Politalks.News/PoliticsOnERCP. राजस्थान के लिहाज से सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) और गहलोत सरकार में जलदाय मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi) के बीच हुए जुबानी विवाद के बाद शुक्रवार देर शाम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच ट्वीटर वॉर छिड़ गया. सीएम गहलोत ने एक व्यक्तव्य जारी कर शेखावत पर निशाना साधा तो शेखावत ने पलटवार करते हुए कहा कि, ‘पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को लेकर गहलोत सरकार के मंत्री और स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का जो व्यवहार है उसे किसी भी सूरत में सामान्य नहीं कहा जा सकता.’ वहीं अब पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने (Govind Singh Dotasara) एक कदम आगे बढ़ते हुए गजेन्द्र सिंह शेखावत से वचन निभाते हुए राजनीति से सन्यास लेने की मांग की है.
दरअसल, शुक्रवार को जयपुर स्थित एक होटल में हुए जल शक्ति मिशन सम्मेलन में ERCP परियोजना को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राजस्थान सरकार में जलदाय मंत्री महेश जोशी के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. इस नोकझोंक में गजेंद्र सिंह शेखावत ने तो राजनीति छोड़ने तक की बात कह दी. इस पुरे घटनाक्रम को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गजेंद्र सिंह शेखावत पर पलटवार किया और कहा कि, ‘प्रधानमंत्री मोदी से ERCP को 17वें नेशनल प्रोजेक्ट का दर्जा दिलवाकर वादा पूरा करवाने के बजाए केंद्र में जलशक्ति मंत्री बनकर बैठे राजस्थान के ये सांसद असत्य बोलकर प्रधानमंत्री के वादे का खंडन कर रहे हैं जो कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.’
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस बयान पर पलटवार करते हुए शुक्रवार देर रात केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि, ‘पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पर राजनीति करने के लक्ष्य से गहलोत सरकार के मंत्री और स्वयं मुख्यमंत्री जी का जो व्यवहार है उसे किसी भी सूरत में सामान्य नहीं कहा जा सकता.’ शेखावत ने कहा कि, ‘आज जयपुर में आयोजित जल जीवन मिशन की क्षेत्रीय कार्य शाला के साथ मैंने ERCP, जवाई पुनर्भरण, यमुना जल एवं राजस्थान के अन्य अंतर्राज्यीय विषयों को लेकर बैठक बुलायी थी लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी और मंत्री महेश जोशी जी दोनो ने एक ही पत्र के माध्यम से अपने आने की असमर्थता व्यक्त कर दी, राजस्थान से जुड़ी इन योजनाओं के लिए इनकी कितनी गम्भीरता है यह इसी से स्पष्ट होती है.’
सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि, ‘ERCP को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पर वादा खिलाफ़ी का आरोप मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं उनके सिपहसालार लगाते रहते हैं. प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने वक्तव्यों में परियोजना के लिए तकनीकी मूल्यांकन के पश्चात संवेदनशीलता के साथ विचार करने जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है. अपने किसी भी वक्तव्य में उन्होंने इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने का वादा करने की बात नहीं की है. देश के विकास कार्यों से जुड़ी हर एक परियोजना पर क्रम वार तरीके से काम होता है.’
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि, ‘आशा है कि माननीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ये भली भांति जानते होंगे कि इस परियोजना की भी टेकनिकल अप्रेजल एवं स्वीकृति तथा अंतर्राज्यीय सहमति के बाद ही राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिया जा सकता है. भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने इसके लिए दस से ज़्यादा बार मध्य प्रदेश एवं राजस्थान के अधिकारियों के बीच सहमति बनाने के लिए बैठकें आयोजित की हैं. आम जन की भावनाओं का इस्तेमाल कर, सिर्फ राजनैतिक फायदों के लिए मांग उठाने वाले ये याद रखें कि ये मोदी सरकार है. हम जो कहते हैं वो करते हैं. पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पर काम होगा और केंद्र सरकार उसे पूरा करने के लिए कटिबद्ध है, लेकिन राजस्थान की गहलोत सरकार को अपनी भूमिका निभानी पड़ेगी. अपनी विफलता को छुपाने के लिए हर योजना पर राजनीति करने की आदत कांग्रेस को छोड़नी पड़ेगी, नहीं तो राजनीति उन्हें छोड़ देगी.
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रघुकुल रीत, सदा चली आई
प्राण जाए पर, वचन न जाई !गजेंद्र जी अपना वचन निभाओ और राजनीति से सन्यास लो। https://t.co/kdrfA7IkUJ
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) April 9, 2022
आपको बता दें, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हों या फिर जलदाय मंत्री महेश जोशी, दोनों से एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जोरदार तंज कसते हुए केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से राजनीति से सन्यास लेने की मांग कर दी. डोटासरा ने राजस्थान कांग्रेस की ओर से पोस्ट किए गए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2018 के जयपुर और अजमेर दौरे के वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा कि ‘रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई‘. गोविंद सिंह डोटासरा ने इसके आगे लिखा कि, ‘इन पंक्तियों को मानते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत आप अपना वचन निभाएं और राजनीतिक संन्यास ले लें.’
यहां आपको बता दें कि शुक्रवार को जयपुर में हुए जल शक्ति मिशन सम्मेलन में जब राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी ने अपने संबोधन में ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से 2018 में राजस्थान दौरे के दौरान इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के वादे का किया था. इस पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोशी को टोकते हुए पूरे दावे के साथ कहा कि, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 के अपने अजमेर दौरे में इस परियोजना को लेकर एक शब्द भी नहीं कहा और ना ही इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की कोई घोषणा की.’ यही नहीं इस दौरान गजेंद्र सिंह शेखावत ने महेश जोशी को चुनौती देते हुए यह भी कह दिया कि, ‘यदि ‘मैंने गलत कहा तो राजनीति छोड़ दूंगा वरना आप और मुख्यमंत्री जी राजनीति छोड़ देना’.
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गजेंद्र सिंह शेखावत के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि, ‘मैं लगातार 3 वर्षों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जयपुर एवं अजमेर में चुनाव से पहले 13 जिलों की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना (नेशनल प्रोजेक्ट) का दर्जा देने के वादे की याद दिला रहा हूं. परन्तु अब जाकर राजस्थान से आने वाले केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री को असत्य बोलकर प्रधानमंत्री के वादे का खंडन करना याद आया. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.’ सीएम गहलोत ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जुलाई और अक्टूबर 2018 के क्रमश जयपुर और अजमेर दौरे के दौरान ERCP को लेकर दिए गए बयान की प्रतियां भी जारी कीं.