Politalks.News/Maharashtra. पूरे देश में Pegasus जासूसी कांड से हड़कंप हैं. सभी को अपनी जासूसी होने की चिंता है खासकर राजनेताओं, अधिकारियों और उनसे संबंध करने वाले लोगों को तो खासा डर सता रहा है. कहीं कोई उनकी जासूसी तो नहीं कर रहा है. लोग अब खुद-ब-खुद सतर्क हो रहे हैं. वहीं महाराष्ट्र सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि आधिकारिक काम के लिए जरूरी होने पर ही मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. कार्यालय में मोबाइल फोन का बहुत ज्यादा उपयोग सरकार की छवि को खराब कर रहा है.
‘मोबाइल नहीं लैंडलाइन का प्रयोग‘
महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों और अधिकारियों के मोबाइल यूज पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने आदेश में कहा है कि, ‘अगर किसी को संचार करना है तो वह लैंडलाइन का प्रयोग करेगा‘. महाराष्ट्र सरकार के इस आदेश को को पेगासस जासूसी मामले से जोड़कर देखा जा रहा है. ठाकरे सरकार की तरफ से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि, ‘सरकारी दफ्तरों में कर्मचारी और अधिकारी सरकारी संचार के लिए लैंडलाइन का प्रयोग करेंगे. उनको मोबाइल फोन का प्रयोग न करने का आदेश दिया गया है’.
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‘बहुत जरूरी हो तभी प्रयोग करें मोबाइल, सरकार की छवि हो रही खराब’
महाराष्ट्र सरकार के आदेश में कहा गया है कि, ‘अगर बहुत जरूरी हो उसी स्थिति में मोबाइल पर बात करें. अन्यथा लैंडलाइन का ही प्रयोग करें. अगर मोबाइल का प्रयोग किसी कारणवश करना पड़ रहा है तो इस बात से सतर्क रहें कि आपके आसपास कौन खड़ा है. कार्यालय में मोबाइल फोन का बहुत ज्यादा उपयोग सरकार की छवि को खराब कर रहा है.
‘मोबाइल से नहीं करें सोशल मीडिया का प्रयोग‘
ठाकरे सरकार के इस आदेश में कहा गया है कि ‘अगर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना है तो टेक्स्ट मैसेज का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए और इन उपकरणों के जरिए बातचीत कम से कम होनी चाहिए’. सरकार ने कहा कि, ‘कार्यालय समय के दौरान मोबाइल उपकरणों के माध्यम से सोशल मीडिया का उपयोग सीमित होना चाहिए’
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‘…तब साइलेंट पर रखें मोबाइल’
‘मोबाइल आचार संहिता’ में आगे कहा गया है कि मोबाइल फोन पर व्यक्तिगत कॉल का जवाब कार्यालय से बाहर निकलकर दिया जाए. आदेश में यह भी कहा गया है कि मोबाइल फोन पर बातचीत विनम्र होनी चाहिए और आसपास के लोगों को ध्यान में रखते हुए कम आवाज में बात होनी चाहिए. हालांकि आदेश में यह भी लिखा है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों और वरिष्ठ अधिकारियों के कॉल का जवाब बिना देर किए देना चाहिए. आधिकारिक बैठकों के दौरान या वरिष्ठ अधिकारियों के कक्षों के अंदर मोबाइल फोन साइलेंट मोड पर होना चाहिए. इसी तरह, इंटरनेट ब्राउजिंग, मैसेज चेक करने और ईयर फोन के इस्तेमाल से ऐसे मौकों पर बचें.