महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महायुति ने अभी से कमर कस ली है. यूंकि प्रदेश में त्रिकोणीय सरकार काबिज है, ऐसे में कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा, यह कहना मुश्किल है. हालांकि तीनों दलों ने अपनी अपनी योजनाओं पर काम करना शुरू कर दिया है. अंदरखाने से पता चला है कि राज्य के सीएम एकनाथ शिंदे के समर्थन वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी 90-90 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं. शेष 108 सीटें बीजेपी और अन्य सहयोगी दलों के लिए छोड़ी जाएंगी. वहीं भारतीय जनता पार्टी अकेले 150 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है. इसी बीच अपनी इच्छा को जग जाहिर करते हुए एकनाथ शिंदे ने प्रदेश की 93 सीटों पर विधानसभा इंचार्ज और ऑब्जर्वर की नियुक्ति कर अपने मंसूबे स्पष्ट कर दिए हैं.
पार्टी ने राज्य में अपना आधार मजबूत करने के लिए विधानसभा इंचार्ज और ऑब्जर्वर की नियुक्ति की है. पार्टी की ओर से महाराष्ट्र के लिए पर्यवेक्षकों और प्रभारियों की पहली सूची जारी कर दी गई है. शिवसेना ने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 46 विधानसभा क्षेत्रों के लिए प्रभारियों और 93 विधानसभा क्षेत्रों के लिए ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं.
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दूसरी ओर, आम चुनाव में आशानुरूप प्रदर्शन न कर पाने के बाद अजित पवार अपने आपको महायुति में घुटा हुआ महसूस कर रहे हैं. आरएसएस और बीजेपी नेताओं की ओर से भी उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने का प्रयत्न्न किया जा रहा है. अजित भी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की मंशा पहले ही दिल्ली आलाकमान को बता चुके हैं. हालांकि इस ओर गौर नहीं किया जाना तय है. हो सकता है कि आने वाले वक्त में अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी अकेले चुनावी मैदान में दो दो हाथ करते हुए नजर आए.
मराठा आरक्षण पर विपक्ष को घसीटा
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर शरद पवार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय के समर्थन से जो शासक बने, वे मौका मिलने पर उनके साथ न्याय करने में विफल रहे. महाराष्ट्र के सीएम ने आगे कहा कि वो महाविकास आघाडी (एमवीए) सरकार ही थी, जो मराठा समुदाय को आरक्षण देने के देवेंद्र फडणवीस सरकार के फैसले का सुप्रीम कोर्ट में बचाव नहीं कर सकी. उनकी सरकार ने ओबीसी समूहों के कोटे को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण दिया. जब हम फिर से सत्ता में आए, तो हमने आरक्षण दिया.
288 सीटों पर होने हैं विसभा चुनाव
आगामी तीन से चार महीनों में महाराष्ट्र में 288 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने हैं. एक तरफ महायुति है जिसमें भारतीय जनता पार्टी, एनसीपी और शिवसेना है. दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी (MVA) है जिसमें कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी और उद्दव ठाकरे की शिवसेना है. एमवीए में सीटों के बंटवारे को लेकर ज्यादा पेंच नहीं हैं. यहां बराबर का साझा होना तय है. हर दल करीब 95 सीटों पर चुनाव लड़ेगा. दूसरी ओर, महायुति में साझेदारी को लेकर पेंच फंसा हुआ है. प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भारतीय जनता पार्टी 150 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ना चाहती है. वहीं एकनाथ शिंदे और अजित पवार 90 सीटों से कम पर राजी नहीं हो रहे हैं. ऐसे में यहां खेल बिगड़ता हुआ नजर आ रहा है. महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में यही संभावना जताई जा रही है कि आगामी विधानसभा चुनाव में महायुति का टूटना तय है.