मोदी मंत्रिमंडल में गजेन्द्र सिंह शेखावत और अर्जुन राम मेघवाल को तो जगह मिलनी तय थी, लेकिन कैलाश चौधरी के नाम ने सबको चौंका दिया. क्योंकि बाड़मेर से पहली बार चुने गए सांसद कैलाश चौधरी का विवादों से गहरा नाता रहा है. हिस्ट्रीशीटर रहने के साथ कैलाश चौधरी अपने बेतुके बयानों के लिए भी विवादास्पद रहे हैं. यह वही कैलाश चौधरी है जिन्होंने राहुल गांधी को गद्दार बताते हुए उन्हें शूट करने वाला बयान दिया था. दरअसल, कैलाश चौधरी ने यह बयान राहुल गांधी के कन्हैया प्रकरण में जेएनयू में जाने के बाद दिया था.
इस दौरान कैलाश चौधरी ने कहा कि जिसे कांग्रेस अपना राजकुमार मान रही है वह तो गद्दार है, क्योंकि देशद्रोहियों का समर्थन करना भी देशद्रोह है. इसलिए राहुल को या तो फांसी पर चढा दिया जाए या फिर शूट कर देना चाहिए. चौधरी के इस बयान पर काफी बवाल हुआ था. यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ प्रदर्शन करते हुए जयपुर में सरकारी आवास पर कालिख भी पोत दी थी. इसके अलावा पैंथर के बच्चे के साथ उनकी सोशल मीडिया पर वायरल हुई फोटो को लेकर भी चौधरी की खूब निंदा हुई थी.
जब भीमराव अंबेडकर स्मारक पर जूते पहनकर चढ़े थे
लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कैलाश चौधरी उस वक्त भी विवादों में आ गए थे, जब उन्होंने एक सभा में कहा कि यह चुनाव इस बार पाकिस्तान से संचालित हो रहा है. इससे पहले चौधरी को जब 6 अप्रैल को लोकसभा की टिकट मिली तो उसके अगले दिन बाड़मेर मे अंबेडकर की प्रतिमा पर फूलमाला पहनाने पहुंच गए. इस दौरान स्मारक पर चौधरी जूते पहनकर ही चढ गए.
सोशल मीडिया पर उनकी यह तस्वीर जमकर वायरल हुई थी. वोटिंग के दिन भी उन पर और उनके समर्थकों पर दलितों के वोट बटोरने के लिए उनके साथ मारपीट की झूठे फोटो वायरल करने के आरोप लगे. इतना ही नहीं पुलिस रिकॉर्ड में कैलाश चौधरी हिस्ट्रीशीटर भी है. उन पर मारपीट और धोखाधड़ी के कईं मामले दर्ज हुए थे. इन तमाम चीजों के बाद भी कैलाश चौधरी का केन्द्र में मंत्री बनना हर किसी के लिए सरप्राइज है.
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