Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में लगातार हो रही बारिश के बाद से प्रदेश के 10 जिलों में बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. प्रदेश में इस बार बारिश का रिकॉर्ड टूटा है. आमतौर पर 24 अगस्त तक राजस्थान में 428.65 एमएम बारिश होती है, लेकिन साल 2022 में अब तक 582.74 एमएम बारिश हो चुकी है. राज्यभर में अब तक 154 एमएम बारिश ज्यादा हुई है. लेकिन बारिश का ये दौर अभी थमा नहीं है. मौसम विभाग अगले 5 दिनों में प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी दी है. वहीं सरकार ने सभी कलेक्टर्स से रिपोर्ट मांगी है कि किस क्षेत्र में कितने लोग बाढ़ से प्रभावित हो रहे हैं. इसी बीच बुधवार के बाद गुरुवार को भी सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालावाड़, भीलवाड़ा और बूंदी के बाढ़ प्रभावित इलाकों के हवाई दौरे पर रहीं. इस दौरान मैडम राजे ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. मैडम राजे ने कहा कि, ‘ज़रूरत के वक्त जो जनता की मदद ही नहीं कर पाये तो वह कैसी सरकार.’
राजस्थान में इस बार भारी बारिश के कारण कोटा, बूंदी, झालावाड़ समेत कुछ जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. फिलहाल इन जिलों में सेना को मदद के लिए बुलाया गया है. सेना ने सैकड़ों लोगों को निकाल लिया है और शेल्टर होम पहुंचा दिया गया है. ऐसे गुरूवार को दूसरे दिन भी सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. गुरूवार को मैडम राजे ने झालावाड़, भीलवाड़ा और बूंदी जिले में हवाई सर्वे किया. इससे पूर्व वे झालावाड़ में बाढ़ प्रभावित लोगों से भी मिली. मैडम राजे ने ट्वीट कर बताया कि, ‘आज भी झालावाड़ ज़िले में अतिवृष्टि क्षेत्र का जायजा लेने के लिए हवाई सर्वेक्षण किया. हाड़ोती में बाढ़ से हालात बदतर हो गए हैं. बांधों से पानी छोड़ना पड़ रहा है और चंबल भी अपने रौद्र रूप पर है. पीड़ितों को सरकारी मदद की आस है, लेकिन उन्हें कोई सहायता नहीं मिल रही है.’
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मैडम राजे ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि, ‘मैंने भूमडा, बकानी, रायपुर, पाटन, हिम्मतगढ, पिड़ावा, डग, कल्याणपुर, गंगधार, गागरोन सहित कई क्षेत्रों का दौरा किया. हर तरफ हालात भयावह है. खेतों में आड़ी पड़ी फसलों को देखकर मन व्यथित है. इस परिस्थिति में किसानों एवं पशुपालकों का दर्द समझा जा सकता है.’ वहीं हवाई सर्वेक्षण के बाद मैडम राजे ने पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. मैडम राजे ने कहा कि, ‘कांग्रेस सरकार के समय जब भी कोई आपदा आती है तब बयान, निर्देश और दौरों से आगे कुछ नहीं होता. गत वर्ष बाढ़ में जो ख़राबा हुआ वह इसका प्रमाण है. प्रदेश के कई लोगों को गत वर्ष बाढ़ में हुए नुक़सान का अब तक भी मुआवज़ा नहीं मिला.’
बाढ़ के कारण किसानों को हुए नुकसान का जिक्र करते हुए मैडम राजे ने कहा कि, ‘किसान बाढ़ में पिछले साल हुई फसलों की तबाही अभी भूल भी नहीं थे कि फिर ख़रीफ़ की कई फसलों में भारी बर्बादी ने उन्हें रुला दिया. किसी भी पीड़ित के आंसू तत्काल पोंछे जाते हैं न कि सालों बाद. जबकि यह सरकार तो समय निकल जाने के बाद भी पीड़ित के आंसू नहीं पोंछती.अगर ज़रूरत के वक्त मदद नहीं कर पाये तो वह कैसी सरकार. किसी भी नुक़सान का समय पर मुआवज़ा नहीं मिले तो उसका उस व्यक्ति के लिए कोई विशेष औचित्य नहीं रह जाता. हमारी सरकार के समय पर न केवल ख़राबे का तत्काल सर्वे किया जाता था, बल्कि निश्चित समय सीमा में मुआवज़ा दिया जाता था.’
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पत्रकारों से बात करते हुए मैडम राजे ने कहा कि, ‘पहले आपदा में 50 प्रतिशत के अधिक ख़राबे पर ही किसानों को मुआवज़ा मिलता था, लेकिन हमारी सरकार के समय प्रधानमंत्री जी से निवेदन कर हमने इस नियम को 33 प्रतिशत पर करवाया. कई लोगों का गत वर्ष का सोयाबीन फसल बीमा क्लेम अभी भी बाक़ी है. ऐसे में मैं राज्य सरकार से मांग करती हूँ कि, ख़राबे का आँकलन करवा कर लोगों को तुरंत मुआवज़ा दिया जाए.’ वहीं मैडम राजे के इस हवाई सर्वेक्षण में उनके साथ उनके बेटे एवं सांसद दुष्यंत सिंह भी थे.