ERCP को लेकर कांग्रेस का 13 जिलों में हल्ला बोल, ये प्रदर्शन है PM की वादाखिलाफी के विरोध में- गहलोत

'जब दूसरे प्रदेशों में चल रहीं 16 परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना बनाया जा सकता है तो राजस्थान जैसे मरुस्थलीय तथा गहराते जलस्तर एवं बिना बारहमासी नदियों के राज्य की इस जल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित ना करना हर किसी के समझ के परे है- गहलोत'

कांग्रेस का 13 जिलों में हल्ला बोल
कांग्रेस का 13 जिलों में हल्ला बोल

Politalks.News/ERCP. राजस्थान की बहुचर्चित ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग अब तेज हो गई है. ERCP को लेकर आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश के 13 जिलों में विरोध-प्रदर्शन किया. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट से 13 जिलों में पेयजल और सिंचाई का पानी मिलेगा. कांग्रेस के इस प्रदर्शन को आगामी चुनाव के लिए रणभेरी के रूप में भी देखा जा रहा है ताकि इन जिलों में पार्टी बीजेपी को मात दे सके. इन सभी जिलों में कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन किया तो वहीं सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीटर के माध्यम से बीजेपी पर निशाना साधा. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘आखिर राजस्थान के साथ केन्द्र सरकार भेदभाव क्यों कर रही है? ऊपर से जलशक्ति मंत्री घाव पर नमक छिड़क रहे हैं कि प्रधानमंत्री जी ने अपनी अजमेर की चुनावी सभा के दौरान ERCP के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला.’

ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर आज प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से 13 जिलों में जिला मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया गया. ईआरसीपी पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बयान के बाद से कांग्रेस इस परियोजना को नेशनल प्रोजेक्ट घोषित करने की मांग को लेकर बीजेपी पर हमलावर है. जयपुर कलेक्ट्रेट सर्किल पर आज जलदाय मंत्री महेश जोशी, मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, विधायक इंद्रराज गुर्जर, मेयर मुनेश गुर्जर, ज्योति खंडेलवाल सहित कई दिग्गजों ने केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का पुतला भी फूंका.

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वहीं ERCP परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र सरकार पर हमलावर है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए लिखा, आज राजस्थान कांग्रेस के आह्वान पर अजमेर, जयपुर, दौसा, करौली, सवाई माधोपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, टोंक, अलवर, भरतपुर, धौलपुर में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है. ये प्रदर्शन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वादाखिलाफी के विरोध में है. प्रधानमंत्री जी आपने 2018 में चुनाव से पूर्व कहा था कि ERCP से 13 जिलों में रहने वाली प्रदेश की 40% जनता को पीने का मीठा पानी और किसानों को सिंचाई जल मिल सकेगा परन्तु 3 साल बीत जाने के बावजूद केंद्र सरकार ने ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया.’

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘जब दूसरे प्रदेशों में चल रहीं 16 परियोजनाओं को राष्ट्रीय परियोजना बनाया जा सकता है तो राजस्थान जैसे मरुस्थलीय तथा गहराते जलस्तर एवं बिना बारहमासी नदियों के राज्य की इस जल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित ना करना हर किसी के समझ के परे है. आखिर राजस्थान के साथ केन्द्र सरकार भेदभाव क्यों कर रही है? ऊपर से आपके जलशक्ति मंत्री घाव पर नमक छिड़क रहे हैं कि प्रधानमंत्री जी ने अपनी अजमेर की चुनावी सभा के दौरान ERCP के बारे में एक शब्द भी नहीं बोला.’

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वहीं जयपुर जिला कलेक्ट्रेट सर्किल पर धरने के दौरान मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि, ‘हम जानते हैं कि ईआरसीपी प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस के कहने पर गजेंद्र सिंह इस्तीफा नहीं देंगे, लेकिन राजस्थान की जनता में इस बात का रिएक्शन है कि 13 जिलों को पानी की परियोजना देना और पानी मांगना कोई अपराध नहीं है. प्रधानमंत्री की इस परियोजना वाले बयान का वीडियो सामने आने के बाद भाजपा को यह बताना चाहिए कि अब तक इस परियोजना को (National Project Status Demand for ERCP) राष्ट्रीय परियोजना क्यों नहीं घोषित किया गया.

वहीं जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि, ‘उस दिन कार्यक्रम के दौरान मैं जानता था कि गजेंद्र सिंह ने गलत बात कही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीडियो मेरे पास थे. राजस्थान में क्योंकि मेहमाननवाजी की परंपरा है और मेहमानों को सम्मान देने की परंपरा है. इसलिए मैं मेरे विभाग को लेकर हो रही 11 राज्यों की कार्यशाला जिसका राजस्थान होस्ट था, उसमें कैसे यह बात बोल सकता था. जबकि हकीकत यह है कि जब मुख्यमंत्री कोई बात बोलते हैं तो वह बिना कन्फर्मेशन के नहीं बोलते और मुख्यमंत्री के कहे अनुसार ही मैंने यह बात रखी थी, जिस पर गजेंद्र सिंह आवेश में आ गए. अब जब गजेंद्र सिंह शेखावत आवेश में आ ही गए हैं तो उन्हें या तो इस्तीफा देना चाहिए या फिर ईआरसीपी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाना चाहिए.’

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