Politalk.News/HanumanBeniwal. नागौर सांसद राष्ट्रीय लोकतान्त्रिक पार्टी के मुखिया हनुमान बेनीवाल ने बुधवार को लोक सभा में नियम 377 के तहत राजस्थान के लंबित जल विवादों के शीघ्र निस्तारण की मांग उठाई. इस दौरान सांसद बेनीवाल ने पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान राज्य के मुख्यमंत्रियों के मध्य रावी व्यास नदियों के आदि के जल के बंटवारे को लेकर जो समझौता हुआ उसका भी जिक्र किया. जल विवाद को लेकर सांसद बेनीवाल ने मांग करते हुए कहा कि, ‘केंद्र इस मामले में संबंधित राज्यों के साथ बैठकर विवादो का हल निकाले.’ इस दौरान सांसद बेनीवाल ने जल को लेकर राजस्थान में हुए आंदोलनो का भी जिक्र किया. इसके साथ सांसद बेनीवाल ने लोकसभा में सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली ( विधि विरुद्ध क्रियाकलपो का प्रतिशेध ) संशोधन विधेयक 2022 की चर्चा में भाग लिया.
बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेते हुए नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने लोक सभा में नियम 377 के तहत राजस्थान के लंबित जल विवादों के शीघ्र निस्तारण की मांग उठाई. सांसद बेनीवाल ने सदन में चर्चा करते हुए कहा कि, ‘वर्ष 1981 में पंजाब हरियाणा तथा राजस्थान राज्य के मुख्यमंत्रियों के मध्य रावी, व्यास नदियों के आदि के जल के बंटवारे को लेकर जो समझौता हुआ उसके अनुसार आज भी राजस्थान को उसके हिस्से का पूरा पानी नहीं मिल रहा है.’ सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘समझौते के विरुद्ध जब पंजाब सरकार पंजाब समझौता समाप्ति अधिनियम 2014 लेकर आई तो उसे भी माननीय उच्चतम न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने राय देकर पूर्व के समझौते को सही ठहराया.
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सदन में चर्चा के दौरान सांसद हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान को यमुना बेसिन राज्य से हुए समझौते के अनुसार आवंटित जल नहीं मिलने का मसला भी उठाया. सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘इस मामले में ताजेवाला हेड से राजस्थान को उससे का पानी नहीं प्राप्त हो रहा है. उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा राज्य में अनाधिकृत कौन से यमुना का पूरा पानी भरतपुर जिले को प्राप्त नहीं हो रहा है साथ ही हरि के पर स्थित इंदिरा गांधी फीडर के हेड वर्क्स रेगुलेटर की क्षमता भी 15000 क्यूसेक से बढ़ाकर 18500 क्यूसेक करने की आवश्यकता है. जिसमें भारत सरकार को पंजाब सरकार को निर्देशित करना आज भी अपेक्षित है.’
सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘राजस्थान की विस्तृत भौगोलिक स्थिति में मरुस्थल को देखते हुए राजस्थान के लंबित जल विवादों का जल्द से जल्द निस्तारण करने की आवश्यकता है ताकि राजस्थान में पानी की कमी को काफी हद तक दूर किया जा सके. केंद्र इस मामले में संबंधित राज्यों के साथ बैठकर विवादो का हल निकाले.’ इस दौरान सांसद बेनीवाल ने जल को लेकर राजस्थान में हुए आंदोलनो का भी जिक्र किया.
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वहीं सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में सामूहिक संहार के आयुध और उनकी परिदान प्रणाली ( विधि विरुद्ध क्रियाकलपो का प्रतिशेध ) संशोधन विधेयक 2022 की चर्चा में भाग लिया. इस दौरान सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘देश की आंतरिक सुरक्षा को सशक्त करने के लिए अवैध हथियारों के कारोबार पर लगाम लगाने तथा अवैध रूप से बन रहे हथियारों के लाइसेंस पर कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है.’
सांसद बेनीवाल ने राजस्थान के गंगानगर जिले में प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत से बनाए गए अवैध हथियारों के लाइसेंस तथा अलवर जिले में जिला कलेक्टर के फर्जी मोहर से बनाये गए हथीयारों के अवैध लाइसेंस का मुद्दा भी सदन में उठाया. वहीं राजस्थान एटीएस द्वारा जम्मू कश्मीर में वहां के गलत दस्तावेजों के आधार पर बनाए गए हथियारों के अवैध लाइसेंस का मुद्दा भी सांसद बेनीवाल ने लोकसभा में उठाया. साथ ही बेनीवाल ने जिला स्तर पर हथियारों का लाइसेंस जारी करने वाले ढांचे में केंद्र का प्रतिनिधि शामिल करने की मांग उठाई.