Politalks.News/RajasthanAssembly. राजस्थान विधानसभा में 24 फरवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पेश किए गए बजट पर चार दिन की बहस के बाद आज शाम 5 बजे सीएम गहलोत बजट बहस पर रिप्लाई देंगे. इस दौरान बजट भाषण में रही कमियों की भरपाई आज सीएम के रिप्लाई में होने की पूरी उम्मीद है. इससे पहले बुधवार को विधानसभा में बजट पर बहस के दौरान कई तरह की स्थिति देखने को मिली. जहां उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के आसन से माफी मांगने के बाद बीजेपी विधायकों का गतिरोध हुआ समाप्त तो वहीं बुधवार को कार्यवाही के दौरान सत्तापक्ष के विधायकों द्वारा अपनी ही सरकार को घेरते देखा गया. इसके साथ ही विधायक कालीचरण सराफ निजी स्कूल फीस देने में असमर्थ अभिभावकों को राहत देने की अपील करते नजर आए.
अभिभावकों को राहत प्रदान करे सरकार, जरूरत पड़े तो कानून लाए
मालवीय नगर से भाजपा विधायक कालीचरण सर्राफ ने कहा- कोराना के कारण निजी स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो पाई. ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई. कोराना में लोगों की आय प्रभावित हुई है. इस वजह से फीस नहीं भर पाए. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि 6 किश्तों में फीस वसूली जा सकती हैं. फीस भरने में असमर्थ अभिभावकों को राहत देने का आदेश है. सराफ ने कहा फीस नहीं दे सकने वालों को पढ़ाई और परीक्षा से वंचित नहीं जाने का भी उल्लेख है. निजी स्कूल सुप्रीम कोर्ट की मनमानी व्याख्या करके अभिभावकों को परेशान कर रहे हैं. कालीचरण सराफ ने अपील करते हुए कहा कि सरकार अभिभावकों को राहत दे और जरूरत पड़ने पर कानून भी लाए.
यह भी पढ़ें: बढ़ती बेरोजगारी और बेकाबू अपराध को लेकर पूर्व सीएम राजे और पूनियां के निशाने पर गहलोत सरकार
मंत्री जब हमारी ही नहीं सुनते तो जनता को क्या निहाल करेंगे
बजट पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक अमीन खान ने अपनी ही सरकार के शिक्षा मंत्री और सरकारी सिस्टम पर सवाल उठाए. अमीन खान ने कहा, मैं शिक्षा मंत्री से मिलने उनके घर गया तो कुछ लोगों ने कहा कि दफ्तर वाले लोगों से मिलने का टाइम पूछो. दफ्तर वालों ने कहा, कि साहब की तबीयत नरम है. हमारे गरीब प्रदेश में मंत्रियों को फर्नीचर सहित आराम मौज करने के साधन सुविधाएं कम करनी चाहिए. एक एमएलए को एक मंत्री दो दिन इंतजार करवाता है तो यह क्या है? अमीन खान ने कहा, चौहटन क्षेत्र की स्कूलों में किसी विषय का अध्यापक नहीं है. सरकार भौगोलिक इकाइयों और दूरियों से विकास के काम मंजूर करने का सोचे. जैसलमेर में एक ढाणी से दूसरी में 25 किलोमीटर का फासला है. जैसलमेर शिव के एमएलए को भी सड़क के लि पांच करोड़ देंगे और भरतपुर में भी उतना ही दोगे. यह एक तरह का अन्याय है. क्षेत्रफल और दूरी के हिसाब से स्कूलों में शिक्षकों की पोस्टिंग हो. सरकार में बचत के नाम पर बेलदार, लाइनमैन की भर्ती बंद की है, लेकिन बड़े अफसरों की लाखों का वेतन है उनकी भर्ती चालू है.
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को सदन में घेरा कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने सदन में अपनी ही सरकार को घेरा. भरत सिंह ने तल्ख अंदाज में पूछा- भ्रष्ट ट्रैक रिकॉर्ड वाले अफसरों को कलेक्टर-एसपी बनाने के पीछे सरकार की आखिर क्या मजबूरी है? कोरोना काल में अपराधों में कमी आई लेकिन भ्रष्टाचार के मामलों में कमी नहीं आई. भरत सिंह भ्रष्टाचार पर सरकार को घेरना चाहते थे लेकिन स्पीकर ने सवाल से आगे जाकर बहस करने की मंजूरी नहीं दी. भरत सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त पुलिस इंस्पेक्टर को फिर से बहाल करने पर सवाल लगाया था. इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि पुलिस इंस्पेक्टर को जनवरी 2020 में बर्खास्त किया था. उसने इसके खिलाफ रैट में अपील की है. सरकार ने उसे सेवा में वापस नहीं लिया.
यह भी पढ़ें: मंत्री के सेक्स टेप से मुख्यमंत्री के खिलाफ हुए बड़े खुलासे, येदियुरप्पा ने किया रमेश का इस्तीफा स्वीकार
तीसरी बार भी मोदी ही आएगा, उसके बाद 30 साल के लिए योगी
बजट बहस के दौरान भाजपा विधायक विट्ठल शंकर अवस्थी ने कहा- कांग्रेस नेताओं को मोदी फोबिया हो गया है. हर बात में मोदी की ओलाचना करते हैं, कोई दंड बैठक लगा रहा है. कोई कहीं तमाशा कर रहा है, लेकिन इतना याद रखिए कि तीसरी बार भी मोदी ही आएगा और आगे के 30 साल के लिए हमारा योगी तैयार हो रहा है. आप का नंबर अब नहीं आने वाला. आप जितना ज्यादा मोदी-मोदी करेंगे उतना ही नुकसान होगा.
राठौड़ ने मांगी माफी तब मान गए स्पीकर भी
आपको बता दें, इससे पहले सोमवार को भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी को सदन से एक दिन के लिए निलंबित करने के मामले में भाजपा ने विधायक दल की बैठक में रणनीति तय कर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने का फैसला किया. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने स्पीकर सीपी जोशी से मुलाकात कर गतिरोध खत्म करने पर चर्चा की. फिर जब 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने वासुदेव देवनानी के व्यवहार पर स्पीकर से माफी मांगी. राठौड़ ने कहा कि देवनानी गुस्से में वेल में आए. यह उचित नहीं था. आप ही हमारा संरक्षण करने वाले हैं. राठौड़ ने स्पीकर से कहा- गुस्सा छोड़ो, कहा तो मानो, थोड़ी नजरें इधर भी इनायत करो. अध्यक्ष ही हमारा संरक्षण नहीं करेंगे तो हम कहां जाएंगे. संसदीय कार्य मंत्री भी अपना आचरण ठीक करें. सदन चलाने की जिम्मेदारी उनकी होती है, लेकिन वे ही उकसाने का काम करते हैं.
यह भी पढ़ें: इमरजेंसी गलत थी, लेकिन आज RSS जो कर रहा है उसके बाद हम चुनाव जीत कर भी कुछ कर नहीं पाएंगे – राहुल गांधी
इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि वासुदेव देवनानी का व्यवहार गलत था. अध्यक्ष के खड़े होने के बावजूद विधायक बोल रहे हैं. इससे गलत पंरपरा चली जाएगी. आप जैसे पार्लियामेंटेरियन को उसी वक्त खड़े होकर अपने विधायक का विरोध करना चाहिए था. इस पर राठौड़ ने कहा- आसन आहत हुआ है तो हम क्षमायाचना करते हैं. हम सदन चलाना चाहते हैं. इसके बाद गतिरोध खत्म हो गया.
आपको बता दें, सोमवार को भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने एबीवीपी छात्रों पर हुए हमले के मामले में स्थगन प्रस्ताव पर बोलने की अनुमति मांगी थी. लेकिन अनुमति नहीं मिलने पर देवनानी स्पीकर जोशी से उलझ गए. स्पीकर से उलझने के बाद देवनानी को सोमवार को पूरे दिन सदन से निलंबित कर दिया. इससे नाराज भाजपा विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया था.