नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बार फिर देश में बीजेपी की सरकार बनी है. मोदी दोबारा देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं और उनके मंत्री शपथ ले चुके हैं. इस मंत्रिमंडल में राजस्थान के गजेंद्र सिंह शेखावत को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई गई तो अर्जुनराम मेघवाल और कैलाश चौधरी को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई.
जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर नरेंद्र मोदी ने कई सियासी समीकरण साधने का प्रयास किया है. गजेंद्र सिंह शेखावत को कैबिनेट मंत्री बनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी राष्ट्रीय नेतृत्व ने वसुंधरा राजे को भी संदेश देने का प्रयास किया है कि आने वाले दिनों में प्रदेश में बीजेपी का नया नेतृत्व तैयार होगा.
आपको बता दें कि कुछ महीनों पहले केंद्रीय नेतृत्व गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहता था, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के ईगो के कारण केंद्रीय नेतृत्व को अपने कदम पीछे हटाने पड़े और मदन लाल सैनी को प्रदेश की कमान सौंपी गई. उसी समय से केंद्रीय नेतृत्व और वसुंधरा राजे के बीच तकरार शुरू हो चुकी थी जो अभी तक जारी है.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस बार विपरीत परिस्थितियों में चुनाव लड़ा, जहां उनके सामने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को हराने की चुनौती तो थी ही उन्हें भितरघात का भी खतरा था, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने भी जोधपुर लोकसभा सीट को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने जोधपुर आकर चुनाव प्रचार किया और कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर चुनाव की प्रचार में जुटने का आह्वान किया.
मोदी और शाह की रैली का असर भी नजर आया और बीजेपी का आम कार्यकर्ता एक बार फिर पूरे जोश के साथ गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ खड़ा हुआ. यही कारण था कि कांटे की टक्कर माने जाने वाला यह मुकाबला एकतरफा साबित हुआ और गजेंद्र सिंह शेखावत ने करीब पौने 3 लाख मतों से जीत हासिल की.
एक ओर जहां पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह को इस बार भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली, वहीं मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरोधी खेमे में माने जाने वाले गजेंद्र सिंह शेखावत को कैबिनेट मंत्री की भूमिका में लाया गया है. इससे यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्रदेश से वसुंधरा राजे की विदाई तय है. केंद्रीय नेतृत्व ने जहां गजेंद्र सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया है तो वहीं राज्यवर्धन सिंह को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया.
अब ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में राज्यवर्धन सिंह को प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है. निश्चित रूप से गजेंद्र सिंह शेखावत का प्रदेश की राजनीति में कद बढ़ा है. अब देखना होगा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के रूप में तैयार किया गया प्लान बी सफल होता हैं या नहीं.
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