समन्वय समिति की पहली बैठक का एक घण्टे बाद ही आया पहला नतीजा, मंच पर सार्वजनिक रूप से भिड़े मंत्री और विधायक

मुख्यमंत्री आवास पर हुई समिति की पहली बैठक के बाद सार्वजनिक मंच पर भिड़े मंत्री खाचरियावास और विधायक मुरारी मीणा, आरक्षण पर बोलने के बजाए सरकार की तारीफ पर बिगड़ी बात, समन्वय समिति के कर्ता-धर्ता अविनाश पांडे, अशोक गहलोत और सचिन पायलट रहे इस दौरान मंचासीन

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. रविवार को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस की ओर से राजधानी जयपुर के कलक्ट्रेट सर्किल पर दिए गए धरने के दौरान परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और विधायक मुरारी लाल मीणा के बीच तीखी नोक-झोंक देखी गई. सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल बनाने और सार्वजनिक रूप से होने वाली अनर्गल बयानबाजी को रोकने के लिए बनाई गई समन्वय समिति की पहली बैठक के एक घण्टे बाद ही सार्वजनिक रूप से हुई इस घटना पर हर कोई हतप्रभ था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ सचिन पायलट, प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे सहित मंच पर मौजूद कई मंत्री, विधायकों और कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में हुई इस नोक-झोंक ने धरने में मौजूद सभी पार्टी कार्यकर्ता, आमजन और मीडिया का ध्यान खींचा.

दरअसल, प्रदेश आदिवासी कांग्रेस, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अनुसूचित जाति विभाग की ओर से केंद्र की मोदी सरकार के आरक्षण विरोधी रवैये के खिलाफ राजस्थान कांग्रेस ने रविवार को जयपुर के कलेक्ट्रेट सर्किल धरना प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन में जब मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का सम्बोधन भाषण चल रहा था तो इस दौरान पास ही बैठे पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक मुरारी मीणा ने उन्हें टोकते हुए कहा, ‘आप इधर-उधर की नहीं, आरक्षण की बात बोलिये.’ इस पर मुरारी मीणा के टोकने से नाराज हुए खाचरियावास ने अपना भाषण बीच में ही रोका और पलटवार करते हुए कहा, ‘आप तय नहीं करोगे मुझे क्या बोलना है.

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जानकारों की मानें तो विधायक मुरारी लाल मीणा भी SC-ST आरक्षण से सम्बन्धित इस धरने को मंच से सम्बोधित करना चाहते थे, लेकिन उनको बोलने नहीं दिया गया, इस कारण उनके मन में कहीं ना कहीं नाराजगी भी थी. वहीं मंत्री खाचरियावास अपने सम्बोधन में आरक्षण पर कम और सरकार की उपलब्धियां पर ज्यादा फोकस करते नजर आए, इस पर विधायक मीणा ने उन्हें टोकते हुए आरक्षण पर बोलने का मशविरा दे दिया जिससे मंत्री जी नाराज हो गए. बता दें, विधायक मुरारी मीणा सचिन पायलट के कट्टर समर्थक माने जाते हैं वहीं किसी जमाने में पायलट खेमे में सबसे आगे रहने वाले प्रताप सिंह खाचरियावास आजकल अशोक गहलोत खेमे में काफी सक्रिय देखे जाते हैं.

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यहां खास बात यह है कि इस घटना से बमुश्किल एक घन्टा पहले ही मुख्यमंत्री आवास पर हुई समन्वय समिति की पहली बैठक में सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल बिठाने और एक दूसरे के खिलाफ सार्वजनिक रुप से होने वाली अनर्गल बयानबाजी पर लगाम लगाने का निर्णय किया गया था और इस तरह की सार्वजनिक बयानबाजी करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्णय भी समिति कि इस पहली बैठक में लिया गया था. वहीं इस घटनाक्रम के दौरान समन्वय समिति के कर्ता-धर्ता अविनाश पांडे, अशोक गहलोत और सचिन पायलट खुद मंचासीन थे.

हालांकि यह बात अलग है कि समन्वय समिति की पहली ही बैठक में समन्वय की कमी के चलते समिति के चार सदस्य बैठक में शामिल ही नहीं हो पाए, इसलिए अब पूरे कोरम के साथ समन्वय समिति की यह बैठक अब दुबारा की जाएगी.

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