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Rajasthan Election 2023: राजस्थान की 200 सीटों पर विधानसभा चुनाव की तारीखों का आज ऐलान कर दिया गया है. प्रदेश में इस बार एक फेज़ में चुनाव करने का निर्णय लिया गया है. मतदान 23 नवंबर को होगा. इसके साथ ही बीजेपी ने चुनावी उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है जिसमें 41 नाम है. जैसा कि हमने अपनी पिछली खबर में लिखा था कि राजस्थान में एमपी मॉडल को अपनाते हुए बीजेपी अपने कुछ सांसदों पर दांव खेलेगी. हुआ भी कुछ ऐसा ही, लेकिन इस सूची में कुछ ऐसे चौंकाने वाले नाम भी शामिल हैं, जो संभावित पैनल में मौजूद तीन-तीन नामों से बिलकुल अलग बिलकुल जुदा हैं.

जयपुर की झोटवाड़ा व विद्याधर नगर और सवाई माधोपुर पर घोषित प्रत्याशियों के नामों को देखते हुए कहा जा सकता है कि बीजेपी यहां हर हाल में जीत दर्ज करना चाहती है.

झोटवाड़ा से राखी राठौड़ और राजपाल सिंह दरकिनार

राजस्थान की सबसे बड़ी विधानसभा झोटवाड़ा पर बीजेपी द्वारा जारी पैनल में पूर्व पार्षद राखी राठौड़ एवं वसुंधरा सरकार में मंत्री रह चुके राजपाल सिंह शेखावत का नाम शामिल था. शेखावत 2008 और 2013 में इस सीट पर विधायक रह चुके हैं. वर्तमान में यहां विधायक गहलोत सरकार में मंत्री लाल चंद कटारिया हैं. यहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही उम्मीदवारों से जनता नाराज है इसलिए मुकाबला निर्दलीय से फंसा हुआ था. बीजेपी ने एक बड़ा दांव खेलते हुए इस सीट पर जयपुर ग्रामीण से वर्तमान सांसद एवं पूर्व मंत्री राज्यवर्धन को टिकट देकर जीत की संभावना को 101 फीसदी बढ़ा दिया है.

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कांग्रेस की ओर से लालचंद कटारिया को ही टिकट थमाया जा सकता है. जयपुर ग्रामीण सीट से दो बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के सामने कटारिया की शायद ही चल पाए. तीसरे मोर्चे से कुछ थर्ड पार्टी उम्मीदवार चुनाव लड़ने की मंशा रखते हैं लेकिन किसी का भी कद इतना बड़ा नहीं है कि राज्यवर्धन सिंह को टक्कर दे पाए.

दीया कुमारी पर बड़ा भरोसा कायम, विद्याधर नगर से टिकट

राजकुमारी दीया कुमारी पर बीजेपी ने बहुत बड़ा दांव खेला है. राजसमंद से वर्तमान सांसद दीया कुमारी को विद्याधर नगर से टिकट ​थमाया है. यह सीट पहले से ही बीजेपी के कब्जे में थी और यहां से नरपत सिंह राजवी मौजूदा विधायक है. पिछले विस चुनावों में राजवी ने कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल को 31 हजार से अधिक वोटों से पटखनी दी थी. इस सीट पर राजेंद्र सिंह सुरपुरा पिछले एक दशक से टिकट मांग रहे हैं.

संभावित पैनल में राजवी और सुरपुरा दोनों का नाम शामिल था लेकिन अचानक विद्याधर नगर से दीया कुमारी को उतार बीजेपी ने दोनों नेताओं के बीच वोट कटवा स्थिति को देखते हुए ऐसे नाम पर दांव लगाया, जिसकी जीत करीब करीब पक्की मानी जा रही है. ऐसे में सुरपुर झोटवाड़ा या विद्याधर नगर सीट से एक बार फिर निर्दलीय चुनावी ताल ठोक सकते हैं. हालांकि इससे दीया को कोई खास फर्क पड़ने वाला नहीं है.

राज्यसभा सांसद ‘बाब किरोड़ी’ को सवाई माधोपुर से टिकट

पिछले विस चुनावों ने दानिश अबरार ने बीजेपी प्रत्याशी आशा मीणा को 25 हजार से अधिक वोट अंतर से करारी मात दी थी. इस बार बीजेपी ने अपने तुरूप के इक्के किरोड़ी लाल मीणा को मैदान में उतार दिया है. किरोड़ी फिलहाल राज्यसभा से सांसद हैं जिनका कार्यकाल कुछ ही समय का बचा है. किरोड़ी प्रदेश की राजनी​ति में ऐसा चेहरा है जो किसी भी सीट पर अपनी जीत पक्की कर सकता है. यहां किरोड़ी का जीतना करीब करीब तय है. ऐसे में कांग्रेस के लिए यह चिंता का सबब बन गया है.

बाबा बालकनाथ को तिजारा से टिकट, सीएम फेस की अटकलें

वर्तमान अलवर सांसद और हिन्दुत्व का चेहरा बाबा बालकनाथ को तिजारा विधानसभा सीट से टिकट थमाया गया है. हमारी पिछली खबर में हमने इस बात का जिक्र किया था कि बाबा बालकनाथ को विधानसभा चुनावों में उतारा जाएगा. दरअसल, बालकनाथ को यूपी में योगी की तर्ज पर राजस्थान का सीएम फेस माना जा रहा है. पिछले चुनावों में यहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा था. बसपा के संदीप कुमार ने यहां कांग्रेस को करीब साढ़े चार हजार वोटों से मात दी थी. सांसद बालकनाथ के सामने बहुजन समाज पार्टी के संभावित उम्मीदवार की इस बार चले, ऐसा होना दूर की कोड़ी दिखाई देती है.

फिलहाल बीजेपी की ओर से 159 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा अभी शेष है लेकिन पहली सूची में ही बीजेपी ने जता दिया है कि भारतीय जनता पार्टी हर हाल में विधानसभा चुनाव जीतना चाहती है. चूंकि लोकसभा चुनाव आगामी 6 महीने में ही होने वाले हैं, ऐसे में बीजेपी को इससे ज्यादा कोई फर्क नहीं पड़ता दिख रहा है. अगर इन्हीं ​विधायकों को फिर से सांसदी लड़वाई जाती है तो उपचुनाव की स्थिति में पुरानी पार्टी के पास सीट जाने की संभावना अधिक रहती है. ऐसे में बीजेपी ने अपनी पहली ही सूची में कुछ बड़े नामों को शामिल कर कांग्रेस को एक तरह का जोर का झटका तो दे ही दिया है. इन नामों को देखते हुए लग रहा है कि राजस्थान में निश्चित ही बीजेपी को जनाधार मिलेगा और परिवर्तन का कमल खिलेगा.

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