Politalks.News/Rajasthan/ERCP. राजस्थान के लिहाज से सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार से की जा रही मांग पर अब प्रदेश की सियासत में उबाल आ गया है. ERCP को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और गहलोत सरकार में जलदाय मंत्री महेश जोशी के बीच हुए जुबानी विवाद में अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की एंट्री हो गई है. सीएम गहलोत ने एक व्यक्तव्य जारी कर शेखावत पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘प्रधानमंत्री मोदी से ERCP को 17वें नेशनल प्रोजेक्ट का दर्जा दिलवाकर वादा पूरा करवाने के बजाए केंद्र में जलशक्ति मंत्री बनकर बैठे राजस्थान के ये सांसद असत्य बोलकर प्रधानमंत्री के वादे का खंडन कर रहे हैं जो कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.’
दरअसल, शुक्रवार को जयपुर स्थित एक होटल में हुए जल शक्ति मिशन सम्मेलन में जब राजस्थान के जलदाय मंत्री महेश जोशी ने अपने संबोधन में ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से राजस्थान दौरे के दौरान इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के वादे का किया था. इस पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने जोशी को टोकते हुए पूरे दावे के साथ कहा कि, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 के अपने अजमेर दौरे के में इस परियोजना को लेकर एक शब्द भी नहीं कहा और ना ही इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की कोई घोषणा की. शेखावत ने कहा कि, ‘इससे पहले जुलाई 2018 के जयपुर दौरे के दौरान जरूर प्रधानमंत्री मोदी ने केवल इतना कहा था कि उन्हें इस संबंध में प्रस्ताव मिला है और उस पर तकनीकी रूप से अध्ययन करवाकर सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेने की बात कही थी.’ यही नहीं इस दौरान गजेंद्र सिंह शेखावत ने महेश जोशी को चुनौती देते हुए यह भी कह दिया कि, ‘यदि ‘मैंने गलत कहा तो राजनीति छोड़ दूंगा वरना आप और मुख्यमंत्री जी राजनीति छोड़ देना’.
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गजेंद्र सिंह के इस बयान पर पलटवार करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार शाम अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जुलाई और अक्टूबर 2018 के क्रमश जयपुर और अजमेर दौरे के दौरान ERCP को लेकर दिए गए बयान की प्रतियां जारी कीं. यही नहीं सीएम गहलोत ने इसके साथ ही एक व्यक्तव्य जारी करते हुए कहा कि, ‘मैं लगातार 3 वर्षों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जयपुर एवं अजमेर में चुनाव से पहले 13 जिलों की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना (नेशनल प्रोजेक्ट) का दर्जा देने के वादे की याद दिला रहा हूं. परन्तु अब जाकर राजस्थान से आने वाले केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री को असत्य बोलकर प्रधानमंत्री के वादे का खंडन करना याद आया. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.’
जोधपुर सांसद गज्जू बना को आड़े हाथ लेते हुए सीएम अशोक गहलोत ने आगे लिखा कि, ‘होना ये चाहिए था कि उन्हें पहले से चल रहे 16 नेशनल प्रोजेक्ट के साथ ERCP को भी 17वें नेशनल प्रोजेक्ट का दर्जा दिलवाकर PM के वादे को पूरा करवाना चाहिए था. वे राजस्थान से सांसद भी हैं एवं केन्द्र में जलशक्ति मंत्री बनकर बैठे हैं. उनकी राजस्थान की अन्य परियोजनाओं में तो कोई रुचि नहीं है परन्तु उनके अपने विभाग की महत्वपूर्ण परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाने के प्रति भी कोई रुचि नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है. जलशक्ति मंत्री का कहना है कि PM ने अजमेर की रैली में ERCP पर एक शब्द नहीं कहा, यदि कहा है तो वो राजनीति से संन्यास ले लेंगे. 7 जुलाई 2018 को जयपुर की रैली में प्रधानमंत्री जी ने अपने भाषण में स्पष्ट तौर पर ERCP को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने पर सकारात्मक रुख रखने की बात की है एवं 6 अक्टूबर 2018 को अजमेर रैली में जयपुर का नाम लेकर अपने इस वादे को दोहराया है.’
इसके साथ ही सीएम गहलोत ने 7 जुलाई 2018 को जयपुर की रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण का पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) से संबंधित वक्तव्य भी जारी किया जिसमें पीएम मोदी ने उस समय कहा था कि, “आपकी लोकप्रिय मुख्यमंत्री जी ने मुझे बताया है कि राजस्थान सरकार और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों द्वारा एक मांग केन्द्र सरकार के सामने रखी गई है. पार्वती, कालीसिंध, चंबल लिंक परियोजना को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट के तौर पर घोषित करें. मुझे जानकारी दी गई है कि इसकी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट जल संसाधन मंत्रालय को भेजी गई है और परियोजना की तकनीकी जांच का काम चल रहा है. इस परियोजना से राजस्थान की दो लाख हैक्टयेर से ज्यादा जमीन को सिंचाई की सुविधा मिलेगी. इतना ही नहीं इस परियोजना से जयपुर, अलवर, भरतपुर, सवाईमाधोपुर, झालावाड़, कोटा, बूंदी ऐसे 13 जिलों में रहने वाली राजस्थान की 40 प्रतिशत आबादी को पीने का पानी उपलब्ध होगा. भाइयो और बहनों, मैं आपको यह आश्वासन देना चाहूंगा कि केन्द्र सरकार इस मांग के प्रति सकारात्मक रुख रखेगी. राजस्थान का विकास हो, यहां के किसान को पानी आसानी से मिले, लोगों को पीने का पानी मिले, इसके लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ फैसला लिया जाएगा.”
वहीं इसके बाद 6 अक्टूबर 2018 को अजमेर की रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण का पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) से संबंधित वक्तव्य भी जारी किया गया है जिसमें पीएम मोदी ने उस समय अपने भाषण में कहा कि, “वसुंधरा जी ने एक बात का उल्लेख किया- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर परियोजना के बाद कोई भी बड़ी सिचांई और पेयजल परियोजना की नींव नहीं रखी गई है. मुझे पता है कि राजस्थान में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना की मांग काफी समय से उठ रही थी और जब मैं जुलाई में जयपुर आया था तब भी मैनें इसका जिक्र किया था. साथियों, भारत सरकार द्वारा बहुत गंभीरता के साथ इस योजना का तकनीकी अध्ययन कराया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट से जुड़े सारे पहलुओं का लेखा-जोखा करने के बाद पूरी संवेदनशीलता के साथ हम इस पर फैसला लेंगे और चंबल बेसिन की नदियों पर आधारित इस परियोजना से राजस्थान की दो लाख हैक्टेयर से ज्यादा जमीन को सिंचाई की सुविधा मिलेगी. इतना ही नहीं इस परियोजना से अजमेर, जयपुर, दौसा, करौली, सवाईमाधोपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, टोंक, अलवर, भरतपुर और धौलपुर यानी 13 जिलों में रहने वाली 40 प्रतिशत जनता को पीने का मीठा पानी भी मिलेगा.”
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यहां यह बात तो स्पष्ट है कि अक्टूबर 2018 में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में करीब 2:30 मिनट तक ERCP को लेकर अजमेर की जनता को संबोधित किया था. हालांकि सभा में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का सीधा ऐलान तो नहीं किया, लेकिन संकेत जरूर दिए थे. ऐसे में गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा यह चैलेंज देना की पीएम मोदी ने एक शब्द भी ERCP को लेकर नहीं कहा, यह गलत साबित होता है. अब यह तो आने वाला वक़्त ही बताएगा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राजनीति छोड़ देंगे या सीएम गहलोत के पलटवार पर फिर कोई सियासी वार करेंगे.