कभी 5 लाख की इनामी रही इन्द्रा को हाईकोर्ट से मिली जमानत, बड़ा सवाल क्या भंवरी केस हो गया खत्म!

भंवरी देवी केस के सभी आरोपियों को मिली जमानत, मास्टर माइंड इंद्रा विश्नोई को भी हाईकोर्ट से मिली राहत, अब सभी के मन में ये सवाल- क्या खत्म हो गया भंवरी केस, एक जमाने में मरुधरा की राजनीति में भूचाल लाने वाले इस केस को लेकर सभी अचंभित, इन्द्रा ने 5 साल साध्वी बन काटी थी फरारी, नर्मदा के तट पर भीख मांगकर किया था गुजारा

बड़ा सवाल क्या भंवरी केस हो गया खत्म!
बड़ा सवाल क्या भंवरी केस हो गया खत्म!

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के बहुचर्चित भंवरी हत्याकांड की मास्टरमाइंड इंद्रा विश्नोई की बुधवार को हाईकोर्ट में जमानत मिल गई है. भंवरी केस में इंद्रा को सबसे आखिर में जमानत मिली है. अब इस केस से जुड़े सभी 17 आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. राजस्थान हाईकोर्ट में मंगलवार को इंद्रा की जमानत याचिका तकनीकी कारणों से उलझ गई थी. फिर वापस नई याचिका लगाई गई थी. इस याचिका पर आज बुधवार को सुनवाई हुई और उनकी जमानत मंजूरी हो गई. इससे पहले पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा और पूर्व विधायक मलखान विश्नोई और भंवरी के पति अमरचंद को भी हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी. सियासी गलियारों में अब इस केस को लेकर चर्चा है कि क्या अब जब सभी आरोपी जेल से बाहर हैं तो आखिरी भंवरी का मर्डर किसने किया था. मजे की बात यह कि मलखान विश्नोई ने तो पंचायत चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रचार भी किया.

भंवरी मामले के सभी आरोपी जेल से बाहर
भंवरी प्रकरण में गिरफ्तार 17 आरोपियों में से 16 को पहले ही जमानत मिल चुकी थी. सिर्फ इंद्रा विश्नोई को जमानत नहीं मिल पाई थी. इंद्रा की तरफ से पहले सीधे हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की गई. इसके बाद लोअर कोर्ट में याचिका लगाई गई, जो खारिज हो गई. अन्य सभी आरोपियों ने पहले लोअर कोर्ट में याचिका दायर की. वहां से खारिज होने पर हाईकोर्ट में अपील की गई. इसके बाद इंद्रा की तरफ से इस तकनीकी खामी को दूर करते हुए लोअर कोर्ट में याचिका पेश की गई. लोअर कोर्ट ने 2 सितम्बर को उसकी याचिका को खारिज कर दिया. कल मंगलवार को न्यायाधीश दिनेश मेहता ने इंद्रा के वकील को पुरानी याचिका को वापस लेने की लिबर्टी प्रदान की थी. इसके बाद इंदिरा की तरफ से पुरानी याचिका को वापस ले लिया गया. नई याचिका दाखिल की गई थी.

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सुप्रीम कोर्ट का आदेश रहा निर्णायक
मामले में आरोपी परसराम विश्नोई ने अपनी जमानत को लेकर अधीनस्थ न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट गुहार की. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब यह तथ्य सामने आया कि 10 वर्षों से आरोपी जेल की सलाखों के पीछे हैं और मामले में अभी तक सिर्फ सुनवाई चल रही है और पूरे गवाह भी नहीं किए जा सके. तो सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए आरोपी परसराम की जमानत अर्जी को 27 जुलाई 2021 को स्वीकार कर लिया था.

यह है भंवरी देवी केस
जोधपुर जिले के बिलाड़ा थाने में अमरचंद नाम के एक व्यक्ति ने एक सितम्बर 2011 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी पत्नी एएनएम भंवरी देवी लापता है. साथ ही उसने अपनी पत्नी के अपहरण की आशंका जताते हुए तत्कालीन राज्य सरकार में मंत्री महिपाल मदेरणा सहित दो तीन लोगों पर शक जाहिर किया. इसके बाद यह मामला सुर्खियों में आ गया. मामले की जांच कुछ आगे बढ़ती इस बीच राज्य सरकार ने बढ़ते विरोध को ध्यान में रख मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। सीबीआई ने तीन दिसम्बर 2011 को महिपाल मदेरणा के पूछताछ की और उन्हें गिरफ्तार कर लिया. बाद में इस मामले में कांग्रेस विधायक मलखान सिंह विश्नोई का भी नाम आया। उन्हें भी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया.

यह था इंद्रा विश्नोई का ‘मास्टर प्लान’
इंद्रा विश्नोई भंवरी के पास मौजूद मदेरणा की सीडी भी हासिल करना चाहती थी. उसका मकसद था कि इसके दम पर मदेरणा की मंत्री पद से छुट्‌टी हो जाएगी और उसका भाई मलखान विश्नोई मंत्री बन जाएगा. इसके बाद इंद्रा ने अपने भाई मलखान और परसराम से चर्चा कर भंवरी के अपहरण की योजना तैयार की. ताकि अपहरण कर भंवरी से सीडी हासिल की जा सके, लेकिन अपहरण के बाद घटनाक्रम इतनी तेजी से घूमा की भंवरी की हत्या हो गई. भंवरी की हत्या के बाद इंद्रा की पूरी योजना धरी रह गई.

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भंवरी के पति को 10 लाख देकर अपने पक्ष में करने का था आरोप
इंद्रा विश्नोई पर यह आरोप है कि भंवरी के मर्डर के बाद उसके पति अमरचंद को 10 लाख रुपए दिए. अमरचंद को भंवरी के मर्डर का आरोप मंत्री मदेरणा पर लगाने के लिए तैयार किया. इंद्रा के कहने पर अमरचंद ने मदेरणा के खिलाफ केस दर्ज करवाया और खुद इंसाफ के लिए आंदोलन चलाने लगी. इंद्रा की योजना मदेरणा को भंवरी के मर्डर में फंसाकर अपने भाई मलखान को मंत्री बनवाना थी.

भंवरी बेटी का हक लेना चाहती थी, इंद्रा ने रोका
ANM भंवरी देवी के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा से रिश्ते थे. भंवरी के पास मदेरणा के साथ की एक सीडी भी थी. ऐसा कहा जाता है कि इंद्रा के भाई और पूर्व एमएलए मलखान सिंह विश्नोई से भी भंवरी के संबंध थे. उससे एक बेटी भी थी. भंवरी उस बेटी का हक मांगने की धमकी दे रही थी. अपनी बेटी को हक दिलाने की मांग को लेकर एक बार भंवरी पुलिस थाने तक भी जा पहुंची. वहां से उसे इंद्रा विश्नोई ही उसे समझा कर वापस लेकर गई. इंद्रा ने भंवरी को कदम-कदम पर रोका था.

मध्यप्रदेश में नर्मदा के तट पर काटी फरारी
करीब एक दशक पहले सितंबर 2011 में ANM भंवरी देवी के अपहरण का मामला दर्ज होने के बाद इंद्रा भी सुर्खियों में आई थी. 3 नवंबर 2011 को सीबीआई ने पहली बार उससे पूछताछ की थी. एक महीने में उससे 6 बार पूछताछ की गई थी. फिर 3 दिसंबर 2011 को इंद्रा विश्नोई फरार हो गई थी. इंद्रा के राज उगलने के बाद ही सीबीआई ने ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां शुरू की थी. लंबे समय तक इंद्रा विश्नोई ने फरारी काटी. करीब साढ़े पांच साल तक इंद्रा ने मध्यप्रदेश के नेमावर में नर्मदा नदी के तट पर गुमनाम जीवनयापन कर फरारी काटी थी. इन्द्रा को उसके एक समर्थक ने अपने यहां पनाह दे रखी थी. जानकारी के अनुसार, इंदिरा मोबाइल फोन और एटीएम का उपयोग भी नहीं कर रही थी ताकि पुलिस को उसका सुराग न मिल सके. लेकिन एक बार जोधपुर आने के बाद पुलिस इन्द्रा के पीछे लग गई. 5 लाख रुपए की इनामी इंद्रा बहुत मुश्किल से पकड़ में आई थी. वह साल 2017 में पकड़ी गई और तभी से जेल में थी.

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घर तक नीलाम करने की कोशिश, खरीदने वाला कोई नहीं था
इंद्रा विश्नोई के फरार होने के बाद पुलिस ने उसे खोजने की काफी कोशिश की, लेकिन उसका कोई पता नहीं लग पाया. आखिरकार कोर्ट के माध्यम से उसके सरस्वती नगर स्थित इंद्रा के मकान को नीलाम करने का ऑर्डर जारी किया गया. इस मकान को राज्य सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया. कई बार इसे नीलाम करने की प्रक्रिया की गई, लेकिन इंद्रा के भय से कोई खरीदार ही सामने नहीं आया. यह मकान अब भी राज्य सरकार के कब्जे में है.

 

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