किसान रैली के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में शशि थरूर, राजदीप सरदेसाई सहित 8 लोगों पर FIR दर्ज

उत्तर प्रदेश पुलिस ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार व न्यूज एंकर राजदीप सरदेसाई, पत्रकार मृणाल पांडेय, पत्रकार जफर आगा, परेशनाथ, अनन्तनाथ, विनोद के जोश सहित कुल 8 लोगों के खिलाफ गम्भीर धाराओं में केस किया दर्ज

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Politalks.News/UttaraPradesh. 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई हिंसा के बाद जहां दिल्ली पुलिस ने कई किसान नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, तो वहीं उत्तर प्रदेश पुलिस ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार व न्यूज एंकर राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, जफर आगा समेत 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. अर्पित मिश्रा नामक एक शख्स की ओर से नोएडा के सेक्टर-20 थाने में इन लोगों पर गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाया है. मिश्रा द्वारा की गई शिकायत के आधार पर दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि इन नामजद लोगों ने 26 जनवरी को अपने सोशल मीडिया एकाउंट से गलत पोस्ट किए गए और दंगा भड़काने की साजिश की गई.

नोएडा पुलिस को दी शिकायत में अर्पित मिश्रा ने बताया कि वह परिवार के साथ सेक्टर 74 सुपरटेक केपटाउन में रहते हैं. उनका आरोप है कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के पीछे कांग्रेस सांसद शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, पत्रकार मृणाल पांडेय, पत्रकार जफर आगा, परेशनाथ, अनन्तनाथ, विनोद के जोश और एक अज्ञात व्यक्ति का हाथ है.

मिश्रा ने अपनी शिकायत में कहा कि, “मैं 26 जनवरी 2021 को जानबूझकर कराए गए गए दंगों से अत्यंद दुखी हूं. उक्त नामजद व्यक्तियों ने पूर्वाग्रह की वजह से ऐसा काम किया जिससे देश की सुरक्षा और जनता का जीवन खतरे में पड़ गया. एक षडयंत्र के तहत सुनियोजित तरीके से दंगा कराने और लोक सेवकों की हत्या करने के उद्देश्य से इन नामजद लोगों ने राजधानी में हिंसा और दंगे कराए हैं.”

दरअसल, दिल्ली में मंगलवार 26 जनवरी को हुए बवाल के दौरान एक किसान की मौत हो गई थी. आंदोलनरत किसानों ने आरोप लगाया था कि किसान की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है. इसको लेकर काफी हंगामा भी हुआ, लेकिन किसान की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मामले का खुलासा हुआ, जिसमें किसान की मौत गोली लगने से नहीं बल्कि ट्रैक्टर के पलटने से आई चोटों के कारण हुई थी.

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इसी हादसे को लेकर नोएडा निवासी अर्पित मिश्रा ने एफआईआर में दर्ज करवाया है कि इन लोगों ने जानबूझकर गुमराह करने और उकसाने की नीयत से ऐसी खबरें प्रसारित कीं और अपने ट्विटर हैंडल से एक ऐसा ट्वीट किया कि पुलिस द्वारा आंदोलनकारी एक ट्रैक्टर चालक की हत्या कर दी गई. सुनियोजित साजिश के तहत यह गलत जानकारी प्रसारित की गई कि आंदोलनकारी को पुलिस ने गोली मार दी. मिश्रा ने आरोप लगाया कि ऐसा जानबूझकर इस उद्देश्य से कहा गया कि बड़े पैमाने पर दंगे हों और विभिन्न समुदायों के बीच तनाव उत्पन्न हो.

अर्पित ने इन उक्त सभी नामजद आरोपियों पर उपद्रव फैलाने का आरोप लगाया है. पुलिस ने शिकायत के आधार 7 नामजद और एक अज्ञात सहित कुल 8 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. नोएडा सेक्टर-20 थाने के एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर सात नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 153a, 153b, 295a, 298,504,506, 505, 124a, 34, 120b और 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.

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गौरतलब है कि 26 जनवरी को हुई किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान देश की धरोहर को नुकसान पहुंचाया गया है इसके अलावा इस हिंसा में करोड़ों की प्रॉपर्टी का नुकसान तो हुआ ही है साथ ही साथ पुलिस के 394 जवान घायल हुए हैं. दिल्ली पुलिस की तरफ से दर्ज FIR में साफ तौर पर लिखा है कि देश और देश के बाहर जो भी ऑर्गेनाइजर या इंडिविजुअल उन सबकी भूमिका की जांच की जाएगी. इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल करेगी. सूत्रों के मुताबिक दर्ज की गई FIR में साफ तौर पर लिखा गया है एक बड़ी साजिश के तहत इस पूरी हिंसा को अंजाम दिया गया है.

आपको बता दें, दिल्ली पुलिस के मुताबिक हिंसा के इस मामले में अब तक 33 FIR दर्ज की जा चुकी है जिनमें से 9 मामलों की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है. जिसमें समय पुर बादली, कोतवाली, आई पी एस्टेट, नांगलोई, बाबा हरिदास नगर, नजफगढ़, पांडव नगर इन थानों में दर्ज हुए मामलो की जांच क्राइम ब्रांच की टीम करेगी. पुलिस के मुताबिक इसके अलावा अब तक 44 लोगों के खिलाफ LOC जारी की गई है.

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