‘कोई व्यक्ति पद के लिए विवाद करे ये ठीक नहीं, पदों पर बैठे लोगों को रखनी चाहिए शब्दों की गरिमा’

मेरे पास न इतना अनुभव है, न मैं 3 बार का मुख्यमंत्री, तीन बार का कैबिनेट मंत्री या तीन बार का मुख्यमंत्री नहीं हूं लेकिन इसके बावजूद भी मुझे दुख हो रहा है कि मुझे सही शब्द इस्तेमाल करने की बात उस नेता को कहनी पड़ रही है जो खुद को कहते हैं हमारा संरक्षक, वो अपनी भाषा का स्तर इतना नीचे नहीं ले जा सकते जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल हो कमज़ोर- हरीश चौधरी

हरीश चौधरी के निशाने पर गहलोत
हरीश चौधरी के निशाने पर गहलोत

Harish Choudhry On Rajasthan Politics. अगले साल के अंत में राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में जारी आंतरिक खींचतान अब खुलकर सामने आ चुकी है. कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी रहने वाले मंत्री भी अब उनके पक्ष में नजर नहीं आ रहे हैं. सीएम गहलोत द्वारा सचिन पायलट को गद्दार कहने वाले बयान पर कांग्रेस आलाकमान के करीबी एवं कांग्रेस की सर्वोच्च बॉडी स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य हरीश चौधरी ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया है. बायतु विधायक हरीश चौधरी ने कहा कि, ‘कम से कम पद पर बैठे हुए लोगों को शब्दों की गरिमा रखनी चाहिए. यही नहीं जो एडवाइजरी संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने लागू की है वह सभी नेताओं पर लागू है. चाहे वह किसी भी पद पर क्यों नहीं बैठा हो. हमने कभी भ्रम भ्रांति में शब्दों का गलत प्रयोग नहीं किया. कई नेता शब्दों का प्रयोग करते हैं तो हम उन्हें कहते हैं गलत है.’

गुरुवार देर शाम हुई गहलोत कैबिनेट की बैठक में OBC आरक्षण विसंगतियों को दूर करने के फ़ैसले के बाद कांग्रेस नेता हरीश चौधरी ने पत्रकार वार्ता कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कैबिनेट के सदस्यों का आभार व्यक्त किया है. प्रेस वार्ता के दौरान OBC आरक्षण से जुड़े मसले और राजस्थान कांग्रेस के वर्तमान हालातों को लेकर भी हरीश चौधरी ने तल्ख़ तेवर दिखाए. हरीश चौधरी ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘सरकार ने OBC आरक्षण से जुड़ी विसंगतियों को दूर करने का जो फैसला लिया है उसका मैं स्वागत करता हूँ.’ वहीं इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा दिए गए बयान से जुड़े सवाल पर हरीश चौधरी ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री ने खुद जाट और राजपूत के नाम पर भ्रांति फैलाई है जबकि हमने ऐसी कोई बात नहीं की. यह बात बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. यही कारण था कि मुझे टकराव की स्थिति में आना पड़ा. बिना किसी मतलब के मुझे निराधार विवादों में लाया गया. मुख्यमंत्री जो चुनाव लड़ते हैं वह भी किसी न किसी जाति के खिलाफ लड़ते हैं.’

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पत्रकार वार्ता के दौरान जब पूर्व मंत्री हरीश चौधरी से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा सचिन पायलट को गद्दार बताने से जुड़े सवाल पुछा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘पार्टी ने एडवाइजरी जारी कर रखी है लिहाज़ा मैं बहुत अधिक नहीं बोल सकता. लेकिन कोई भी पार्टी से बड़ा नहीं है मेंने पंजाब के प्रभारी बनने के बाद मंत्री पद छोड़ दिया. कोई व्यक्ति अगर पद के लिए विवाद करे ये ठीक नहीं है. भारत जोड़ो यात्रा से पहले इस तरह का विवाद ठीक नहीं लेकिन कोई भी नेता हो कितना भी बड़ा हो, उसे अपने शब्दों की गरिमा और मर्यादा का ख्याल करना चाहिए. अगले साल के अंत में राजस्थान में चुनाव हैं. अब राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को दोबारा सरकार बनानी है. ऐसे में पदों की लड़ाई में इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करने की जगह पार्टी ने जो हमें दिया है वह वापस लौटना होगा.’

हरीश चौधरी ने कहा कि, ‘अगर हम पार्टी को वापस लौटाने की सोच रखेंगे तो सरकार राजस्थान में कांग्रेस की दोबारा बनेगी. हम सरकार बनाने की लाइन में उस समय खड़े हो जाएंगे, जब हम पार्टी को वापस लौटने की लाइन में खड़े होंगे.’ हरीश चौधरी ने बिना नाम लिए सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘किसी भी नेता को पार्टी को नुक़सान पहुंचाने वाले बयान नहीं देने चाहिए. मेरे पास न इतना अनुभव है, न मैं 3 बार का मुख्यमंत्री, तीन बार का कैबिनेट मंत्री या तीन बार का मुख्यमंत्री नहीं हूं. लेकिन इसके बावजूद भी मुझे दुख हो रहा है कि मुझे सही शब्द इस्तेमाल करने की बात उस नेता को कहनी पड़ रही है जो खुद को हमारा संरक्षक कहते हैं. वो अपनी भाषा का स्तर इतना नीचे नहीं ले जा सकते जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल कमज़ोर हो. सार्वजनिक तौर पर उन्होंने यह कहा था कि वह हमारे संरक्षक हैं.’

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पत्रकार वार्ता के दौरान हरीश चौधरी ने कहा कि, ‘कम से कम पद पर बैठे हुए लोगों को शब्दों की गरिमा रखनी चाहिए. यही नहीं जो एडवाइजरी संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने लागू की है वह सभी नेताओं पर लागू है. चाहे वह किसी भी पद पर क्यों नहीं बैठा हो. हमने कभी भ्रम भ्रांति में शब्दों का गलत प्रयोग नहीं किया. कई नेता शब्दों का प्रयोग करते हैं तो हम उन्हें कहते हैं गलत है.’ वहीं बयानबाज़ी के ख़िलाफ़ कार्रवाई के सवाल पर हरीश चौधरी ने कहा कि, ‘ये पार्टी को तय करना है. पार्टी इस संबंध में जो भी उचित होगा वो निर्णय करेगी.’ वहीं 25 सितंबर को हुए सियासी घटनाक्रम के बाद से प्रदेश कांग्रेस के कई विधायकों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के पास रखे हुए हैं. जब हरीश चौधरी से इससे जुड़ा सवाल पुछा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘इस्तीफ़ा सौंपने वालों की लिस्ट में मैं शामिल नहीं हूं.’

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