कांग्रेस MLAs पर इस्तीफों के दबाव के आरोपी गहलोत समर्थक 6 मंत्री-विधायकों के खिलाफ BJP का बड़ा दांव

बीजेपी की तरफ से रामलाल शर्मा, अभिनेश महर्षि, अशोक लाहोटी, जोगेश्वर गर्ग, अनिता भदेल और राजेंद्र राठौड़ ने कांग्रेस के मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी, रामलाल जाट, उपमुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी, कांग्रेस विधायक रफीक खान और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लेकर आए, बीती 25 सितंबर को गहलोत समर्थक 81 विधायकों ने अपनी इच्छा के बिना स्पीकर को सौंपे थे इस्तीफे

BJP का बड़ा दांव
BJP का बड़ा दांव

BJP handed over privilege motion notice against 6 ministers and MLAs. कांग्रेस आलाकमान द्वारा बुलाई गई विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करके बीती 25 सितंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थन में कांग्रेस और समर्थित निर्दलीय विधायकों द्वारा स्पीकर को सौंपे गए इस्तीफों के मामले में सियासी विवाद गहराता जा रहा है. एक ओर जहां उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ द्वारा हाईकोर्ट में मामला ले जाने के बाद अब बीजेपी ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने का दांव खेला है. बीजेपी ने कांग्रेस सरकार के मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने का नोटिस विधानसभा सचिव को सौंपा है. बता दें, 25 सितंबर को स्पीकर के सामने पेश होकर बाकी विधायकों के इस्तीफे सौंपने वाले छह मंत्री-विधायकों पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है.

आपको बता दें कि बीजेपी द्वारा जिन छः मंत्री विधायकों पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया गया है, उसमें उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सीएम के सलाहकार और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव सौंपा है. जबकि संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ बीजेपी विधायक अशोक लाहोटी ने और मंत्री महेश जोशी के खिलाफ रामलाल शर्मा ने विशेषाधिकार हनन को नोटिस विधानसभा सचिव को सौंपा है. वहीं बीजेपी विधायक वासुदेव देवनानी ने मंत्री रामलाल जाट, तो अनिता भदेल ने सरकारी उपमुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी और बीजेपी विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कांग्रेस विधायक रफीक खान के खिलाफ विशेषाधिकार हनन को नोटिस दिया है.

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बीजेपी द्वारा इस विशेषाधिकार हनन के नोटिस में हाल ही में हाईकोर्ट में विधानसभा सचिव के जवाब को ही आधार बनाया है, जिसमें मर्जी से इस्तीफे नहीं देने का जिक्र है. बीजेपी का तर्क है कि स्पीकर के सामने पेश होने वाले सभी 6 मंत्री-विधायकों ने बाकी 75 विधायकों पर इस्तीफे देने के लिए दबाव बनाया जो एक विधायक के विशेषाधिकार का सीधा हनन है. बता दें, हाल ही में इसी मामले को लेकर गहलोत सरकार समर्थित निर्दलीय विधायक संयम लोढा द्वारा उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के खिलाफ सदन में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया गया था, अब विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की ओर से कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे अस्वीकार किए जाने के बाद बीजेपी की ओर से लोढा सहित अन्य मंत्री-विधायकों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के नोटिस को बीजेपी के पलटवार में रूप में देखा जा रहा है.

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आपको बता दें, बीती 31 जनवरी को विधानसभा में सीएम सलाहकार और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा द्वारा उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ पेश किए गए विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव को लेकर जमकर हंगामा हुआ था. कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के मामले को स्पीकर के पास लंबित होने के बावजूद हाईकोर्ट में ले जाने पर राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ संयम लोढ़ा ने विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश किया था. हालांकि संयम लोढ़ा के विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. इस मुद्दे पर अब स्पीकर को फैसला करना है. अब बीजेपी ने कांग्रेस के मंत्री-विधायकों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधानसभा सचिव को सौंपा है, जिसमें इस्तीफा को ही आधार बनाया है.

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