Politalks.News/HanumanBeniwal. सरकार ने लोकसभा में आज वन्य जीव संरक्षण (संशोधन) विधेयक पेश किया. सरकार के द्वारा लाया गया ये बिल पशु पक्षियों एवं वनस्पतियों के संरक्षण को विनियमित करके संरक्षित प्रजातियों को बढ़ाने, और वन्य जीवों तथा वनस्पतियों की संकटग्रस्त प्रजातियो के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संबंध में एक संधि को लागू करने के उद्देश्य से लाया गया है. इस बिल पर मंगलवार को लोकसभा में हुई चर्चा में भाग लेते हुए नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने वनों को बचाने व वन्य जीवों के संरक्षण की मांग उठाई. इसके साथ ही गायों में फैली लम्पि महामारी को लेकर भी सांसद बेनीवाल ने सदन का ध्यान अपनी और आकर्षित किया. तो वहीं भरतपुर में अवैध खनन के चलते संत विजयदास द्वारा आत्मदाह करने के मामले को लेकर ईडी और सीबीआई जांच करवाने की मांग भी सदन में उठाई.
मंगलवार को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने मंगलवार को लोक सभा मे वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन विधेयक 2021 की चर्चा में भाग लिया. इस दौरान सांसद बेनीवाल ने वनों को बचाने व वन्य जीवों के संरक्षण की मांग उठाई. सांसद हनुमान बेनीवाल ने विधेयक की चर्चा में आईसीयूएन की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि, ‘संकट ग्रस्त प्रजातियों में से भारत मे पाई जाने वाली 239 प्रजातियां लुप्त प्रायः होने को है.’ सांसद बेनीवाल ने कई प्रजातियो का नाम लेते हुए राजस्थान के राज्य पक्षी गोडावण के साथ गिद्धों के लुप्त होने पर भी गहरी चिंता व्यक्त की. सांसद ने कहा कि, ‘संकटग्रस्त और लुप्तप्राय प्रजातियों को लेकर डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) की 2019-20 की रिपोर्ट में भी लुप्त होती प्रजातियों के बढ़ते अवैध कारोबार का जिक्र किया है.’ वहीं सांसद बेनीवाल ने ऊंट की प्रजाति पर उतपन्न संकट की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित किया.
सदन में चर्चा में भाग लेते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने राजस्थान के भरतपुर जिलें में पहाड़ो को बचाने तथा खनन के विरोध में आत्मदाह करने वाले संत विजयदास महाराज के बलिदान का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘भरतपुर जिले के उस क्षेत्र में अवैध खनन, क्रेशर से धन अर्जित कर चुके मंत्रियों व विधायको पर ईडी की कार्यवाही की जाए.’ वहीं सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि, ‘प्रकृति की रक्षा के लिए चल रहे संतों के आंदोलन को राजस्थान सरकार के जिम्मेदारों ने अनदेखा किया और आखिरकार एक संत को आत्मदाह करना पड़ा, इसलिए मामलें में सीबीआई जांच भी जरूरी है.’
सांसद हनुमान बेनीवाल ने एक बार फिर सदन में गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा दिए जाने की मांग उठाई. सांसद बेनीवाल ने लोक सभा मे गायों के संरक्षण की बात करते हुए संरक्षित गौचर भूमि को विकसित करने व अंगौर भूमि में से गौशालाओं को जमीन देने का प्रावधान बनाने व गायों के लिए गौ अभ्यारण बनाने की मांग उठाई. सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘जब देश में टाइगर रिजर्व के लिए प्रावधान बनाये जा सकते है तो फिर गायों के लिए क्यों नहीं.’ साथ ही सांसद ने लंपी स्किन नामक बीमारी से उत्पन्न हालातों की तरफ भी सरकार का ध्यान सदन में आकर्षित किया. वहीं बेनीवाल ने राजस्थान के चुरू जिले में स्थित ताल छापर अभ्यारण के संरक्षण की मांग भी सदन में उठाई.
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इसके साथ ही नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने विधेयक के मसौदे के कई बिंदुओं पर सवालिया निशान भी खड़े किए और इस विधेयक से हाथियों का अवैध परिवहन होने की आशंका भी जताई. सांसद बेनीवाल ने जोधपुर जिले के खेजड़ली में अमृता देवी बिश्नोई के नेतृत्व में 363 लोगो द्वारा पर्यावरण को बचाने के लिए दिए गए बलिदान का जिक्र किया. सदन में सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘वन संरक्षण अधिनियम 1980 के प्रावधानों के अनुसार किसी भी राज्य को वन भूमि पर खनन सहित गैर वन कार्यकलाप करने के लिए केंद्र से अनुमति जरूरी है. ऐसे में विगत दस सालों में केंद्र ने राजस्थान में 145.45 हैक्टेयर में खनन की अनुमति दी. ऐसे में सरकार को ऐसे मामलों के रिव्यू के लिए एक कमेटी का गठन करने की जरूरत है क्योंकि इसकी आड़ में अवैध खनन हो रहा है.’