Politalks.News/PunjabElection. तीन कृषि कानूनों के चलते किसानों और खासकर पंजाब के किसानों की जबरदस्त नाराजगी झेल चुके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी सरकार अब पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले किसानों को रिझाने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी है. बीती 19 नवम्बर को तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कर चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर जिले में एक जनसभा को संबोधित करेंगे, तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद पंजाब में पीएम मोदी की यह पहली रैली होगी. इससे पहले पीएम मोदी पंजाब के फिरोजपुर में स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (पीजीआईएमआर) के एक सेटेलाइट केंद्र का उद्घाटन भी करेंगे.
जानकारों की मानें तो पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भी पीजीआईएमआर में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं. इसी बीच शिरोमणि अकाली दल ने चेतावनी दी है कि पंजाब में पीएम मोदी की कोई सभा नही होने देंगे. वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी द्वारा प्रस्तावित रैली पर प्रतिक्रिया देते हुए, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने कहा, “भाजपा जितनी चाहें उतनी बैठकें कर सकती है लेकिन वे एक भी निर्वाचन क्षेत्र नहीं जीत पाएंगे.”
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आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी और शिरोमणि अकाली दल के बीच 23 पुराना गठबंधन पिछले साल उस समय टूट गया जब शिरोमणि अकाली दल ने कृषि कानूनों को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को छोड़ दिया था. अब शिरोमणि अकाली दल ने चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं की जाती, वे प्रधानमंत्री को कोई रैलियां नहीं करने देंगे. वहीं दूसरी ओर हाल ही में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पूर्व विधायक और सुखबीर सिंह बादल के करीबी जगदीप सिंह नकाई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए हैं.
कैप्टन सहित कई दिग्गज भी मौजूद रहेंगे पीएम की रैली में
5 जनवरी को फिरोजपुर में होने वाली पीएम मोदी की यह राजनीतिक रैली कई मायनों में काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि उनके साथ पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और शिरोमणि अकाली दल-शिअद (संयुक्त) के नेता सुखदेव सिंह ढींडसा भी रैली में हिस्सा लेंगे.
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गौरतलब है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी कई छोटे दलों के साथ गठबंधन कर रण में उतरेगी. पंजाब भाजपा प्रभारी गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी, शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) और अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब लोक कांग्रेस ने सीट बंटवारे पर फैसला करने के लिए छह सदस्यीय समिति बनाई है. आपको बता दें, 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया था और 10 साल बाद शिअद-भाजपा सरकार को बाहर कर दिया. आम आदमी पार्टी 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में 20 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, वहीं शिरोमणि अकाली दल (SAD) केवल 15 सीटें जीतने में सफल रहा, जबकि भाजपा को 3 सीटें ही मिलीं थी.