पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में बिगडती कानून व्यवस्था और बढते अपराधों पर शुक्रवार को पूर्व गृहमंत्री व नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला. कटारिया ने जयपुर स्थित अपने निवास पर पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा कि अशोक गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के बाद जो प्रदेश के अपराधों के हालात हैं बहुत चिंताजनक है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास प्रदेश के गृह विभाग का जिम्मा भी है. प्रदेश में अपराधों में इतनी वृद्धि आजादी से लेकर आज तक के इतिहास में नहीं हुई. अपराधों के मामले में राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर आ गया है, इस पर मैं मुख्यमंत्री गहलोत से पूछना चाहता हूं कि अपराधों में इतनी वृद्धि क्यों हुई. सीएम गहलोत मेरे सवालों का जवाब दें.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने आगे कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था के हिसाब से यह साल लचर रहा है. पुलिस महानिदेशक भूपेंद्र सिंह ने 2019 में प्रदेश में हुए अपराधों का लेखा-जोखा पेश किया है. इसमें उन्होंने स्वीकार किया है कि प्रदेश में 31 फीसदी अपराध बढ़े हैं. वहीं महिला अपराधों में 65 फीसदी की बढोतरी हुई है, इसके साथ ही डकैती, लूट, चोरी व बलात्कार की संख्या भी बढ़ी है जो कि आश्चर्यजनक है. छोटे बच्चों के साथ दुष्कर्म की घटनाएं भी बढ़ी हैं, साथ ही कुछ बच्चियों की दुष्कर्म के बाद हत्या भी हुई हैं, इसका मतलब यह है कि कानून व्यवस्था की दृष्टि से राजस्थान लगातार पिछड़ रहा है.
पिछले एक साल में राजधानी जयपुर भी अपराधों की दृष्टि से हिंदुस्तान में टॉप पर रहा है. यह सरकार की असफलता को दिखाता है. मेरे गृहमंत्री रहते हुए सभी तरह के अपराधों में लगातार कमी आई थी. गहलोत सरकार में सिर्फ एक साल में ही अपराधों की वृद्धि हुई है. प्रदेश में अपराधी बढ़ रहे हैं इसका कारण मुझे लगता है कि गृह विभाग का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री गहलोत के पास होना है जिसको संभालने की मुख्यमंत्री के पास फुर्सत नहीं है. इतने अपराध सरकार के इस एक साल में हुए हैं कि पिछले 5 साल के सम्मिलित रिकॉर्ड टूट गये हैं.
गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि केवल अधिकारियों के भरोसे छोड़कर गृह विभाग नहीं चलाया जा सकता है. इसके लिए प्रॉपर मॉनिटरिंग करनी पड़ती है. मैं गृह मंत्री रहते हुए पुलिस मुख्यालय में बैठकर हर थाने की मॉनिटरिंग करता था. मैं जिलों में जाकर अधिकारियों के साथ बैठकर हर एक थाने की रिव्यू मीटिंग लेता था जिसमें सभी पार्टियों के जनप्रतिनिधि भी शामिल होते थे. मैं जब गृहमंत्री था तब मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा था चपरासी के ट्रांसफर का अधिकार भी कटारिया के पास नहीं है. लेकिन जिस आदमी के पास ट्रांसफर का अधिकार भी नहीं था वह आदमी प्रदेश में अपराधों को रोक पाने में कामयाब हो पाया और जो मुख्यमंत्री है वह प्रदेश में अपराधों के हालात ठीक नहीं कर पाया.
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सीएए के राजस्थान में लागू नहीं होने के सवाल पर गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि संसद के दोनों सदनों में जो कानून बना है. राष्ट्रपति के हस्ताक्षर इस कानून पर हो गए हैं. इस कानून को लागू करने से किसी भी राज्य का मुख्यमंत्री मना नहीं कर सकता है. मैंने सीएए के समर्थन में पिछले दिनों जयपुर में आयोजित सभा में भी कहा था आज भी कह रहा हूं इस कानून को लागू करने से तुम तो क्या तुम्हारी सात पीढी भी नहीं रोक पायेगी.
केंद्र सरकार ने तीन बडे कानून देश में लागू किये है धारा 370, ट्रिपल तलाक और अब नागरिकता संशोधन जिस पर कांग्रेस ने हाथ खडे कर दिए हैं. इन कानूनों के आने से कांग्रेस के वोट पर पडी है चोट. अब सीएए कानून पर गहलोत सरकार प्रदेश की जनता में विधवेश फैला करके वोट बैंक की राजनीति कर रही है. इस कानून को लेकर प्रदेश में मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में निकाले गये पैदल मार्च में 90 फीसदी वो लोग थे जिनको वो भ्रमित कर रहे हैं.
उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के पीडब्ल्यूडी विभाग के कामकाज पर सवाल उठाते हुए गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग में सडकों पर कोई कामकाज नहीं हो रहा है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्यमंत्रियों के बंगला खाली करने सम्बंधित आदेश पर पूर्व सीएम राजे के बंगला खाली करने सम्बंधित सवाल पर कहा कि कोर्ट के आदेश पर बंगला खाली करवाना सरकार का काम है वो क्यों बंगला खाली नहीं कर रही है यह उन्हें पता.