Politalks.News/HanumanBeniwal. गुरुवार को लोक सभा में आरएलपी संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने से जुड़े सवाल के जवाब में केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि, ‘राजस्थान सरकार ने अब तक निर्धारित प्रारूप में योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के संबंध में प्रपत्र तक नहीं भेजा है.’ वहीं केंद्र के जवाब से असंतुष्ट सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘सरकार के जवाब से सरकार की मंशा पर बहुत बड़ा सवालिया निशान अपने आप में जाहिर हो रहा है.’ साथ ही सांसद बेनीवाल ने आज सदन में पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए कई विषयों व मुद्दो को सदन में उठाया. सांसद ने कहा, ‘इस क्षेत्र में नई सरकारी नौकरियों के अवसर सृजित करने की जरूरत है.’
प्रदेश के दक्षिणी एवं दक्षिण.पूर्वी राजस्थान में आमजन और पशुधन के लिए पीने के पानी के साथ ही औद्योगिक गतिविधियों के पानी की आवश्यकताओं को पूरा करने का मुद्दा आज लोकसभा में गूंजा. लोकसभा में नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल द्वारा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने से जुड़ा एक सवाल पूछा. सांसद बेनीवाल के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि, ‘राष्ट्रीय परियोजना स्कीम के अंतर्गत वित्त पोषण के लिए किसी भी परियोजना को शामिल करने हेतु पहले इसका आंकलन केंद्रीय जल आयोग द्वारा किया जाना होता है और जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग की सिंचाई बाढ़ नियंत्रण और बहुउद्देशीय परियोजनाओं की सलाहकार समिति द्वारा अनुमोदित किया जाना होता है.’
यह भी पढ़े: दिल्ली में ‘हलचल’ ने बढ़ाई धड़कनें! मैडम राजे ने पीएम मोदी, बीएल संतोष समेत दिग्गजों से की मुलाकात
केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि, ‘इस पूरी प्रक्रिया के बाद ही राज्य सरकार द्वारा निवेश स्वीकृति प्राप्त की जानी आवश्यक होती है और इसके बाद यदि परियोजना राष्ट्रीय परियोजना स्कीम के लिए निर्धारित मानदंडों को पूरा करती है तो इस उद्देश्य के लिए गठित उच्च अधिकार प्राप्त संचालन समिति द्वारा इस पर विचार किया जाना होता है. इसके पश्चात उच्च अधिकार प्राप्त संचालन समिति द्वारा सिफारिश किए जाने और निधियों आदि की उपलब्धता के अनुसार भारत सरकार राष्ट्रीय परियोजना के तहत किसी परियोजना को शामिल किए जाने की मंजूरी दे सकती है. वहीं अन्य सह बेसिन राज्य अर्थात मध्य प्रदेश राज्य के साथ अंतर राज्य मामलों के कारण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का आकलन संभव नहीं हुआ है. इस समय पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना जल शक्ति मंत्रालय की राष्ट्रीय परियोजना स्कीम के अंतर्गत शामिल किए जाने के निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करती है.
केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल के जवाब पर सवाल उठाते हुए नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘सवाईमाधोपुर झालावाड़, बारां, टोंक, कोटा, बूंदी, अजमेर, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर व दौसा तथा धौलपुर जिले के लिए पेयजल व सिंचाई से जुड़ी इस महत्वपूर्ण योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना अत्यंत आवश्यक है. मगर यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार ने इस मामले को लेकर गोलमाल जवाब दिया है.
सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के संबंध में राजस्थान की सरकार लगातार पत्राचार कर चुकी है तथा नवंबर 2017 में इसकी डीपीआर बनी थीं तब मध्यप्रदेश व राजस्थान के अंतर राज्य नियंत्रण मंडल में तय हुई. ऐसे में मध्य प्रदेश राज्य की अनापत्ति की जरूरत भी नहीं है और किसी भी बिंदु पर यदि मध्य प्रदेश सरकार की सहमति की आवश्यकता है तो केंद्र सरकार को इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करके मध्य प्रदेश सरकार से वार्ता करने की जरूरत है. क्योंकि मध्यप्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, मगर सरकार के जवाब से सरकार की मंशा पर बहुत बड़ा सवालिया निशान अपने आप में जाहिर हो रहा है.’
यह भी पढ़े: बीरभूम पीड़ितों से मुलाकात कर ममता ने पोंछे आंसू तो भाजपा बोली- 100 हत्याएं करवाकर हज को चलीं दीदी
वहीं सदन में आज नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए कई विषयों व मुद्दो को सदन में उठाया. सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘इस क्षेत्र में नई सरकारी नौकरियों के अवसर सृजित करने की जरूरत है. किसी भी देश के विकास के लिए समुद्री परिवहन एक महत्वपूर्ण कड़ी होती है.’ सदन में चर्चा के दौरान सांसद बेनीवाल ने महापतनो द्वारा कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत व्यय की गई राशि से जुड़े कार्यों का भौतिक सत्यापन करवाने की मांग की. सांसद बेनीवाल ने 2021-22 की आर्थिक समीक्षा की रिपोर्ट के हवालो से कहा कि, ‘बंदरगाहों का विकास अत्यंत जरूरी है परंतु कंटेनर कार्गो ले जाने वाले बड़े विदेशी जहाज भीड़ भाड़ वाले भारतीय बंदरगाहों से बचना चाह रहे इसलिए भारत को कार्गो संचालन की क्षमता को बढ़ाना होगा.
सांसद बेनीवाल ने निर्यात व्यापार में समुद्री व्यापार के योगदान के हवाले से सागरमाला परियोजना की वस्तुस्थिति व इस योजना के लक्ष्य के संबंध में भी सरकार से सवाल किया. सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘इस योजना के तहत जब एक करोड़ रोजगार सृजित करने के बाद सरकार ने कई तो वर्तमान में कितने लोगों को रोजगार दिया जा चुका है इस पर सरकार को स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता है. इस दौरान हनुमान बेनीवाल ने सागरमाला परियोजना के तहत जैसलमेर से कांडला तक रेलवे लाइन परियोजना की वर्तमान स्थिति के संबंध में भी सरकार से जानकारी मांगी. वहीं जालोर जिले में प्रस्तावित इनलेंड शिपिंग पोर्ट की योजना के क्रियांव्यन नहीं होने को लेकर भी सांसद बेनीवाल ने सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि, ‘ऐसे प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन से नागौर ,जोधपुर बाड़मेर,जालोर सहित पश्चिमी राजस्थान के उत्पाद निर्यात करने में आसानी होगी.’