Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश की वजह से आम जान प्रभावित है. पिछले दो से तीन दिनों में बरसात ऐसी तबाही लेकर आई कि 6 हजार से ज्यादा लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. फिलहाल राजस्थान में मानसून की रफ्तार कम पड़ चुकी है और बारिश का यह विराम कहीं न कहीं आमजन को सुकून देने वाला है, लेकिन, प्रदेश के 10 शहरों में अब भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है. झालावाड़, कोटा, बूंदी, बारां, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, जालोर, सिरोही और टोंक में हालात ये है कि यहां के बांध पूरी तरह से भर चुके हैं. ऐसे में बुधवार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हवाई दौरे के बाद आज सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाड़ौती इलाके का हवाई सर्वेक्षण और शेल्टर होम पहुंच कर आम जनता और बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की. इसके बाद सीएम गहलोत ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि, ‘अभी बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे कराया जाएगा. इसके बाद जितना संभव होगा उतनी मदद करेंगे. ERCP प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद प्रदेश की जनता को बाढ़ से निजात मिल जाएगी.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को राज्य के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया और प्रभावित लोगों से मुलाकात की. सीएम गहलोत ने हेलीकॉप्टर से सबसे पहले बूंदी जिले में अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया. इसके बाद उन्होंने कोटा जिले में राजस्थान-मध्य प्रदेश सीमा तक अतिवृष्टि के कारण बनी स्थिति का मुआयना किया. इस दौरान सीएम गहलोत के साथ नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल, पीपलदा विधायक रामनारायण मीणा, सांगोद विधायक भरत सिंह कुंदनपुर भी रहे मौजूद. हवाई सर्वे के बाद सीएम गहलोत ने कोटा में राहत कैंप में मौजूद अतिवृष्टि प्रभावित लोगों से मुलाकात कर वहां की व्यवस्थाओं की जानकारी ली. कैंप में मौजूद लोगों ने सरकार एवं प्रशासन द्वारा की गईं व्यवस्थाओं पर प्रसन्नता जताई.
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इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने बाढ़ से हुए नुकसान का मुआवजा देने के मामले कहा कि, ‘अभी सर्वे कराया जाएगा. इसके बाद जितना संभव होगा उतनी मदद करेंगे. बाढ़ के कारण कई परिवार बेघर हो गए. चंबल, कालीसिंध, पार्वती और परवन नदी के उफान पर होने के चलते कई गांव टापू बन गए हैं. इन गांवों के कच्चे और पक्के मकान भी नदियों में आए भारी पानी के बहाव के साथ बह गए.’ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘बाढ़ के हालात में जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, सेना और एसडीआरएफ ने अच्छा काम किया है. इस दौरान सीएम गहलोत ERCP का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पूरी होने के बाद यह समस्या दूर हो सकती है. चम्बल और कालीसिंध में मध्यप्रदेश से भी बहुत पानी आया है.’
सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘मैं हर वक़्त ERCP को लेकर क्यों कहता हूँ. जब भी बारिश होती है तो जो पानी आता है फिर वो चाहे चंबल का हो, कालीसिंध का हो या अन्य किसी नदी का ये पानी सीधा समुद्र में चला जाता है. लेकिन अगर ERCP प्रोजेक्ट बनता है तो ये पानी जनता के काम आएगा. अगर ERCP प्रोजेक्ट बन कर तैयार हो जाता है तो इससे जिन क्षेत्रों में आज बाढ़ की स्थिति है उन्हें भी लाभ मिलेगा. लेकिन बीजेपी इसे लेकर राजनीति कर रही है. हमारी सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए 9000 करोड़ रूपये आवंटित कर रखे हैं लेकिन फिर भी केंद्र कह रहा है कि इस प्रोजेक्ट को रोक दो.’ सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘पूर्वी नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने में क्या दिक्कत आ रही है. यह केन्द्र को बताना चाहिए.‘