Politalks.News/VasundharaRaje. राजस्थान के साथ साथ देश भर के कई इलाकों में भारी बारिश के चलते आम जीवन प्रभावित हो रहा है. कोटा संभाग की अगर बात की जाए तो यहां पिछले तीन दिन से हो रही भारी बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं. इसके कारण बांधों से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण बाढ़ के हालात बन गए हैं. चंबल नदी से भी करीब पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. वहीं झालावाड़ जिले में बाढ़ के हालात के चलते पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बुधवार को बारां से झालावाड़ पहुचीं और सांसद दुष्यंत सिंह के साथ हवाई सर्वे के माध्यम से बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया. इसके बाद डाक बंगले में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से बाढ़ के हालातों पर चर्चा की. मैडम राजे ने यहां पत्रकारों से बात करते प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग मर रहें हैं, किसानों की फसलें बर्बाद हो गई, पशुपालकों का पशु धन नष्ट हो रहा है, लोगों के घर ढह गए लेकिन सरकार का अता-पता ही नहीं है.’
राजस्थान के 7 ज़िलों में लगातार हो रही बरसात के बाद बाढ़ जैसे हालातों के बीच प्रभावित क्षेत्रों में स्थितियां बेकाबू हो रही हैं. नौबत यहां तक आ कड़ी हुई कि जिला प्रशासन को मदद के लिए सेना बुलानी पड़ी तो वहीं स्कूल-कॉलेज और कोचिंग संस्थानों की छुट्टियां कर देनी पड़ी हैं. लेकिन इन सब हालातों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजस्थान से ‘दूरी’ चर्चा का विषय बनी हुई है. बीते कुछ दिनों से गहलोत दिल्ली और गुजरात के बीच ही आवाजाही में व्यस्त हैं. राजस्थान में भारी बारिश के चलते पैदा हुए बाद के हालतों के बीच सीएम गहलोत के प्रदेश से बाहर होने पर सूबे की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने मोर्चा खोला हुआ है. बुधवार को राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालावाड़ जिले में भारी बारिश के बाद उपजे हालातों का हवाई सर्वेक्षण किया और साथ ही प्रदेश सरकार पर निशाना साधा.
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मैडम राजे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘हवाई सर्वेक्षण के दौरान मेरी जिधर भी नजर पड़ी, उधर ही तबाही का मंजर दिखाई दिया. किसानों की सोयाबीन, उड़द, मक्का, चवला सहित सभी फसलों को काफी नुकसान हुआ है. यदि राज्य सरकार ने गत वर्ष की बाढ़ से सबक लिया होता तो आज इतनी भयानक स्थिति उत्पन्न नहीं होती. प्रदेश के 7 जिलों बारां, झालावाड़, कोटा, धौलपुर, चितौड़गढ़, प्रतापगढ़ और भीलवाड़ा में बाढ़ की स्थिति से लोगों का जन-जीवन प्रभावित हुआ है. लोग छतों से नीचे नहीं उतर पाए, तीन दिन तक भूखे-प्यासे फंसे रहे. लेकिन गहलोत सरकार ने जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है.’
पत्रकारों से बात करते हुए मैडम वसुंधरा राजे ने कहा कि, ‘आश्चर्य तो इस बात का है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग मर रहें हैं, किसानों की फसलें बर्बाद हो गई, पशुपालकों का पशु धन नष्ट हो रहा है, लोगों के घर ढह गए लेकिन सरकार का अता-पता ही नहीं है. मैंने गत वर्ष भी बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लिया था. उस वक्त भी लोगों को बहुत नुकसान हुआ. लेकिन अफसोस गत वर्ष का सोयाबीन का बीमा क्लेम अभी तक बाकी है. मेरी सरकार से मांग है कि खराबे का आंकलन करवाकर तुरंत मुआवजा दिया जाए तथा मृतकों के आश्रितों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए.’
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वहीं मैडम वसुंधरा राजे ने भारतीय सेना, पुलिस एवं अधिकारीयों को धन्यवाद भी दिया. मैडम राजे ने कहा कि, ‘मैं धन्यवाद देना चाहूंगी भारतीय सेना, पुलिस, अधिकारियों, कर्मचारियों और उन सभी लोगों को जिन्होंने रेस्क्यू के माध्यम से मदद कर लोगों की जान बचाई. साथ ही इस प्राकृतिक आपदा में जिन लोगों की मृत्यु हुई है, उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करती हूं.’ बता दें कि मैडम राजे जयपुर से हेलिकॉफ्टर से रवाना होकर बूंदी, कोटा होते हुए बारां पहुंची और यहां जिलेभर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई दौरा किया. झालावाड़ जिले में आने पर पुलिस परेड ग्राउंड स्थल पर उनका हेलिकॉफ्टर उतरा जहां जिला कलेक्टर डा. भारती दीक्षित से बाढ़ से उत्पन्न हालातों की जानकारी लेते हुए मैडम राजे ने प्रभावित लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने के निर्देश दिए.