बंगाल: अमित शाह की पोटली से आज निकलेगा भाजपा के चुनावी वादों वाला बंगाल का सियासी ‘भविष्य’

पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा सीधे ही ममता बनर्जी की सत्ता उखाड़ फेंकने के लिए कमर कसे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर दीदी भी अकेले ही भाजपा से टक्कर ले रही हैं, अब दोनों दलों की मंच से दिखने वाली लड़ाई घोषणा पत्र पर आकर टिक गई है

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Politalks.News/WestBengalElection. लोकसभा या विधानसभा से पहले सभी राजनीतिक पार्टियां विकास योजनाओं के लंबे-चौड़े वादे खूब बढ़ा चढ़ाकर पेश करती हैं और बहुत गंभीर नजर आते हैं. सही मायने में मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए यह लोकलुभावन एजेंडा रहता है, जिसे ‘घोषणापत्र’ (मेनिफेस्टो) कहा जाता है. जिसमें यह बताने की कोशिश की जाती है कि अगर हम सत्ता में आए तो हमारे शासन के विकास को लेकर ये नीतियां रहेंगी. ऐसा ही कुछ आज पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी वहां जनता को लुभाने के लिए सबसे बड़ी घोषणाएं करने वाली है. जिसके लिए राजधानी दिल्ली में भाजपा केंद्रीय नेतृत्व पिछले कई दिनों से तैयारियों में जुटा हुआ था, पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा की देखरेख में भाजपा ने बंगाल का ‘भविष्य’ तैयार कर लिया है. पार्टी के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह शाम को 5 बजे अमित शाह भाजपा के पिटारे को बंगाल की जनता के सामने पेश करेंगे.

पश्चिम बंगाल में पहले चरण के चुनाव होने में‌ सिर्फ छह दिन बचे हैं. जनता को अपने-अपने वादों से लुभाने के लिए बीजेपी और टीएमसी में रस्साकशी जारी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने जहां अपना गढ़ बचाने की चुनौती है, वहीं भाजपा सत्ता पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. बता दें कि भाजपा ने कुछ हफ्ते पहले बंगाल का घोषणापत्र बनाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया था. खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्य में लक्ष्य ‘सोनार बांग्ला’ अभियान की शुरुआत की थी और पार्टी ने राज्य के लोगों से घोषणापत्र के लिए सुझाव मांगे थे. इस अभियान के तहत भाजपा ने हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक एलईडी रथ पहुंचाने के लिए 294 एलईडी रथों की व्यवस्था की थी, जिसमें एक बॉक्स मौजूद था और लोगों से अपने सुझाव डालने के लिए कहा गया था. इसी के आधार पर भाजपा नेे यह घोषणापत्र तैयार किया है.

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तृणमूल कांग्रेस के घोषणापत्र में किए वादों को पीछे छोड़ने के लिए भाजपा ने की तैयारी

बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा सीधे ही ममता बनर्जी की सत्ता उखाड़ फेंकने के लिए कमर कसे हुए हैं, वहीं दूसरी ओर दीदी भी अकेले ही भाजपा से टक्कर ले रही हैं. अब दोनों दलों की मंच से दिखने वाली लड़ाई घोषणा पत्र पर आकर टिक गई है. मुख्यमंत्री ममता ने तृणमूल कांग्रेस का चुनावी घोषणा पत्र जनता के सामने बता दिया है. ममता ने 146 पन्नों के अपने मेनिफेस्टो में जहां पिछले 10 साल की उपलब्धियां गिनाईं तो कई वादे भी किए. नौकरी, स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ साथ किसानों और गरीबों के लिए कई विकास योजनाओं का बखान किया.

वहीं आज यानी रविवार शाम को कोलकाता में भाजपा का घोषणा पत्र पेश करने जा रहे हैं अमित शाह का पूरा फोकस इस पर है कि भाजपा के विकास और वादे तृणमूल कांग्रेस से बेहतर हो. भाजपा के घोषणापत्र पर ममता बनर्जी समेत सभी राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हैं. कहा जा रहा है कि बंगाल के लोगों का दिल जीतने के लिए भाजपा ने कई रणनीति तैयार की है. अमित शाह घोषणापत्र में कई और बड़ा एलान कर सकते हैं. इसके साथ भाजपा के मेनिफेस्टो में रोजगार और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार प्रदान पर फोकस होगा. बांग्लादेश से आने वाले हिंदुओं को नागरिकता देने के लिए सीएए लागू करने का एलान भी बीजेपी कर सकती है. घोषणापत्र में आयुष्मान भारत योजना को बंगाल में लागू करने का वादा हो सकता है. इसके अलावा सरकारी नौकरी में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का वादा हो सकता है. अपने संकल्प पत्र में भारतीय जनता पार्टी बंगाल की जनता को ये यकीन दिलवाने की कोशिश करेगी कि ‘डबल इंजन’ वाली सरकार के दौर में बंगाल विकास की उड़ान भरेगा.

आपको बता दें कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने बंगाल के लोगों की राय पर ही अपना घोषणा पत्र तैयार किया था. जिसका असर भाजपा को लोकसभा चुनाव में दिखाई दिया था. पार्टी के 18 सांसद जीत कर आए थे. गौरतलब है कि बंगाल में आठ चरणों में होने वाले चुनाव के लिए 27 मार्च को पहले चरण का मतदान है.

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