Politalks.News/Rajasthan. कड़कड़ाती ठंड के बीच रीट परीक्षा (Reet Paper Leak) को लेकर SOG के खुलासे के बाद मरुधरा की राजनीति (Marudhra, Politics) गरमाई हुई है. SOG के खुलासे के बाद सियासी उबाल चरम पर है. राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) ने प्रदेश की गहलोत सरकार (Gehlot Government) और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली (DP JAROLI) के खिलाफ फ्रंट से मोर्चा खोल रखा है. डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने शिक्षक पात्रता परीक्षा रीट पेपर लीक प्रकरण में SOG के खुलासे के बाद गुरुवार को एक प्रेसवार्ता की. सांसद मीणा ने बताया कि, ‘SOG ने मामले के आरोपी भजनलाल विश्नोई और राम कृपाल मीणा को गिरफ्तार किया गया और शिक्षा संकुल से पेपर लीक होना स्वीकार किया है’. मीणा ने कहा कि, ‘यह तथ्य सरकार और एसओजी को करीब तीन महीने पहले ही दे दिए थे कि रामकृपाल मीणा के ब्लैक लिस्टेट कॉलेज को रीट परीक्षा का सेंटर बनाया गया था’. किरोड़ी मीणा ने एक बार फिर मामले की जांच सीबीआई से करवाने की जांच की है तो मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले के सबूत देने का दावा भी किया है.
‘जारौली को गिरफ्तार कर की जाए पूछताछ‘
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि, ‘शिक्षा संकुल से पेपर लीक का मामला पहले ही उजागर कर चुका हूं’. किरोड़ी मीणा ने गहलोत सरकार से मांग की है कि, ‘एसओजी अब मेरे दिए गए अन्य तथ्यों पर भी जांच करे. इस पूरे मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारौली और जिला कॉर्डिनेटर प्रदीप पाराशर की संदिग्ध भूमिका है. ऐसे में दोनों को पूछताछ कर गिरफ्तार करना चाहिए’. डॉ. मीणा ने यह भी कहा कि, ‘परीक्षा से पहले 24 सितंबर को बोर्ड अध्यक्ष जारौली शिक्षा संकुल में आए थे और प्रदीप पाराशर के साथ शिक्षा के मंदिर में दोनों ने पार्टी भी की. इसी दौरान संकुल के स्ट्रांग रूम से पेपर लीक कराए गए. प्रदीप पाराशर ने चार निजी कर्मचारियों को मौखिक रूप से लगाया, जिनके जरिए पेपर लीक कराया गया. इन्हीं चार में से एक रामकृपाल मीणा है, बाकी तीन निजी कॉलेज के कर्मचारी हैं’. मीणा ने इन तीनों अन्य की गिरफ्तारी जल्द से जल्द करने की मांग की है.
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‘बोर्ड अध्यक्ष को सत्ता का संरक्षण, सरकार कितनी भी कोशिश करे, सच नहीं छिपेगा’
राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी मीणा ने कहा कि, ‘बोर्ड अध्यक्ष को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ है, तभी तो उन्होंने सामने आए तथ्यों का जबाव देने के बजाय मेरा इस्तीफा मांगा था. राजनीतिक बयानबाजी करने वाले और पेपर लीक प्रकरण में मिले बोर्ड अध्यक्ष को गिरफ्तार करना चाहिए. इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि सरकार अपनी उर्जा नौकरी हासिल करने के लिए जी तोड़ मेहनत करने वाले बेरोजगारों के भविष्य के बारे में सोचने के बजाय पेपर लीक करने वालों को बचाने में खर्च कर रही है. सरकार कितनी भी कोशिश कर ले, सच छिपेगा नहीं’.
‘फर्जीवाड़े में एक मंत्री, शिक्षा विभाग का एक IAS शामिल’
डॉ. किरोड़ी मीणा ने यह भी दावा किया कि, ‘रीट पेपर फर्जीवाड़े में सरकार के एक मंत्री, शिक्षा विभाग से जुड़े एक आईएएस अधिकारी शामिल हैं, जिन्होंने रीट पेपर प्रिंट कराने के लिए एक प्रिंटिंग प्रेस को टेंडर दिलवाने में भूमिका अदा की. इतना ही नहीं, इसके एवज में मंत्री और आईएएस अधिकारी के बीच बड़ी राशि का बंटवारा हुआ‘.
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‘SOG की खुद की थाली में छेद‘
राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने रीट पेपर लीक प्रकरण की जांच कर रही एसओजी पर भी जमकर निशाना साधा. मीणा ने कहा कि, ‘सबूत देने के बाद भी एसओजी के अधिकारियों ने भजनलाल को पकड़ने में तीन महीने लगा दिए. एसओजी के जांच अधिकारी ने भजनलाल की बहन से उसे निर्दोष साबित करने के लिए रिश्वत का सौदा किया, लेकिन मेरे द्वारा धरना देने के बाद तुरंत भजनलाल की गिरफ्तारी कर ली गई’. किरोड़ी मीणा ने कहा कि, ‘एसओजी की खुद की थाली में ही छेद है. एसओजी का जांच अधिकारी सीआई मोहन पोसवाल और हैडकांस्टेबल नाथू ने करीब 50 दोषी लोगों को प्रकरण में गिरफ्तारी से बचाया है. इसके बदले दोनों ने दोषियों से रिश्वत ली है और निर्दोषों को फंसाया है’. किरोड़ी ने कहा कि, ‘रिश्वत के सबूत एसओजी एडीजी को मिलकर सौपूंगा. एडीजी अशोक राठौड़ दोनों पर कार्रवाई कर मामले की जांच कराएं’.
‘SOG नहीं डाल सकती बड़ी मगरमच्छों पर हाथ इसलिए सीबीआई करे जांच‘
प्रेसवार्ता में किरोड़ी मीणा ने कहा कि, ‘रीट पेपर पूरे राजस्थान में परीक्षा से पहले ही पहुंच गया, जिसे एसओजी भी मान रही है. जोधपुर में तो करीब पांच हजार लोगों के पास पेपर पहुंचा’. सांसद मीणा ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री और तत्कालीन शिक्षा मंत्री ने कहा था कि पेपर लीक जैसी कोई बात नहीं है, उन्होंने मुझ पर राजनीति करने के आरोप लगाए. लेकिन ये पेपर लीक के आरोप अब सच साबित हो गए हैं. प्रदेश के 16 लाख अभ्यर्थियों को सरकार ने धोखा दिया है’. किरोड़ी ने कहा कि, ‘यह बहुत बड़ा घोटाला है, जिसमें सरकार के मंत्री, अफसर और बोर्ड अध्यक्ष और कांग्रेस के कार्यकर्ता की मिलीभगत है. ऐसे में मेरा मानना है कि एसओजी इस प्रकरण में बड़े मगरमच्छों पर हाथ नहीं डाल सकती, ऐसे में मैं मांग करता हूं कि इस प्रकरण की सीबीआई जांच कराई जाए’.
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‘सीएम के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के दूंगा सबूत, हटाउंगा गांधीवादी चेहरे के नकाब को’
मुख्यंमत्री अशोक गहलोत पर सीधा हमला करते हुए किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री लगातार प्रदेश की युवाओं की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं. एक ओर मुख्यमंत्री गांधीवादी का चोला पहने हुए हैं. दूसरी ओर अहिंसात्मक तरीके से आंदोलन कर रहे युवाओं पर लाठीचार्ज और गिरफ्तार कर आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं. देश के शौर्यचक्र विजेता विकास जाखड़ युवाओं की आवाज उठा रहे हैं. उन्हें सरकार ने जयपुर से लाठीचार्ज कर अपमानित किया. वे आज 11 दिन से झुंझुनूं में आमरण अनशन पर बैठे हैं. मुख्यमंत्री के कानों तक जूं नहीं रैंग रही है’. मीणा ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो गांधीवादी बने बैठे हैं, उनका भी जल्द ही भ्रष्टाचार में लिप्त होने के सबूत पेश करूंगा. गांधीवादी चेहरे के नकाब को हटाउंगा’.