L. Murugan Latest News – पेशे से वकील डॉ एल मुरुगन तमिलनाडु से भाजपा के नेता है और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के साथ साथ वर्तमान में भी वह राज्य मंत्री पद पर आसीन है. मुरुगन भाजपा के ऐसे नेता है जो क़ानूनी पक्ष के लिए एक वकील के तौर पर पार्टी की ओर से पेश होते रहे है. हर पार्टी को ऐसे नेताओ की भी जरुरत होती है जो उन्हें क़ानूनी सहायता भी प्रदान कर सकें. मुरुगन दक्षिण भारत से आने वाले भाजपा के ऐसे ही नेता है जो तमिलनाडु में पार्टी की नीव को मजबूत करने में लगे है. वह राज्य में पार्टी प्रमुख भी रह चुके है. इस लेख में हम राज्य सभा सांसद और मोदी सरकार में राज्य मंत्री पद पर आसीन डॉ एल मुरुगन की जीवनी (L. Murugan Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
एल मुरुगन की जीवनी (L. Murugan Biography in Hindi)
| पूरा नाम | एल मुरुगन |
| उम्र | 47 साल |
| जन्म तारीख | 29 मई 1977 |
| जन्म स्थान | तमिलनाडु के नमक्कल |
| शिक्षा | फिलॉसफी (लॉ) में पीएचडी |
| कॉलेज | मद्रास विश्वविद्यालय |
| वर्तमान पद | सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री |
| व्यवसाय | अधिवक्ता, कृषक और राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता |
| राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
| वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
| पिता का नाम | लोगनाथन |
| माता का नाम | वरुदम्मल |
| पत्नी का नाम | सी. कलैयारसी |
| बच्चे | दो बेटे |
| बेटें का नाम | – |
| बेटी का नाम | – |
| स्थाई पता | बी4/2, एसएएफ गेम्स विलेज, कोयम्बेडु, चेन्नई |
| वर्तमान पता | 1, के.कामराज लेन, नई दिल्ली |
| फोन नंबर | 23381193, 23381194 |
| ईमेल | mos-moib[at]gov[dot]in |
एल मुरुगन का जन्म और परिवार (L. Murugan Birth & Family)
डॉ एल मुरुगन यानि लोगनाथन मुरुगन का जन्म तमिलनाडु के नमक्कल जिले के कोनूर में 29th मई 1977 को हुआ था. मुरुगन के पिता का नाम एल वरुदम्मल था तो उनकी माता का नाम लोगनाथन है.
एल मुरुगन की शादी सी. कलैयारसी से हुई है. चुनाव में दिए गए हलफनामें में अनुसार उनकी पत्नी पेशे से डॉ है. डॉ एल मुरुगन के दो बच्चे हैं. एल मुरुगन हिन्दू है. वह अनुसूचित जाति (SC) के है. एल मुरुगन पर 23 आपराधिक मुकदमा दर्ज है.
एल मुरुगन की शिक्षा (L. Murugan Education)
एल मुरुगन डॉक्टरेट किया है. उन्होंने तमिलनाडु के डॉ. अंबेडकर लॉ कॉलेज, चेन्नई से कानून की डिग्री हासिल की और मद्रास विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री और 2019 में फिलॉसफी (लॉ) में पीएचडी की.
एल मुरुगन का लॉयर के तौर पर करियर (L. Murugan career as a lawyer)
डॉ एल मुरुगन पेशे से एक लॉयर है और उनका करियर एक लॉयर के तौर पर सफल रहा है. डॉ एल मुरुगन शुरुआती जीवन छात्र राजनीति में बीता और उनके बारें में बताया जाता है कि कॉलेज के दिनों में ही वह वर्ष 1997 में हिंदुत्व के विचारधारा से प्रभावित होकर संघ की छात्र संघठन जो ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ एबीवीपी के नाम से जाना जाता है से जुड़ गए और फिर बाद में वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में भी शामिल हो गए. पर एक नेता होने के अलावे वह वकील भी है और उन्होंने अपने जीवन के दो दशक से वकालत में बिताया है. डॉ मुरुगन ने मद्रास उच्च न्यायालय में भारत सरकार के स्थायी वकील के रूप में भी काम किया है. इतना ही नहीं वह भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी विभिन्न मामलों में पार्टी को क़ानूनी सहायता प्रदान की है. डॉ लोगनाथन मुरुगन तीन भाषा के जानकार माने जाते है. वह अपनी क्षेत्रीय भाषा तमिल के अलावे तेलुगु और अंग्रेजी में भी निपुण हैं.
एल मुरुगन का राजनीतिक करियर (L. Murugan Political Career)
मोदी सरकार में राज्य मंत्री पद पाने वाले एल मुरुगन दक्षिण भारत में भारतीय जनता पार्टी के प्रखर नेता है. मुरुगन संघ से भी शुरू से जुड़े रहे है और वह भाजपा के समर्पित नेताओ में आते है. डॉ एल मुरुगन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में रहते हुए आरएसएस के अनुसूचित जाति (एससी) विभाग के राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके है. वर्ष 2011 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर रासीपुरम सीट से चुनाव लड़ा, पर उन्हें सफलता नहीं मिली. चूंकि दक्षिण भारत में विशेषकर तमिलनाडु में पार्टी बेहद कमजोर स्थिति में रही है इसलिए उन्हें उस चुनाव में मात्र 1800 वोट पड़े थे. फिर भी वह पार्टी के साथ निष्ठां से बने रहे. बाद में उन्हें कुछ समय के लिए केरल का भी प्रभारी बनाया गया था. इसके बाद उन्होंने वर्ष 2017 से लेकर वर्ष 2020 तक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) के उपाध्यक्ष के तौर पर भी नियुक्त किये गए. हालांकि मुरुगन ने अपने कार्यकाल पूरा होने से एक वर्ष पहले ही अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. डॉ एल मुरुगन हिंदुत्व के पक्षधर रहे है और वह धार्मिक डेमोग्राफी और लव जिहाद को लेकर आवाज उठाते रहे है. इसी कड़ी में उन्होंने दावा किया कि तमिलनाडु में लव जिहाद में वृद्धि हुई है.
इसके बाद एल मुरुगन को 12 मार्च 2020 को उन्हें भाजपा तमिलनाडु इकाई का अध्यक्ष बनाया गया. अगर जाति की बात करें तो वह दलित समुदाय से इस पद को पाने वाले पहले व्यक्ति हैं.
इसके बाद डॉ एल मुरुगन को मोदी के दूसरे कार्यकाल में 7 जुलाई 2021 को कैबिनेट फेरबदल के बाद मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया. इतना ही नहीं मुरुगन आजादी के बाद से ‘अरुणथथियार समुदाय’ से केंद्रीय मंत्री बनने वाले पहले व्यक्ति भी हैं. एक तथ्य उनके विरूद्ध आपराधिक मुकदमो के दर्ज को लेकर भी है. यह सत्य है कि अगस्त 2021 में उनके खिलाफ 21 आपराधिक मामले थे, जो मोदी के मंत्रिमंडल में किसी भी मंत्री के मुकाबले सबसे ज्यादा थे पर इसके बावजूद यह भी सत्य है कि उन्होंने राष्ट्र हित में और हिंदुत्व हित में कोई कदम उठाये. इनमें उनका कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं रहा है. उन्होंने किसान आंदोलन पर सरकार का साथ दिया तो उसी प्रकार उन्होंने एनआरसी का भी समर्थन किया.
डॉ मुरुगन ने 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में धारापुरम से चुनाव लड़ा पर डीएमके के एन. कयालविझी से 1,393 मतों से हार गए. 2024 का लोकसभा चुनाव भी उन्होंने नीलगिरी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा पर ए राजा से हार गए. बाद उन्हें मध्य प्रदेश से राज्य सभा सदस्य के रूप में चुन लिया गया. इस समय वह राज्य सभा सदस्य है.
वर्तमान में, डॉ एल मुरुगन मध्य प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य (सांसद) है और मोदी सरकार में ‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री’ है.
एल मुरुगन की संपत्ति (L. Murugan Property)
राज्यसभा चुनाव में दाखिल किये गए घोषणापत्र के अनुसार एल मुरुगन की कुल सम्पत्ति 2.86 करोड़ रूपये हैं जबकि उनपर कोई भी कर्ज नहीं हैं.
इस लेख में हमने आपको सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में राज्य मंत्री एल मुरुगन की जीवनी (L. Murugan Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.



























