Rajasthan: राजस्थान में 199 सीटों पर हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम आ चुके हैं. बीजेपी ने बहुमत हासिल कर लिया लेकिन चुनावी परिणाम जारी होने के 9 दिन के बाद भी मुख्यमंत्री चेहरा अभी तक सामने नहीं आ पाया है. आज होने वाली विधायक दल की बैठक के बाद संभवत: सीएम फेस का ऐलान कर दिया जाए. अभी तक सीएम फेस की रेस में कई नए चेहरों की भी एंट्री हो चुकी है. हालांकि वसुंधरा राजे का दावा अभी तक सभी से मजबूत है लेकिन कोई नया चेहरा भी सामने आ सकता है. इससे पहले पिछले 5 विधानसभा चुनावों पर एक नजर डाले तो अब तक चुनावी परिणाम आने के केवल तीन से छह दिनों के भीतर मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होता रहा है. मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल में शामिल कई विधायकों की शपथ भी इसी समय पर हुई है. हालांकि इस बार मुख्यमंत्री फेस पर पेंच फंसा होने के चलते यह स्थिति बन रही है.
गहलोत ने दो दिन, राजे ने तीन दिन में ली शपथ
पिछले पांच चुनावों में अशोक गहलोत सबसे कम दिनों में सीएम पद की शपथ लेने वाले मुख्यमंत्री हैं. 1998 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों के केवल दो दिन के भीतर अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली. परिणाम 28 नवंबर को आए जबकि 1 दिसंबर को गहलोत सीएम बन गए. 2003 में 4 दिसंबर को चुनावी परिणाम आने के केवल तीन दिन के भीतर ही वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री पद का पदभार ग्रहण कर लिया. इसी तरह 2008 में अशोक गहलोत और 2013 में वसुंधरा राज ने चुनावी परिणाम आने के चार दिन के भीतर सीएम पद की शपथ ले ली.
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2018 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद अशोक गहलोत और सचिन पायलट में सीएम बनने की दौड़ कई बार दिल्ली दरबार पहुंची लेकिन इसके बावजूद अशोक गहलोत ने परिणाम के 5वें दिन मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. पायलट ने भी उसी वक्त डिप्टी सीएम का दायित्व संभाल लिया. इस बार ये परिपाठी एकदम उलट है. चुनावी परिणाम 3 दिसंबर को आए थे और 12 दिसंबर तक मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार तक तय नहीं हो सकता है.
इस बार बिना सीएम उम्मीदवार के चुनाव लड़ा
राजस्थान विधानसभा चुनाव में इस बार दोनों दलों ने किसी चेहरे पर दांव नहीं खेला, बल्कि पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ा. बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस ने राहुल गांधी के चेहरे पर चुनाव लड़ा. दोनों ही दलों ने चुनाव से पहले सीएम उम्मीदवार तय नहीं किया था. पिछले कई चुनावों में राजस्थान में सीएम उम्मीदवार के साथ बीजेपी चुनाव लड़ती रही है. पिछले चार चुनावों में बीजेपी ने वसुंधरा राजे के चेहरे पर चुनाव लड़ा है. यहां मुकाबला दो के मुकाबले तीन से आगे चल रहा है. बीते 5 चुनावों में कांग्रेस तीन तो बीजेपी दो बार जीत हासिल कर चुकी है. कांग्रेस की ओर से अशोक गहलोत तीन बार और वसुंधरा राजे बीजेपी की ओर से दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं. इस बार मुख्यमंत्री पद की दौड़ में वसुंधरा राजे के साथ बाबा बालकनाथ, किरोड़ी लाल मीणा, ओम बिरला, ओम माथुर सहित कई नाम चर्चा में चल रहे हैं.
विधायक दल की बैठक में सीएम का नाम तय
आज होने वाली विधायक दल की बैठक में राजस्थान के भावी मुख्यमंत्री का नाम तय होना निश्चत माना जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के साथ विनोद तावड़े और सरोज पांडे्य को पर्यवेक्षक नियक्त किया है. राजस्थान बीजेपी में इस समय मुख्यमंत्री पद के लिए पांच से छह बड़े दावेदार हैं. ऐसे में पार्टी आलाकमान कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है और हर स्तर पर होमवर्क कर रहा है. इससे पहले वसुंधरा राजे अपने आवास पर 47 विधायकों की परेड़ करा शक्ति प्रदर्शन कर चुकी है. इसके बाद माना जा रहा है कि राजस्थान को सीएम फेस के लिए नए चेहरे के लिए अभी कुछ वक्त इंतजार करना पड़ सकता है.