देश में जब इस बात को लेकर हर कोई जानना चाहता था कि मंत्रीमंडल में किसका नंबर लगेगा. उसी वक्त एक अप्रत्याशित खबर आई. खबर थी कि नीतीश कुमार की जनता दल यूनाईटेड मोदी सरकार में शामिल नहीं होगी. खबर आने के बाद राजनीतिक हल्कों में तहलका मच गया. नहीं शामिल होने के कारण तलाशे जाने लगे. लेकिन फिर कुछ समय बाद जानकारी आई कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री से चर्चा कर अपनी बात उनके समक्ष रख दी है. जिसमें उनकी तरफ से कहा गया कि जेडीयू सरकार में शामिल नहीं होगी.
शुरुआत में कयास लगाए जाने लगे कि नीतीश कुमार जो विभाग चाहते थे, वह विभाग जेडीयू को नहीं दिया जा रहा था. इसलिए नीतीश नाराज है. मगर बाद में खुद नीतीश कुमार ने स्थिति को साफ कर दिया. उनकी तरफ से कहा गया कि जेडीयू का बीजेपी सरकार को समर्थन जारी रहेगा. लेकिन यह समर्थन बाहरी तौर पर रहेगा. जेडीयू सरकार में शामिल नहीं होगी.
जेडीयू की हर हाल में मोदी सरकार में हिस्सेदारी हो, इसके लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी ने अंत समय तक जमकर प्रयास किए, लेकिन वे नीतीश कुमार को इसके लिए नहीं मना पाये. नीतीश अपनी पार्टी के किसी एक सांसद को मंत्री बनवाने के लिए तैयार नहीं हुए. जेडीयू के सरकार में शामिल नहीं होने के ये प्रमुख कारण रहे है –
पहला कारण 16 सांसद होने के बावजूद जेडीयू का मंत्रिमंडल में सिर्फ एक ही मंत्री बनाना रहा है. नीतीश कुमार ने पीएम मोदी और अमित शाह से चर्चा के दौरान कहा था कि जब अकाली दल के सिर्फ दो सांसद हैं और उन्हें एक मंत्री पद मिल रहा है और रामविलास पासवान की लोजपा के छह सांसद हैं और उन्हें एक कैबिनेट का पद मिल रहा है, तो आपकी तरफ से 16 सांसद वाली जेडीयू को किस आधार पर सिर्फ एक ही कैबिनेट मंत्री पद दिया जा रहा है.
जेडीयू के लिए नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से दो मंत्रालयों की मांग की थी. उन्होंने इसके लिए सांसदो को भी चुन लिया था. नीतीश जेडीयू की तरफ से मुगेंर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर आए ललन सिंह और आरसीपी सिंह को मंत्री बनाना चाहते थे, लेकिन बीजेपी जेडीयू को एक मंत्री पद ही देना चाह रही थी. जिसके कारण बाद में नीतीश कुमार ने मंत्रीमंडल में शामिल नहीं होने का फैसला किया.
शुक्रवार को इसी मामले को लेकर नीतीश कुमार ने मीडिया के सामने आकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि जब मुझे बताया गया कि जेडीयू की तरफ से मंत्रिमंडल में एक सांसद को शामिल किया जा रहा है तो मैंने कहा कि हमें मंत्री पद की कोई आवश्यकता नहीं है. लेकिन इस मामले को लेकर पार्टी के लोगों से चर्चा जरूर करुंगा.
नीतीश ने आगे कहा कि मैंने पार्टी के सभी लोगों से पूर्व में इस विषय पर चर्चा की थी. सभी ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि हम सरकार में शामिल होकर ही अपनी भागीदारी दिखाएं, हम साथ हैं पर दुखी नहीं. राजनीति में जेडीयू के लिए सांकेतिक भागीदारी की कोई जरूरत नहीं है.
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