Politalks.News/ERCP/KirodiLalMeena. राजस्थान की बहुप्रतीक्षित ईस्टर्न राजस्थान नहर परियोजना को लेकर सियासत लगातार जारी है. प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने बजट 2022-23 में ईआरसीपी के लिए 9600 करोड़ का बजट राज्य कोष से जारी कर काम शुरू कर दिया है लेकिन केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने गहलोत सरकार को ईआरसीपी का काम रोकने के लिए कहा है. इसे लेकर जहां कांग्रेस केंद्र सरकार पर सवाल उठा रही है तो अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए परियोजना से जुड़े 13 जिलों को साधने की जुगत में भी है. यही कारण है कि फ़िलहाल प्रदेश की राजनीति में अगर सबसे बड़ा कोई मुद्दा है तो वो है ERCP. इसी बीच ERCP को लेकर बीजेपी के राज्यसभा सांसद एवं दिग्गज नेता सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि, ‘केन्द्र सरकार राष्ट्रीय परियोजना के साथ 60 फीसदी की जगह 90 फीसदी पैसा दे देगी, लेकिन इसके लिए प्रदेश सरकार को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी.’
आपको बता दें, बुधवार को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा केंद्र सरकार से पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग हेतु कांग्रेस जनप्रतिनिधि सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मलेन में 13 जिलों के जनप्रतिनिधि एवं अन्य कांग्रेसी कार्यकर्त्ता शामिल हुए. सम्मलेन कोमें अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एलान करते हुए कहा कि, ‘मैं घोषणा करना चाहूंगा, अगर भारत सरकार ने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं किया तब भी राजस्थान सरकार इस योजना को पूरा करेगी.’ इस तरह जहां सीएम गहलोत और उनकी सरकार इस परियोजना को पूरा करने में जुटी है तो वहीं बीजेपी नेता ERCP योजना को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा बनाई गई DPR पर सवाल उठाने उठा रहे हैं.
बीजेपी के दिग्गज नेता एवं राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘ईस्टर्न राजस्थान नहर परियोजना को केंद्र सरकार राष्ट्रीय परियोजना के लिए 60 फीसदी की जगह 90 फीसदी पैसा दे देगी लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें राजस्थान सरकार को पूरी करनी होंगी. अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नए सिरे से प्रोजेक्ट की DPR बनाकर भेजेंगे, तो PM मोदी भी हिचकिचाहट नहीं करेंगे. राजस्थान सरकार ने 50 फीसदी वाटर डिपेंडेबिलिटी पर प्रोजेक्ट बनाकर भेजा है, इसकी जगह 75 फीसदी वाटर डिपेंडेबिलिटी पर प्रोजेक्ट बनाकर भेजें. केन्द्र से 90 फीसदी आर्थिक मदद चाहते हैं तो इसमें पार्वती-कालीसिन्ध-चम्बल लिंक नदी जोड़ो परियोजना का प्रस्ताव भी सरकार केंद्र को भेजें.’
सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि, ‘बहुत से बांध इस परियोजना में शामिल होने से रह गए हैं, उन्हें इसमें शामिल किया जाए. फिर ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने की जिम्मेदारी केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी और मेरे जैसे कार्यकर्ता की भी है.’ सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि, ‘देश आजाद होने के बाद से अब तक जितनी भी राष्ट्रीय जल परियोजनाएं घोषित हुई हैं वो 75 फीसदी वाटर डिपेंडेबिलिटी पर घोषित हुई हैं. लेकिन राज्य सरकार ने 50 फीसदी वाटर डिपेंडेबिलिटी (जल निर्भरता) पर प्रोजेक्ट भेजा है. खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा था कि इस प्रोजेक्ट की NOC दें तो उन्होंने जवाब दिया कि आप 75 फीसदी वाटर डिपेंडेबिलिटी पर प्रोजेक्ट भेजें, हम इस पर सहमति दे देंगे. ऐसे में सवाल उठाने की बजाय सीएम गहलोत को पहली पूर्ति यह करनी चाहिए.
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प्रदेश सरकार को सलाह देते हुए सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि, ‘अगर आज केन्द्र सरकार ERCP जो राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर दे, तो केवल 60 फीसदी पैसा ही प्रोजेक्ट में केन्द्र देगा जबकि बाकी 40 परसेंट पैसा राजस्थान को लगाना होगा. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अगर शर्तों को मान जाएं तो 60-40 रेश्यो की बजाय इसे 90-10 रेश्यो की रिपोर्ट तैयार करवाकर केन्द्र को भिजवानी चाहिए. 75 फीसदी डिपेंडेबिलिटी के प्रोजेक्ट पर मध्यप्रदेश से भी परमिशन मिल जाएगी. वहीं अगर प्रदेश सरकार पार्वती-कालीसिन्ध-चम्बल नदी जोड़ने का प्रस्ताव भेजती है तो मुझे पूरा भरोसा है कि ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजक्ट के साथ P-K-C भी राष्ट्रीय परियोजना घोषित हो जाएगी.