Ashok Gehlot Big Statement: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में आयोजित हो रहे राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन को आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संबोधित किया. इस दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आजकल हॉर्स ट्रेंडिंग कर चुनी हुई सरकार गिराई जा रही है. किसी भी कीमत पर विधायकों को दलबदल नहीं करना चाहिए. कई बार लोग लोभ लालच में पार्टी बदल लेते हैं. यह बिल्कुल गलत है. पार्टी विचारधारा के प्रति समर्पित होना बहुत जरूरी है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों के राष्ट्रीय सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश के विधायकों का एक साथ बैठकर संवाद करना यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत है. यह सम्मेलन पार्टी विचारधारा छोड़कर एकता और समरसता के लिए समर्पित है. यह एक अच्छी शुरुआत है. नई जनरेशन के लिए यह सम्मेलन प्रेरणादायक है. देश में 125 करोड़ लोगों के बीच लगभग 5 हजार विधायक व सांसद देश के नीति निर्धारक है, जिनके ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी है.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा की राजनीति में आने के बाद हम सब पब्लिक प्रॉपर्टी हो जाते हैं. राजनीति सेवा का माध्यम है. ईमानदारी, निष्ठा, प्रतिबद्धता से सेवा करना हमारा परम धर्म होना चाहिए. पार्टी विचारधारा को समर्पित रहना चाहिए. पार्टियों में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. कई बार लोग लोभ लालच के चलते पार्टी बदल देते हैं, जो कि नहीं होना चाहिए. इससे नई पीढ़ी में गलत संदेश जाता है. हमारी लड़ाई विचारधारा की है, कोई दुश्मनी नहीं है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे कहा की विपक्ष के साथ यह जरूरी है कि हम अपनी विचारधारा के लिए पक्के और प्रतिबद्ध रहें. किसी भी कीमत पर हम दल बदल करने की नहीं सोचे. आजकल हॉर्स ट्रेंडिंग से सरकारें गिराई जाती है और विधायक भी इसमें भागीदार बनते हैं. यह देश के लिए बहुत ही चिंता का विषय होना चाहिए. देश में हॉर्स ट्रेंडिंग के जरिए सरकारें गिराई जायेगी तो लोकतंत्र के क्या मायने होंगे.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा की हमारे देश की आजादी को 75 साल हो गए है. आजादी के 75 साल बाद भी जिस तरह देश में लोकतंत्र कायम रहा. पाकिस्तान हमारे साथ आजाद हुआ और वहां बार-बार सैनिकों का शासन हुआ, लोकतंत्र की हत्या हुई है. हमारे देश का सौभाग्य है कि हम लोग 75 साल के बावजूद भी यहां एकता और अखंडता के साथ रह रहे है. इंदिरा गांधी की जान चली गई पर खालिस्तान नहीं बनने दिया. सरकारे बदलती रही पर लोकतंत्र की जड़ें मजबूत रही. पूरी दुनिया में हमारे देश का सम्मान इसलिए है क्योंकि यह गांधी का देश है. लोकतंत्र यहां मजबूत है, इसलिए हमारा मान सम्मान पूरे विश्व में होता है.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा की राजनीति में आने के बाद नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए. किसी ऊंचे पद पर राजनीति में पहुंच जाए परंतु इंसानियत हमारे अंदर रहनी चाहिए. हम सादगी, ईमानदारी से राजनीति करेंगे तो हम अपना कर्तव्य निभाएंगे. अन्याय, अत्याचार और उत्पीड़न के मामलों में जनप्रतिनिधि को चाहिए कि किसी भी कीमत पर अपने मिलने वालों का साथ नहीं दे. मजबूती के साथ जनप्रतिनिधि न्याय सुनिश्चित करने के लिए काम करें. यह हमारा ध्याये होना चाहिए. हमारी दुश्मनी किसी से नहीं है, यही यही भाव होना चाहिए.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा की पहले हम सुनते थे कि सदन में कितनी गरमा गरम बहस होती थी, आरोप लगते थे, लेकिन जब बाहर निकलते थे तो वही पक्ष विपक्ष के लोग प्यार, मोहब्बत, भाईचारे, हंसी मजाक करते हुए निकलते थे. इस प्रथा को लौटाने की आवश्यकता है. धीरे-धीरे पक्ष विपक्ष में दुश्मनी होती जा रही है. विपक्ष में रहते हुए जो तनाव होता है, उसको दूर करने के लिए सत्ताधारी पार्टी की जिम्मेदारी बनती है कि इस भूमिका को निभाने के लिए वह पहल करें. विपक्ष पहल नहीं करेगा. पहल सत्ता पक्ष को करनी पड़ेगी. इसकी आवश्यकता आज केंद्र और राज्य दोनों में है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा की यूपीए सरकार के समय आजादी के बाद कुछ बहुत महत्वपूर्ण बिल पास हुए. नरेगा, आरटीआई ये कानून कोई मामूली बात नहीं है. ये कानून बनाकर हमने जनता को दिए. अब नई पहल करने का मैंने विचार व्यक्त किया है. राजस्थान में हमने राइट टू हेल्थ लागू किया है. देश में राजस्थान पहला राज्य है, जिसने राइट टू हेल्थ बनाया है. हमने कई नवाचार किए हैं. इंदिरा गांधी के नाम से हमने नरेगा में रोजगार शुरू किया है. मैंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर देशभर में राइट टू हेल्थ लागू करने की रिक्वेस्ट की है. देश में सोशल सिक्योरिटी लागू होनी चाहिए. हम सब विचार करेंगे तो सोशल सिक्योरिटी और राइट टू हेल्थ देश में लागू होगा.