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Rajasthan Politics: कौन बनेगा मुख्यमंत्री? वसुंधरा राजे, बाबा बालकनाथ, ओम बिरला, ओम माथुर में से किसको मिलेगी प्रदेश की कमान? राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद इन प्रश्नों के जवाब का इंतजार पूरे प्रदेश को है. सीएम पद की कश्मकश के बीच केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है. अगले एक सप्ताह में सीएम पद के चेहरे का ऐलान कर दिया जाएगा. इससे पहले बीजेपी राजस्थान में अपने कुनबे को बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रही है. फिलहाल प्रदेश बीजेपी में पार्टी के 115 विधायक हैं लेकिन जल्द ही यह संख्या 120 के पार जा सकती है. इसके लिए बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी पूरी शिद्दत से संपर्क साधने में लगे हैं.

सीएम शपथ से पहले बढ़ने वाला है कुनबा

सूत्रों से खबरें आ रही हैं कि आगामी 16 दिसंबर को सीएम चेहरे का ऐलान किया जा सकता है. इसके बाद रविवार या सोमवार को सीएम शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. उससे पहले माना यही जा रहा है कि बीजेपी विधायकों की संख्या में इजाफा हो सकता है. वैसे तो इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. शिव से निर्दलीय जीत दर्ज करने वाले बीजेपी के बागी रविंद्र सिंह भाटी और चित्तौड़गढ़ से पार्टी के ही बागी चंद्रभान सिंह आक्या ने बीजेपी को समर्थन देने की बात कही है. इन दोनों विधायकों को बीजेपी में फिर से शामिल करने की तैयारी की जा रही है. यह भी बताया जा रहा है कि ये दोनों नेता बीती शाम बीजेपी प्रदेश कार्यालय में ही उपस्थित थे. हालांकि दोनों को विधायक दल की बैठक में आने के बारे में फिलहाल कोई अपडेट हाथ नहीं लगी है.

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अन्य बागियों को भी गले लगाने की तैयारी

विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी से बागी होकर चुनाव जीतने वाले विधायकों को पार्टी ने गले लगाने की तैयारी कर ली है. उन्हें तवज्जो देने के साथ उन पर की गई निलंबन की कार्रवाई भी संगठन जल्दी ही खत्म करेगा. इस विस चुनाव में 8 निर्दलीय जीत कर विधानसभा पहुंचे हैं. इनमें से 7 बीजेपी के बागी रहे है. अभी तक पार्टी ने शिव से बागी विधायक रविंद्र सिंह भाटी, चित्तौढ़ से विधायक चंद्रभाव सिंह आक्या, बाड़मेर से विधायक डॉ.प्रियंका चौधरी, बयाना से विधायक डॉ.रितु बनावत और सांचौर से बागी विधायक जीवाराम चौधरी से संपर्क साध लिया है. चौधरी ने तो अरूण सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी से जयपुर पहुंच अपना समर्थन बीजेपी को दे भी दिया है. बाड़मेर और बयाना की महिला विधायकों ने हालांकि बीजेपी के संपर्क साधने की बात से इनकार किया है लेकिन राजनीतिक हलकों में खबर चल रही है कि इन दोनों को भी जल्द ही बीजेपी के झंडे के नीचे देखा जा सकता है.

एक बागी ने बीजेपी को कहा ‘ना’

बीजेपी के बागी और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के नजदीकी रहे यूनुस खान ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार डीडवाना से जीत दर्ज की थी. विस चुनाव में बीजेपी द्वारा किसी भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट न देने के चलते युनूस खान ने पार्टी छोड़ अपनी पुरानी सीट डीडवाना से निर्दलीय चुनाव लड़ा और विजयी पताका भी फहरा दी. बीजेपी उनसे भी संपर्क साध सकती है. हालांकि खान ने बीजेपी में शामिल होने की सभी अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि विधायक होने के नाते सभी साथी हैं और आपस में मिलते रहते हैं लेकिन मैं बीजेपी ज्वॉइन नहीं करुंगा. उन्होंने ये भी कहा कि फिलहाल समर्थन को लेकर कोई फैसला नहीं किया है. हालांकि राजनीतिक हलकों में यह धारा भी बह रही है कि अगर वसुंधरा राजे सीएम बनती है तो युनूस खान की बीजेपी में वापसी हो सकती है.

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