयपुर सेबी के दफ्तर पहुंचने से पहले ही किरोड़ी लाल मीना के क़ाफ़िले को सेंट्रल पार्क के पास पुलिसबल द्वारा रोक लिया गया. ऐसे में सांसद किरोड़ी लाल मीणा वहीं सेंट्रल पार्क के पास धरने पर बैठ गए. फिर क़रीब एक घंटे के धरने के बाद डॉ मीणा को सेबी कार्यालय जाने की अनुमति मिली, जहां एक प्रतिनिधिमंडल के साथ सांसद किरोड़ी मीणा ने ज्ञापन सौंपा, जिस पर सेबी के अधिकारियों ने अश्वाशन दिया की जल्द इस समस्या का हल कर दिया जाएगा.
आपको बता दें, राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा द्वारा सहारा इंडिया परिवार और सेबी प्रकरण के जल्द निपटारे को लेकर यह कूच किया गया था, जिससे सहारा इंडिया परिवार के कार्यकर्ता एवं जमाकर्ता का भुगतान हो सके. इस दौरान डॉ मीणा ने बताया कि सहारा में वर्षों से क़रीब 12 लाख कर्मचारियों द्वारा कार्य किया जा रहा है. विगत 9 वर्षों को छोड़ दिया जाए तो पिछले 37 वर्षों में सहारा प्रबंधन ने सभी निवेशको एवं जमा कर्ताओं का भुगतान बिल्कुल समय पर किया है. सहारा में कार्य करते हुए सभी कार्यकर्ता अपने घरों में ही रहकर अच्छी खासी आय प्राप्त करते हुए अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. परंतु जैसा संज्ञान में लाया गया कि विगत 9 वर्षों में से सहारा और सेबी के विवाद के चलते माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सहारा समूह पर एम्बार्गो लगाते हुए यह आदेश दिया गया कि सहारा के द्वारा किसी भी संपत्ति को बेच कर या बंधक रखकर जो धनराशि प्राप्त होगी उसे सहारा सेबी रिफंड अकाउंट में जमा कराना अनिवार्य होगा परंतु उक्त धनराशि से सहारा अन्य खर्च अथवा अपने सम्मानित निवेशकों को ₹1 का भुगतान नहीं कर सकती.
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आपको बता दें, अभी तक मय व्याज रुपए 25 हजार करोड़ से ज्यादा की धनराशि सहारा सेबी रिफंड अकाउंट में जमा कर दी गई है. उक्त के अतिरिक्त माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सेबी का यह आदेश दिया था कि सहारा के दो-कंपनी के निवेशकों को सत्यापित कर उनका भुगतान करें साथ ही जिन का भुगतान सहारा द्वारा किए जाने का शपथ पत्र माननिय उच्चतम न्यायालय में दिया गया है, उसका भी सत्यापन करे परंतु सेवी द्वारा एसा ना किया गया. माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा दिनांक 5 /12/2012 को यह निर्णय दिया गया था कि सहारा निवेशकों को भुगतान के पश्चात जो भी बकाया धनराशि होगी उसे सहारा को वापस कर दिया जाएगा.
सांसद मीणा ने अपने ज्ञापन में बताया सेबी के द्वारा सहारा का मय ब्याज ₹25000 करोड़ अधिक होने के बावजूद उसे नहीं लोटाया जा रहा, जिसकी वजह से सम्मानित निवेशकों और सहारा कार्यकर्ताओं को समय पर भुगतान नहीं हो पा रहा है. नतीजन सभी को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है भुगतान ना मिलने की वजह से इनकी स्थिति दयनीय हो गई कार्यकर्ता भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. सम्मानित निवेशक अपने बच्चों को पढ़ाई तक भी नहीं करा पा रहे हैं.
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सांसद किरोडी लाल मीणा ने बताया कि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते हम जहां जहां भी जाते हैं, या घर पर रहते हैं तो कई निवेशक एवं कार्यकर्ता समूह मुझसे मिलने आते हैं एवं पीड़ा सुनाते हैं. कई लोगों को द्वारा यह भी बताया गया कि भुगतान ना मिलने के कारण उनकी बेटियों की शादी नहीं हो पा रही और इसी कारण कई लोग अपना और अपने परिवार का इलाज भी नहीं करा पा रहे. कहीं सहारा के कार्यकर्ता ऐसे भी मिले जो भुखमरी की कगार पर है. एक जन प्रतिनिधि होने के नाते इनकी ये पीड़ा मुझसे देखी नहीं जाती. सांसद मीणा ने कहा कि हमारे राज्य में वैसे भी कई प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं, ऐसे में गरीब जनता का पैसा ना मिलना और अच्छी कमाई कर रहे लोगों का भुखमरी के कगार पर आना मेरे जैसे जनप्रतिनिधि की अंतरात्मा को झकझोर देता है.
आगे सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब सेबी ने सहारा द्वारा जमा की गई धन राशि को जुलाई 2018 के पश्चात निवेशकों को देना बंद कर दिया है तो ऐसे में सहारा द्वारा जमा धन राशि को बैंक में रखने का क्या ओचित्य है? मीना ने कहा क्योंकि आपके पास ऐसा कोई मेकेनिजम नहीं है जो करोड़ों निवेशको का भुगतान आप कर सके. ऐसे में एक जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरा निवेदन के साथ सुझाव है कि सेबी सहारा का पैसा वापस कर एक कमेटी बनाकर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें वास्तविक गरीब जरूरतमंद पीड़ित निवेशकों तथा जमाकर्ताओं का पूर्ण भुगतान प्राप्त कराएं.