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Rajasthan politics: राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की बंपर जीत के बाद अब मुख्यमंत्री की रेस रोचक हो चली है. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम रेस में सबसे आगे चल रहा है. वहीं बाबा बालकनाथ को लेकर भी काफी चर्चा चल रही है. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बाबा के नाम पर दिल्ली आलाकमान और आरएसएस की भी सहमति बन चुकी थी लेकिन राजे ने सरकारी बंगले पर 47 विधायकों को बुलाकर केंद्रीय संगठन को पशोपेश में डाल दिया है. राजे का यह शक्ति प्रदर्शन अब नया संगठन बनाने की अफवाहों को भी हवा दे रहा है. वहीं दूसरी ओर, बीजेपी के चार निर्वाचित सांसदों में से तीन सांसदों के इस्तीफा देने के बाद बाबा का दावा थोड़ा सा कमजोर होते दिख रहा है क्योंकि बाबा बालकनाथ का इस्तीफा अभी तक नहीं हुआ है. अगर बालकनाथ का नाम अभी भी सीएम रेस में चल रहा है तो उनके इस्तीफे की खबर भी जल्द आ जाएगी. अगर ऐसा नहीं होता है तो राजे का शक्ति प्रदर्शन रंग लाएगा और ऐसे में उनका तीसरी बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बनना तय हो जाएगा.

इधर, अलवर की तिजारा सीट से चुनाव जीतने वाले बाबा बालकनाथ सीएम पद की दावेदारी के लिए खूब चर्चा में चल रहे हैं. नाथ संप्रदाय के आठवे मुख्य महंत रहे बाबा बालकनाथ में लोग योगी आदित्यनाथ की छवि देख रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी #राजस्थान मांगे बालकनाथ हैशटैग ट्रेंड कर रहा है. हिंदुत्व के मुद्दे को प्रखर रूप से उठाने वाले बाबा बालकनाथ को पार्टी ने दिल्ली बुलाया था. तभी से ऐसी चर्चा है कि बालकनाथ सीएम बन सकते हैं. हालांकि केंद्रीय नेतृत्व इस बार राजस्थान में नया प्रयोग करने का विचार कर रहा है. ऐसे में एक धड़ा यही मान रहा है कि बाबा बालकनाथ को ही प्रदेश में सत्ता की कमान सौंपी जा रही है.

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राज्य में लाया जाएगा दो डिप्टी सीएम फॉर्मूला

खबर यह भी चल रही है कि राजस्थान में मुख्यमंत्री के साथ दो डिप्टी सीएम भी बनाए जा सकते हैं. सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से जीत का सेहरा बांध चुके किरोड़ी लाल मीणा का प्रदेश का डिप्टी सीएम बनना करीब करीब तय हो गया है. पेश से डॉक्टर बाबा किरोडी जमीन से जुड़े नेता हैं. राजस्थान में गहलोत सरकार के खिलाफ किरोड़ी लाल मीणा ने प्रदेश में रहते हुए खूब धरने दिए और प्रदर्शन किए. दबंग नेता किरोड़ी के संबंध भी बीजेपी के शीर्ष नेताओं से अच्छे रहे हैं. हालांकि दौसा सीट से सांसद रहे किरोड़ी लाल मीणा का नाम भी सीएम रेस में भी चल रहा है. किरोड़ी के सीएम बनाने की मांग भी की जा रही है. पूर्व मंत्री गोलमा देवी भी किरोड़ी को सीएम बनाने की मांग कर चुकी है. वहीं सोशल मीडिया पर भी ‘किरोड़ी को सीएम बनाओ’ हैशटैग ट्रेंडिंग में चल रहा है. वहीं किरोड़ी लाल मीणा ने खुद को मुख्यमंत्री पद की रेस से बाहर बताया है. उन्होंने कहा कि मैं 72 साल का हो गया हूं. मैं रिटायरमेंट के करीब हूं. मैं मेरी तरफ से लाइन में नहीं हूं. जो भी होगा पीएम के दिमाग में होगा.

डबल डिप्टी सीएम फॉर्मूला के तहत किरोड़ी के साथ एक अन्य डिप्टी सीएम और भी बनाया जा सकता है. इस रेस में जयपुर की झोटवाड़ा विधानसभा से विधायक बने राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और विद्याधर नगर से जीत हासिल करने वाली दीया कुमारी का नाम सबसे आगे चल रहा है. दीया कुमारी ने बीजेपी कैडिडेंट्स में से सबसे बड़े अंतर से चुनाव जीता है. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल को 71 हजार से भी ज्यादा वोटों से मात दी है. जयपुर राजघराने से संबंध रखने वाली दीया कुमारी को प्रदेश की भावी सीएम के तौर पर भी देखा जा रहा है लेकिन राजे के आगे दीया को तव्वजो दिया जाना अभी तो मुमकिन नहीं दिख रहा है.

तीन सांसदों ने दिया सांसदी से इस्तीफा

राजस्थान विधानसभा चुनाव में सात सांसदों को भी मैदान में उतारा गया था. इनमें से 4 ने जीत दर्ज की थी. अब उनमें से बाबा बालकनाथ को छोड़कर दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और किरोड़ी लाल मीणा ने अपनी-अपनी सांसदी से इस्तीफे दे दिए हैं. दीया कुमारी राजसमंद से, गजबकि राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जयपुर ग्रामीण और किरोड़ी लाल मीणा राज्यसभा के सांसद थे. अब ये तीनों विधायक बनकर राजस्थान में नई भूमिका निभाएंगे. माना जा रहा है कि अलवर से सांसद बाबा बालकनाथ का इस्तीफा भी जल्द आ सकता है.

राठौड़ को खेल, बाबा को देवस्थान की जिम्मेदारी

केंद्रीय नेतृव में खेल मंत्रालय की जिम्मेदारी निभा चुके राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को खेल मंत्री बनाया जा सकता है. वहीं किरोड़ी लाल मीणा को चिकित्सा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. दीया कुमारी को शिक्षा मंत्रालय और हवामहल से जीत दर्ज करने वाले आचार्य बाल मुकुंद को देवस्थान और पशु मंत्रालय सौंपा जाने की संभावना जताई जा रही है.

लोकसभा सांसदों की सीट पर नहीं होगा उपचुनाव

राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा की दो सीटों से इस्तीफे आ चुके हैं. अन्य एक सीट से इस्तीफा आने की भी पूरी उम्मीद है. ऐसे में राजस्थान से लोकसभा की तीन सीटें खाली हो रही है. हालांकि इस्तीफा देने वाले लोकसभा सांसदों की सीट पर उपचुनाव नहीं होगा. वजह है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में अब मात्र 6 महीने का समय बचा है. ऐसे में इतने कम समय के लिए उप चुनाव नहीं होगा. राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा की सीट पर चुनाव जरूर होगा. इसके लिए आगे अधिसूचना जारी की जाएगी. अब देखना है कि भारतीय जनता पार्टी राज्य सरकार में किस तरह से इस्तीफा देने वाले सांसदों का उपयोग करती है.

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