पॉलिटॉक्स ब्यूरो. सोमवार को प्रदेश की सबसे बड़ी खबर परिवहन विभाग में मासिक बंधी के भ्रष्टाचार पर एसीबी की बड़ी कार्रवाई के बाद सियासत गरमा गई है. हर दफ्तर से लेकर राजस्थान विधानसभा तक भ्रष्टाचार की मासिक बंधी पर एसीबी की अब तक कि सबसे बड़ी कार्रवाई की गूंज सुनाई दी. रविवार को एसीबी द्वारा परिवहन विभाग के अधिकारियों पर की गई इस कार्रवाई ने जैसे एक बार फिर से गहलोत सरकार को चंहुओर से घेरने का नया मुददा दे दिया. एसीबी की इस कार्रवाई पर सोमवार को विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के विधायक भी सदन के अंदर से लेकर बाहर तक व सोशल मीडिया पर मंत्री खाचरियावास और गहलोत सरकार को घेरते नजर आए. वहीं इस पूरे मामले में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास अपने विभाग और सरकार का बचाव करते नजर आए.
प्रताप सिंह खाचरियावास की सफाई
विधानसभा में पत्रकारों से रूबरू होते हुए परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि फरवरी मार्च का महीना रेवेन्यू कलेक्शन का महीना होता है. ऐसे में एसीबी की कार्रवाई सवालों के घेरे में आती है. एसीबी ने केवल एक ही इंस्पेक्टर को रंगे हाथों पकड़ा है, बाकी सब इंस्पेक्टर्स के घरों पर कार्रवाई की गई है. खाचरियावास ने आगे कहा कि एसीबी की इस कार्रवाई में विभाग के निर्दोष अफसरों को डरने की जरूरत नहीं है. इस तरह की कार्रवाई से दहशत का माहौल हो जाता है. अगर कोई भ्रष्टाचार करेगा तो भ्रष्टाचार की पोल खोलना और खत्म करना हमारी जिम्मेदारी है. एसीबी को जो पैसे मिले हैं वो एक ट्रांसपोर्टर के पास से मिले हैं जो पचासों बसें चलाता है.
कोई भी दूध से धुला हुआ नहीं है- रामनारायण मीणा
कांग्रेस विधायक रामनारायण मीणा ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “भ्रष्टाचार जड़ें जमा चुका है, कोई भी दूध से धुला नहीं है. पिछली सरकार में कितना बड़ा घूसकांड हुआ और उस ओर दुर्भाग्य की बात यह है कि हमारी ही सरकार ने पिछली सरकार के भ्रष्टाचार को क्लीन चिट दे दी.” मीणा ने मंत्री शांति धारीवाल पर सीधे-सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि, “धारीवाल कमेटी को भाजपा राज के भ्रष्टाचार को क्लीन चिट नहीं देनी चाहिए थी. अगर मंत्रीजी के पास समय नहीं था तो ईमानदार विधायकों की कमेटी बना देनी चाहिए थी. अब ईमानदार आदमी को बिठाओगे तो ईमानदारी से काम होगा और कलंकित आदमी को बिठाओगे तो कलंकित काम ही होगा. हम भाजपा के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने और सुशासन देने के नाम पर सरकार में आए थे.
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विभाग के अधिकारी ऊपर तक बंधी पहुंचाते हैं- राजेन्द्र गुढ़ा
हाल ही में बसपा से कांग्रेस में आए उदयपुरवाटी विधायक राजेन्द्र गुढ़ा ने भी अपनी ही सरकार पर आरोप लगाया कि परिवहन विभाग के 90 फीसदी अफसर-कर्मचारी भ्रष्ट हैं. विभाग के अधिकारी ऊपर तक बंधी पहुंचाते है. इसके साथ ही गुढ़ा ने कहा कि आबकारी व खान विभाग को देख लो, सब भ्रष्ट हैं. दाल में काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है.
पारदर्शिता से ही हो रहा है भ्रष्टाचार- सतीश पूनियां
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार को पारदर्शी सरकार कहा जाता है और अब पारदर्शिता से ही भ्रष्टाचार हो रहा है. पूनियां ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार को बने अभी तो एक साल ही हुआ है यानि अभी तो पार्टी शुरू हुई है. इसके साथ ही पूनियां ने ट्वीट कर लिखा, राजस्थान में कांग्रेस सरकार की लोक कल्याण की एक झलक, परिवहन विभाग में मासिक बंधी का भंड़ाफोड़ 2 DTO, 6 इंस्पेक्टर, 7 दलालों को पकड़ा, 1.20 करोड़ नकद मिले, “सवा साल-बदहाल, आगे क्या होगा हाल, अभी तो बाक़ी हैं चार साल”, “अभी तो (कांग्रेस) पार्टी शुरू हुई है.“
राजस्थान में कांग्रेस सरकार की लोक कल्याण की एक झलक;परिवहन विभाग में मासिक बंधी
का भंड़ाफोड़ 2 DTO,6इंस्पेक्टर;7दलालों को पकड़ा,1.20 करोड़ नकद मिले~
"सवा साल-बेमिसाल"
क्या होगा हाल;अभी तो बाक़ी चार साल"
"अभी तो(कांग्रेस) पार्टी शुरू हुई है~@ANI @BJP4Rajasthan @ashokgehlot51— Satish Poonia (@SatishPooniaBJP) February 17, 2020
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खाचरियावास तो बड़बोले हैं- कालीचरण सर्राफ
वहीं विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बातचीत में भाजपा विधायक कालीचरण सर्राफ ने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे तो बड़बोले हैं, वे कब क्या बोल जाए और क्या नहीं, समझ नहीं आता. सर्राफ ने कहा कि इनके रोडवेज डिपार्टमेंट में ये कुछ कहते हैं, एमडी कुछ कहते हैं वहीं चेयरमैन कुछ और ही बोलते हैं. इनकी बातों का कोई ठिकाना नहीं है. परिवहन विभाग में एसीबी की कार्रवाई पर बोलते हुए सर्राफ ने कहा कि इतना बड़ा भ्रष्टाचार का मामला निचले स्तर पर नहीं हो सकता है, इसमें निश्चित रूप से उपर तक उनकी मंथली जाती थी. हम तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग करेंगे कि पूरे मामले की जांच हो और जो भी इसमें शामिल हो उन पर कार्रवाई की जाए.
शिक्षा विभाग में पैसे के लेनदेन से हो रहे हैं स्थानांतरण- सर्राफ
विधायक कालीचरण सर्राफ ने शिक्षामंत्री डोटासरा पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की जनसुनवाई में इनके नेताओं ने ही इन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. कार्यकर्ताओं ने खुलकर कहा कि तबादलों में पैसे का खेल चल रहा है. शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा अपना दामन पाक साफ रखने का दावा करते हैं, तो जिन कांग्रेस के पदाधिकारियों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, या तो उन पर कार्रवाई करें या अपने स्वयं पर. तबादलों पर प्रतिबंध के बावजूद लिस्ट निकाली जा रही है, इसका सीधा-सीधा मतलब है कि राजनीतिक आधार पर और पैसे के लेन-देन पर ऐसे स्थानान्तरण हो रहे हैं.
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सुशासन का नहीं ‘भ्रष्टाचार’ का धंधा है चरम पर- राजेन्द्र राठौड़
इस मामले में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड ने एक दैनिक समाचार पत्र के लेख को साझा करते हुए ट्वीट कर लिखा कि, प्रदेश में सुशासन का नहीं ‘भ्रष्टाचार’ का धंधा चरम पर है. परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी है, इस खबर से साफ प्रतीत होता है. अन्य सरकारी विभागों में भी कमोबेश यही हालात है. कांग्रेस सरकार के कुशासन में हमारा राजस्थान एक बेहाल राज्य बन चुका है.
प्रदेश में सुशासन का नहीं, 'भ्रष्टाचार' का धंधा चरम पर है। परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी है, इस खबर से साफ प्रतीत होता है। अन्य सरकारी विभागों में भी कमोबेश यही हालात है। कांग्रेस सरकार के कुशासन में हमारा राजस्थान एक बेहाल राज्य बन चुका है।@BJP4Rajasthan pic.twitter.com/YvKyJkQ27H
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) February 17, 2020
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बता दें, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रविवार को दलालों के जरिये वाहन मालिकों को डरा-धमकाकर परिवहन विभाग के अफसरों द्वारा मासिक बंधी लेने का बड़ा खुलासा किया है. एसीबी के सवा सौ अधिकारियों और कर्मचारियों की 17 टीमों ने भ्रष्टाचार पर प्रदेश की सबसे बडी कार्रवाई करते हुए दलाल से बंधी लेते परिवहन निरीक्षक को गिरफ्तार किया है. एसीबी ने 2 डीटीओ व 6 इंस्पेक्टर के अलावा 7 दलालों को कस्टडी में लेकर सर्च अभियान चलाया. देर रात तक 1.20 करोड़ रुपये नगद, प्रॉपर्टी के दस्तावेज तथा दलालों से रिश्वत के लेनदेन की सूचियों सहित अहम साक्ष्य जुटाये है. इस मामले में विभाग के 3 इंस्पेक्टर फरार बताए गए हैं, जबकि 7 अधिकारी राडार पर हैं.