Arvind Singh Mewar Latest News – मेवाड़ राजवंश के प्रतिष्ठित सदस्य के रूप में एक नाम ‘अरविंद सिंह मेवाड़’ का आता है, जो अब हमारे बीच नहीं रहे है. 81 वर्ष की आयु में वह इस दुनिया से कूच कर गए. उनके जाने के साथ ही इतिहास के एक गौरशाली, खानदानी सदस्य का स्थान भी रिक्त हो गया क्योकि वह महाराणा प्रताप के वंशज से थे. महाराणा प्रताप को हमारे देश के गौरव है और उनकी वीरता से आज भी हम प्रोत्साहन लेते है. तो ऐसे ही महान, प्रतापी राजवंशी ‘अरविंद सिंह मेवाड़’ के जीवन परिचय पर एक नजर डालते है और उनको नमन करते है.
अरविंद सिंह मेवाड़ की जीवनी (Arvind Singh Mewar Biography in Hindi)
पूरा नाम | अरविंद सिंह मेवाड़ |
उम्र | 80 साल |
जन्म तारीख | 13 दिसंबर 1944 |
जन्म स्थान | उदयपुर के मेवाड़ साम्राज्य |
निधन की तारीख | 16 मार्च 2025 |
निधन की जगह | उदयपुर |
निधन की वजह | लंबे समय से बीमार |
शिक्षा | स्नातक |
कॉलेज | मेट्रोपॉलिटन कॉलेज, सेंट एल्बंस, ब्रिटेन (युके) |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | भगवत सिंह मेवाड़ |
माता का नाम | शुशीला कुमारी |
पत्नी का नाम | विजयराज कुमारी |
बच्चे | दो लड़कियाँ, एक लड़का |
बेटें का नाम | लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ |
बेटी का नाम | भार्गवी कुमारी और पद्मजा कुमारी |
आवास | सिटी पैलेस, उदयपुर |
अरविंद सिंह मेवाड़ का जन्म और परिवार (Arvind Singh Mewar Birth & Family)
अरविंद सिंह मेवाड़ का जन्म 13 दिसंबर 1944 को उदयपुर के मेवाड़ साम्राज्य में हुआ था. ब्रिटिशकाल होने के कारण उस समय देश के कई राज्यों और शहरो के नाम अलग थे.
उनके पिता का नाम भगवत सिंह मेवाड़ तो उनकी माता का नाम शुशीला कुमारी था. अरविंद सिंह मेवाड़ अपने माता पिता की दूसरी संतान थे.
अरविंद सिंह ने 1972 में विजयराज कुमारी से विवाह किया था. विजयराज कुमारी कच्छ के महाराज विजयराजजी के पुत्र फतेह सिंह की पुत्री हैं. उनके तीन बच्चे थे. दो लड़कियाँ है जबकि एक लड़का है. भार्गवी कुमारी और पद्मजा कुमारी उनकी बेटियां है जबकि लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ उनके बेटे है.
अरविंद सिंह मेवाड़ की शिक्षा (Arvind Singh Mewar Education)
अरविंद सिंह मेवाड़ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही प्राप्त की थी. इसके बाद 1957 में उन्हें मेयो कॉलेज, अजमेर भेजा गया. वहां जाकर उन्होंने कुछ वर्षो बाद 1961 में सीनियर कैम्ब्रिज की परीक्षा पास की. इसके बाद उन्होंने 1965 तक उदयपुर के महाराणा भूपाल कॉलेज में अध्ययन किया. वही से अरविंद सिंह मेवाड़ ने अंग्रेजी, अर्थशास्त्र एवं राजनीति विज्ञान की पढाई की और इन्ही विषयों में स्नातक बीए किया. लेकिन इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए वह विदेश चले गए. अरविंद सिंह मेवाड़ ने अमरीका और ब्रिटेन से होटल प्रबंधन का अध्ययन का कोर्स किया. मेवाड़ ने 1967 में शिकांगो, अमरीका से जबकि मेट्रोपॉलिटन कॉलेज, सेंट एल्बंस, ब्रिटेन (युके) से होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया था.
अरविंद सिंह मेवाड़ का जीवन (Arvind Singh Mewar Life)
अरविंद सिंह मेवाड़ राजवंशी होने के साथ ही एक व्यवसायी भी थे. वह एचआरएच ग्रुप ऑफ़ होटल्स के अध्यक्ष थे. एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स, जिसका पूरा नाम हिस्टोरिक रिजॉर्ट होटल्स प्राइवेट लिमिटेड है, एक ऐसी संस्था है, जो हेरिटेज होटलों की एक श्रृंखला है. इसका मुख्यालय राजस्थान के उदयपुर में है. इसकी स्थापना वर्ष 1959 में अरविंद सिंह मेवाड़ के पिता भगवत सिंह मेवाड़ ने की थी. उनका उद्देश्य राजमहलों को होटलो में परिवर्तित करना था ताकि पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके. राजस्थान राजपूत राजाओ का गढ़ रहा है पर आजादी के बाद न राजा रहे न राजवंश पर उनके महल अब भी उनके पास थे. तो इन्ही महलो को होटलो में बदलने के लिए एचआरएच ग्रुप ऑफ़ होटल्स की स्थापना की गईं और अरविंद सिंह मेवाड़ अपनी मृत्यु तक इसके अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रहे.
यह एक निजी क्षेत्र के स्वामित वाला व्यवसाय है और यह पर्यटकों को लक्जरी होटल में रहने की सुविधा प्रदान करता है. वर्तमान में, इस समूह में राजस्थान के करीब 10 होटल व रिसोर्ट शामिल है. इनमे मुख्य रूप से उदयपुर का शिव निवास पैलेस, जगमंदिर आइलैंड पैलेस, शिकारबाड़ी होटल, गार्डन होटल तो वही बीकानेर का गजनेर पैलेस और करणी भवन पैलेस है.
अरविंद सिंह मेवाड़ की मृत्यु (Arvind Singh Mewar Death)
अरविंद सिंह मेवाड़ अपने जीवन के अधिकांश समय स्वस्थ जीवन बिताया था पर अपने जीवन के अंतिम वर्षों में उनकी हालत धीरे-धीरे ख़राब होती चली गई थी. वर्षो से उनका उदयपुर के सिटी पैलेस स्थित उनके निवास स्थान पर इलाज चल रहा था. पर इसी बीच 16 मार्च 2025 को 80 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. अरविंद सिंह मेवाड़ चूँकि राजशाही घराने से थे इसलिए उनके निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को रिश्तेदारों, दोस्तों के साथ ही आम लोगो के अंतिम दर्शन के लिए शंभू निवास में रखा गया था. उनका अंतिम संस्कार उदयपुर के महासतिया में किया गया. इस अवसर पर उनके बेटे लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का अलावे उनके भतीजे विश्वराज सिंह मेवाड़ व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.
अरविंद सिंह मेवाड़ की संपत्ति (Arvind Singh Mewar Net Worth)
अरविंद सिंह मेवाड़ राजशाही घराने से थे इसलिए वह कई करोडो के मालिक थे. मेवाड़ 50,000 करोड़ की संपत्ति के स्वामी थे.
मेवाड़ घराना संपत्ति विवादों में घिरा
देश की प्रतिष्ठित यह राजघराना विवादों के बीच घिरा है. विवाद और कुछ नहीं बल्कि वारिस और संपत्ति को लेकर है. भगवत सिंह मेवाड़ के जीवित रहते तो यह ज्यादा तूल नहीं पकड़ा पर उनके गुजरते ही यह विवाद घर से बाहर कोर्ट कचहरी तक पहुंच गया. विवाद का कारण यह रहा कि भगवत सिंह मेवाड़ ने अपने छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ को अपना उत्तराधिकारी शोषित करते हुए सारी संपत्ति उनके नाम कर गए जबकि अपने बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ को बेदखल कर दिया. उनके जीवित तक यह विवाद का बाहर इसलिए नहीं आया क्योकि उनके जीवित तक यह वसीयत गोपनीय थी. पर जब यह सामने आयी तो फिर विवाद शुरू हो गया.
विवाद संपत्ति के साथ ही उपाधि को लेकर भी है. दरअसल मेवाड़ घराने में शासक को राजा नहीं बल्कि एकलिंगजी की ओर से मेवाड़ का संरक्षक अथवा दीवान माना जाता है. एकलिंगजी भगवान् शिव को ही कहा जाता है. अब वसीयत के अनुसार अरविंद सिंह मेवाड़ इसके अधिकारी है जबकि इसका दावा उनके बड़े भाई महेंद्र सिंह मेवाड़ करते आ रहे थे क्योकि वह अपने पिता के सबसे बड़े बेटे थे. वैसे अदालत ने संपत्ति को चार हिस्सों में बाटने का निर्णय सुनाया है.
इस लेख में हमने आपको महाराणा प्रताप के वंशज और पूर्व राजपरिवार के सदस्य अरविंद सिंह मेवाड़ की जीवनी (Arvind Singh Mewar Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.