पॉलिटॉक्स न्यूज/यूपी. दिल्ली की आप सरकार की तर्ज पर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी शराब पर विशेष कोरोना शुल्क लगाया है. इससे शराब के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है. साथ ही पेट्रोल और डीज़ल के दाम भी बढ़ाए गए हैं. जिसके चलते यूपी में अब पेट्रोल 2 रुपये और डीज़ल 1 रुपये महंगा हो गया है. अब यूपी में पेट्रोल 73.91 रुपए और डीज़ल 63.86 रुपये प्रति लीटर की दर से मिलेगा. वहीं योगी कैबिनेट में आज कोरोना वारियर्स को लेकर एक अध्यादेश भी पास कर दिया है जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में ‘उत्तर प्रदेश लोक-स्वास्थ्य और महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020‘ में स्वास्थ्य-सफ़ाई और सुरक्षा कर्मियों को लेकर कठोर कानून बनाए गए हैं. इससे पहले दिल्ली में शराब के दाम 70 फीसदी तक बढ़ाए गए थे. साथ ही पेट्रोल 1.67 रुपये और डीजल 7.10 रुपये महंगा हुआ.
अब उत्तर प्रदेश भी कोरोना काल में शराब की कीमत बढ़ाने वाले राज्यों में शुमार हो गया है. कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच शराब खरीदने वालों की बेतहाशा भीड़ को देखते हुए योगी सरकार ने शराब की कीमतें बढ़ाने का फैसला लिया है. अब देसी शराब पर 5 रुपये और अंग्रेज़ी शराब की 180 मिलीलीटर की बोतल पर 10 रुपये ज़्यादा देने होंगे. अब 500 मिलीलीटर तक की शराब 20 रुपये और 500 मिलीलीटर से ऊपर की शराब 30 रुपये महंगी हो गई है. यूपी में पेट्रोल 2 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल 1 रुपया प्रति लीटर महंगा करने का सरकार ने फैसला लिया है. आज हुई कैबिनेट बैठक में शराब के दाम बढ़ाने से इसी वित्तीय वर्ष में 2350 करोड़ का राजस्व मिलेगा. टैक्स बढ़ाने से पिछले 40 दिनों में होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई में मदद भी मिलेगी. गौरतलब है कि पिछले दो दिन में यूपी 300 करोड़ रुपये की शराब पी चुका है.
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इससे पहले यूपी में शराब की दुकानों पर मची अफरातफरी और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए शराबियों ने शराब का स्टॉक भी करना शुरू कर दिया था. शराब की दुकानें खुलते ही उमड़ रही भीड़ पर लगाम लगाने के लिए आबकारी विभाग ने आनन फानन में एक दिन में शराब खरीदने की सीमा तय कर दी. साथ ही ओवररेटिंग करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के भी आदेश आबकारी विभाग ने दिए.
वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में कैबिनेट की बैठक में कोरोना वॉरियर्स को लेकर एक अध्यादेश भी पास कर दिया है. इसके तहत ‘उत्तर प्रदेश लोक-स्वास्थ्य और महामारी रोग नियंत्रण अध्यादेश 2020’ में स्वास्थ्य-सफ़ाई और सुरक्षा कर्मियों को लेकर कठोर कानून बनाए गए हैं. अध्यादेश के मुताबिक यूपी में अगर कोई कोरोना का मरीज़ जानबूझकर कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करता है तो उसे एक से तीन साल तक की सजा हो सकती है. क्वॉरंटीन सेंटर से भागने वालों को भी इतनी ही सजा और एक लाख तक का जुर्माना लग सकता है. इसके अलावा भी कई अन्य नियम भी बनाए गए हैं.
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जानिए क्या हैं नए नियम और सजा
- क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर एक से तीन साल की सजा और 10 हजार से एक लाख रुपये तक का जुर्माना होगा.
अस्पताल से भागने वालों के खिलाफ एक से तीन साल की सजा और 10 हजार से एक लाख रुपये तक का जुर्माना होगा. - अश्लील और अभद्र आचरण करने पर एक से तीन साल की सजा और 50 हजार से एक लाख तक का जुर्माना होगा.
- अगर कोई कोरोना मरीज स्वयं को छिपाएगा तो एक साल से लेकर साल की सजा हो सकती है और 50 हजार से एक लाख तक का जुर्माना हो सकता है.
- अगर कोरोना मरीज जानबूझ कर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से यात्रा करता है तो उसके लिए एक साल से तीन साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना हो सकता है.
- स्वास्थ्य कर्मियों, सभी पैरा मेडिकल कर्मियों, पुलिस कर्मियों एवं स्वच्छता कर्मियों के साथ ही शासन की तरफ़ से तैनात किसी भी कोरोना वॉरियर से की गई अभद्रता या हमले पर छह महीने से लेकर सात साल तक की सजा और 50 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
- चिकित्सकों, सफाई कर्मियों, पुलिस कर्मियों और किसी भी कोरोना वारियर्स पर थूकने या गंदगी फेंकने पर और आइसोलेशन तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
- कोरोना वारियरिर्स के ख़िलाफ़ समूह को उकसाने या भड़काने पर भी नए क़ानून के तहत सख्त कार्रवाई होगी. इसके लिए 2 से 5 साल तक की सजा और 50 हजार से 2 लाख तक के जुर्माने का प्रवाधान किया गया है.
नए अध्यायदेश के मुताबिक, मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक राज्य महामारी नियंत्रण प्राधिकरण बनेगा, जिसमें मुख्य सचिव सहित सात अन्य अधिकारी सदस्य होंगे. तीन सदस्यीय जिला महामारी नियंत्रण प्राधिकरण होगा, जिसका अध्यक्ष डीएम होगा. राज्य प्राधिकरण महामारी के रोकथाम नियंत्रण से संबंधित मामलों में सरकार को परामर्श देगा, जबकि जिला प्राधिकरण जिले में विभिन्न विभागों के क्रियाकलापों के साथ समन्वय स्थापित करेगा.