Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के करौली में हुई साम्प्रदायिक हिंसा मामले में सियासत अब और भी तेज हो गई है. कांग्रेस पार्टी जहां इस पुरे मामले को बीजेपी पर डाल धीरे धीरे मामले को पूरी तरह शांत करने की कोशिश कर रही है तो वहीं बीजेपी खुद को हिन्दुओं का खैरख्वाह बता रही है. दोनों ही दलों की जांच समिति की रिपोर्ट सामने आने के बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर चरम पर पहुंच चूका है. प्रदेश भाजपा इस मुद्दे को पुरज़ोर तरीके से उठाकर गहलोत सरकार को चौतरफा घेरने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है. इसी क्रम में आज राजस्थान भाजपा के नेताओं एवं भाजपा प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली पहुंचकर गहलोत सरकार पर हल्ला बोल किया. राजस्थान की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने कहा कि, ‘कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है. प्रदेश में बहुसंख्यक अपने त्योहार मनाने में भी हिचकते हैं, उनको डर लगता है.’
राजस्थान की शांति को खत्म करने के दोषी हैं अशोक गहलोत- पूनियां
करौली हिंसा को लेकर गठित भाजपा जांच समिति की रिपोर्ट को लेकर आज सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और रामलाल शर्मा ने दिल्ली बीजेपी मुख्यालय में प्रेस वार्ता की. राजस्थान की बिगड़ती कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘पिछले 3 वर्षों में करीब 7 लाख FIR राजस्थान में दर्ज हुई हैं. इसमें मॉब लिंचिंग के मामले, सांप्रदायिक हिंसा भी हैं और खास तौर पर महिलाओं से दुष्कर्म के मामले एक साल में ही 6 हज़ार 337 सामने आए हैं. राजस्थान की शांति को खत्म करने के लिए केवल अशोक गहलोत दोषी हैं.’
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अपना त्यौहार मनाने से भी बहुसंख्यकों को लगता है डर- पूनियां
पत्रकार वार्ता के दौरान सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘मैंने अपने जीवन में पहले कभी ऐसी अराजक सरकार नहीं देखी. राजस्थान में चौपट कानून व्यवस्था से पर्यटन भी प्रभावित हो गया है. राजस्थान की गहलोत सरकार सिर्फ PFI को खुश करने का काम कर रही है. आज प्रदेश में भय और खौफ का माहौल है, लोग भय में जी रहे हैं क्योंकि, प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं है.’ सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘करौली में भड़काऊ नारे लगाए गए. बीकानेर में जुलूस पर रोक लगाई गई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की जो तुष्टिकरण की नीति है, उससे साफ नजर आता है कि उन्होंने खुद बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के नाम से एक पक्ष खड़ा कर दिया है. पिछले 3 वर्षों का ट्रैक रिकॉर्ड देखेंगे तो पाएंगे कि राजस्थान में बहुसंख्यक अपने त्योहार मनाने में भी हिचकते हैं, उनको डर लगता है.’
लगता है राजस्थान में तालिबानी शासन है- पूनियां
पत्रकार वार्ता के दौरान सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘मेरे पास अनेकों उदाहरण हैं, वो कश्मीर फाइल को देखने से लोगों को रोकने के लिए धारा 144 का प्रयोग कर रहे हैं. करौली, राजस्थान के मामले में जुलूस की अनुमति थी, अनुमति के बाद सीएलजी की मीटिंग हुई. जो दोषी थे, वो सीएलजी की बैठक में मौजूद थे. उसके बाद जो हुआ वो आप सभी के सामने है. राजस्थान में जिस तरह से तुष्टिकरण की राजनीति अशोक गहलोत जी कर रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि राजस्थान में तालिबानी शासन है.’ वहीं प्रियंका गांधी का जिक्र करते हुए सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘प्रियंका गांधी कहती थीं की लड़की हूं लड़ सकती हूं, लेकिन आज राजस्थान में महिलाएं सुरक्षित नहीं है. राजस्थान को अशोक गहलोत ने जला कर राख कर दिया है.’
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अपनी कुर्सी की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री ने लगाया है पुलिस को- पूनियां
वहीं प्रदेश कांग्रेस में छिड़ी सियासी अदावत को लेकर भी सतीश पूनियां ने निशाना साधा. पूनियां ने कहा कि, ‘राजस्थान पुलिस को कांग्रेस के लोगों की जासूसी के लिए वहां के मुख्यमंत्री ने इस्तेमाल किया. अपने उपमुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा इन्हीं की सरपरस्ती में हुआ. पुलिस को अपनी कुर्सी की सुरक्षा के लिए अशोक गहलोत ने लगाया हुआ है. भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एक निजी कार्यक्रम में सवाई माधोपुर आए, लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री बयान देते हैं कि जेपी नड्डा आए और दंगा भड़का कर चले गए. राजस्थान के मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी को खिसकते हुए देखकर इस तरह की बयानबाजी कर रहे है.’
पूनियां ने आगे कहा कि, ‘राजस्थान में अशोक गहलोत मानव अधिकारों पर चोट कर रहे हैं. क्या हिंदू सिर्फ पिटने के लिए हैं, मुकदमे के लिए ही हैं. क्या उनके मानवाधिकार नहीं हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के बावजूद वो देश के प्रधानमंत्री से हिंसा रोकने की बात करते हैं.’