Politalks.News/Rajasthan. कोरोना महामारी के चलते गहलोत सरकार द्वारा प्रदेश में लगाए गए सम्पूर्ण लॉकडाउन के सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में कोरोना संक्रमण की संख्या में लगातार बड़ी कमी आ रही है. शुक्रवार को आई चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में पिछले 24 घण्टों में सिर्फ 6225 नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं, जबकि जांच 48,232 लोगों की हुई थी. लेकिन मौतों के आंकड़ों में अभी इस तरह की बड़ी गिरावट नहीं आ रही है. पिछले 24 घण्टों में प्रदेश में 129 लोगों की कोरोना संक्रमण से जान चली गई. वहीं 18264 मरीजों की रिकवरी के साथ ही एक्टिव केस में कमी दर्ज हुई है. अब प्रदेश में 131806 एक्टिव केस रह गए हैं. लेकिन इन सबके बीच जहां एक तरफ कोरोना के मामलों में प्रदेश में राहत मिलती नजर आ रही है तो वहीं ब्लैक फंगस नाम की दूसरी बीमारी ने सरकार और जनता दोनों की नींद उड़ा दी है.
ब्लैक फंगस महामारी के इलाज के लिए गाइडलाइन हुई जारी
दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आने वाले कई मरीजों में अब ब्लैक फंगस के केस आने लगे हैं. राजस्थान में इसके केस बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं. सूत्रों की मानें तो राज्य में इस बीमारी के अब तक 400 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं. ब्लैक फंगस के प्रदेश में बढ़ते प्रकोप के चलते इसे महामारी घोषित किया जा चुका है. इस बीमारी के इलाज के लिए मरीज सरकारी के अलावा निजी अस्पतालों का भी रुख कर रहे हैं. ऐसे में अब गहलोत सरकार के निर्देश पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने इसके उपचार को लेकर अधिकृत अस्पतालों पर एडवाइजरी जारी की है. वहीं निजी अस्पतालों में इसके उपचार के लिए दरें निर्धारित कर दी गई है. निजी अस्पतालों में ज्यादा वसूली न हो, इसलिए सरकार ने यह कदम उठाया है.
यह भी पढ़ें: राहुल गांधी को लेकर संबित पात्रा के ‘टूलकिट ट्वीट’ को ट्वीटर ने बताया Manipulated, कराई किरकिरी
निजी अस्पतालों को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुसार ही उपचार के लिए अधिकृत किया जाएगा और वो मरीज से उतनी ही दरें ले सकेंगे, जो आदेशानुसार निर्धारित हैं. प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोरा की ओर से जारी एडवायजरी के मुताबिक अब ऐसे सरकारी और निजी अस्पतालों को ही ब्लैक फंगस के उपचार के लिए अधिकृत किया जाएगा, जिनके पास जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर, चिकित्सकीय उपकरण और विशेषज्ञ चिकित्सक हो.
ब्लैक फंगस के उपचार के लिए अस्पतालों में जरूरी मानदंड
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे अस्पतालों को अधिकृत करने के लिए मानदंड तैयार किए हैं. इसके मुताबिक अस्पतालों के एनएबीएच से एक्रिडिएशन लेना जरूरी होगा. वहीं ईएनटी और मेडिसिन चिकित्सकों की 24 घंटे अस्पताल में मौजूदगी जरूरी होगी. ईएनटी का विशेषज्ञ सर्जन ब्लैक फंगस के ऑपरेशन के लिए तैयार हो. अस्पताल में आईसीयू के साथ क्रिटिकल केयर फैसिलिटी भी जरूरी होगी. ऐसे अस्पताल चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल पर अधिकृत होने का आवेदन कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें: हेमाराम के इस्तीफे को पायलट ने बताया चिंताजनक तो बोले डोटासरा इस्तीफे में नाराजगी वाली कोई बात नहीं
मनमानी रोकने के लिए ब्लैक फंगस के इलाज की दरें की निर्धारित
एनएबीएच से एक्रीडिएशन प्राप्त निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए 5500 से 9900 रुपए प्रतिदिन तक की निर्धारित की गई है. वहीं नॉन एनएबीएच एक्रीडिएशन अस्पतालों में 5 हजार से 9 हजार रुपए तक अधिकतम निर्धारित होंगे. इन दरों में भर्ती मरीज को आईसीयू, ऑक्सीजन सपोर्ट, वेंटिलेटर जैसी जरूरी सुविधाएं दी जाएंगी. इन्हीं दरों में परामर्श शुल्क, नर्सिंग चार्ज, बैड, दिनभर का खाना, डिस्चार्ज से पहले कोरोना टेस्ट, पीपीई किट, फिजियोथैरेपी शुल्क, नेबुलाइजेशन और सभी जरूरी जांचों की दर शामिल होगी.
सर्जरी की शुल्क 11 से 52 हजार रुपए तक
इस बीमारी में ग्रसित मरीजों में कई की सर्जरी भी करनी पड़ती है. करीब 6 तरह की सर्जरी के लिए भी सरकार ने शुल्क निर्धारित किए हैं, जो 11 से लेकर 52 हजार रुपए के बीच है.
इन 20 अस्पतालों को इलाज के लिए किया अधिकृत
एसएमएस अस्पताल जयपुर, जयपुरिया अस्पताल जयपुर, एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर, एम्स जोधपुर, जेएलएन मेडिकल कॉलेज अजमेर, आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर, राजकीय मेडिकल कॉलेज बीकानेर, राजकीय मेडिकल कॉलेज कोटा, राजकीय मेडिकल कॉलेज भीलवाड़ा, महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज जयपुर, गीतांजली मेडिकल कॉलेज उदयपुर, जैन ईएनटी अस्पताल जयपुर, नारायणा ह््रदयालय अस्पताल जयपुर, सीएसके अस्पताल जयपुर, सोनी अस्पताल जयपुर, सिद्धम ईएनटी अस्पताल जयपुर, देशबंधु ईएनटी अस्पताल जयपुर, विजय ईएनटी अजमेर, श्रीराम अस्पताल जोधपुर और वैजयन्ती हॉस्पिटल अलवर को अब तक ब्लैक फंगस के उपचार के लिए अधिकृत किया जा चुका है.
यह भी पढ़ें: महामारी से लड़ाई अभी लड़नी होगी लंबी, अब देश में शुरू हुई ‘ब्लैक-व्हाइट फंगस’ की बड़ी चुनौती
वहीं शुक्रवार को आई चिकित्सा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना के जयपुर में 1251, जोधपुर में 548, उदयपुर 448, श्रीगंगानगर 331, अलवर 302, कोटा 301, जैसलमेर 267, सीकर 236, बीकानेर 232, हनुमानगढ़ 201, बाड़मेर 199, भरतपुर 188, चूरू 185, डूंगरपुर 131, अजमेर 123, पाली 109, झुंझुनूं 102, भीलवाड़ा 101, नागौर 101, बारां 95, चित्तौड़गढ़ 95, बांसवाड़ा 88, राजसमंद 85, झालावाड़ 81, दौसा 73, प्रतापगढ़ 56, बूंदी 54, सवाईमाधोपुर 51, करौली 49, सिरोही 45, टोंक 45, धौलपुर 40, जालौर से 12 नए मरीज मिले हैं.
इन आंकड़ों के साथ ही प्रदेश को कोरोना संक्रमण से राहत की उम्मीदें बढ़ गई हैं. उक्त आंकड़ों के मुताबिक 14 जिले ऐसे हैं, जहां से नए मरीजों की संख्या 100 से कम रही. हालांकि मौतों को लेकर अब भी बड़ी कमी नहीं आई है. शुक्रवार को 129 लोगों की इस संक्रमण से जान गई है. अब तक राज्य के कुल 7475 मरीजों की इस महामारी में मौत हो चुकी है.
पिछले 24 घण्टों में प्रदेश में हुई मौतों की बात करें तो जयपुर में 28, जोधपुर में 12, उदयपुर 9, सीकर 7, बीकानेर 7, कोटा 6, पाली 6, राजसमंद 6, झुंझुनूं 5, अजमेर 4, अलवर 4, डूंगरपुर 4, बाड़मेर 3, भरतपुर 3, चित्तौड़गढ़ 3, श्रीगंगानगर 3, भीलवाड़ा 2, बूंदी 2, नागौर 2, सिरोही 2, टोंक 2, हनुमानगढ़ 2, झालावाड़ 2, करौली 2, प्रतापगढ़ 1, बांसवाड़ा 1, चूरू में एक की मौत दर्ज की गई है.