Politalks.News/KirodiLalMeena. हाल ही में दौसा के लालसोट में प्रसूता की मौत के बाद हुई FIR के बाद डिप्रेशन में आई महिला चिकित्सक अर्चना शर्मा द्वारा आत्महत्या के मामले को राज्यसभा में उठाते हुए बीजेपी सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने (Kirodi Lal Meena in Rajya Sabha) न केवल देशभर के डॉक्टरों के लिए पुरजोर वकालत की बल्कि डॉक्टरों की सुरक्षा (Doctor’s Security) के लिए सख्त कानून बनाने की मांग भी की है. राज्यसभा के विशेष उल्लेख में डॉ. किरोड़ी मीणा ने कहा कि हर मरीज की मौत को डॉक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही से जोड़ देने के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में मरीज के परिजनों द्वारा डॉक्टरों पर हमले करने का ग्राफ बढ़ता जा रहा है, यह किसी भी रूप में उचित नहीं है.
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राज्यसभा में बोलते हुए डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि हाल ही में राजस्थान में एक महिला डॉक्टर ने दबाव के कारण खुदखुशी कर ली. जबकि, सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2021 के फैसले में कहा था कि डॉक्टर सर्वोच्च क्षमता के साथ मरीज का ईलाज करता है. किसी कारण से मरीज की मौत होती है तो उसके कारण डॉक्टर पर लापरवाही का दोष नहीं लगाया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट के 2021 के फैसले के अनुसार ही अगर सर्जरी के दौरान भी मरीज की मृत्यु हो जाती है तो स्वाभाविक रूप से डॉक्टर की लापरवाही नहीं माना जा सकती, इसके लिए चिकित्सा साक्ष्य जरूरी है. डॉ मीणा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के 2022 के एक फैसले के अनुसार अदालतें फैसले से पूर्व डॉक्टर को अपना पक्ष रखने का मौका दे. वर्ष 2021 में बॉम्बे अस्पताल के एक केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मरीज की मौत के हर मामले को चिकित्सीय लापरवाही से जोड़ना गलत है.
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सांसद डॉ मीणा ने कहा कि डॉक्टर नर्स एवं मेड़िकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार ने वर्ष 2019 में एक बिल का मसौदा तैयार किया गया था लेकिन इसे मंजूरी नहीं मिली. सरकारी और निजी अस्पतालों में तोड़-फोड़, हिंसा या कार्य में बाधा ड़ालने पर परिजनों के खिलाफ कड़ी धाराओं में केस दर्ज किया जाना नितांत आवश्यक है. दिग्गज बीजेपी नेता एयर सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने केन्द्र सरकार से डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए संसद से सख्त कानून पास किए जाने की मांग करते हुए कहा कि चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए (Law to Protect Doctors in India) सरकार को ठोस कानून बनाना चाहिए और इसके लिए संसद में बिल भी पास किया जाना चाहिए.