NIA को पत्र लिखने वाले डोटासरा पहले CMR में हुई रोजा इफ्तार के फोटो की कराएं जांच- राठौड़ी पलटवार

गोविंद सिंह डोटासरा ने NIA महानिदेशक को पत्र लिख कन्हैयालाल के हत्यारे आतंकी रियाज के भाजपा का सदस्य होने और गुलाबचंद कटारिया के साथ उसकी तस्वीरों की जांच की मांग की तो राजेन्द्र राठौड़ ने पलटवार करते हुए कहा-सोशल मीडिया में प्रचारित हो रही कूटरचित फोटो के आधार पर डोटासरा कर रहे हैं ओछी राजनीति

ओछी राजनीति पर उतरे डोटासरा- राठौड़
ओछी राजनीति पर उतरे डोटासरा- राठौड़

Politalks.News/Rajasthan/RajendraRathod. उदयपुर में हुई कन्हैयालाल की नृशंस हत्या की जांच कर रही एजेंसी एनआईए (NIA) के महानिदेशक को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा द्वारा पत्र लिखने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था से ध्यान हटाने एवं कन्हैयालाल को सुरक्षा नहीं देने वाली दोषी कांग्रेस सरकार अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए पत्राचार का ढोंग रच रही है, जो अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है.

आपको बता दें, उदयपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी का पॉलिटिकल कनेक्शन सामने आने के बाद से कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है. हाल ही में सामने आई एक तस्वीर में रियाज भाजपा के कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया के साथ नजर आ रहा है. हालांकि यह तस्वीर 2018 की है. इसके अलावा BJP अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़े एक कार्यकर्ता का इससे सम्बंधित एक पुराना पोस्ट भी सामने आया है. इसके बाद राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को NIA महानिदेशक को पत्र लिख कन्हैयालाल के हत्यारे आतंकी रियाज के भाजपा का सदस्य होने और भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया के साथ उसकी तस्वीरों की जांच की मांग की है.

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पीसीसी चीफ डोटासरा द्वारा NIA महानिदेशक को लिखे गए पत्र पर पलटवार करते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि सोशल मीडिया में प्रचारित हो रही कूटरचित फोटो के आधार पर डोटासरा जी आतंकियों व भाजपा के संबंधों को लेकर ओछी राजनीति कर रहे हैं, इससे पहले उन्हें मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित रोजा इफ्तार पार्टी में छबड़ा सांप्रदायिक हिंसा के मुख्य आरोपी आसिफ हसाड़ी के शरीक होने के वायरल हुए फोटो की जांच अवश्य करानी चाहिये. छबड़ा हिंसा का मुख्य अपराधी इफ्तार पार्टी में शामिल होता हैं और इंटेलिजेंस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है, इससे बड़ा कांग्रेस का आतंकी प्रेम और क्या होगा.

बीजेपी के कद्दावर नेता राजेन्द्र राठौड़ ने आगे कहा कि उदयपुर हत्याकांड पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के केन्द्र सरकार को आरोपित करने के गैर जिम्मेदाराना बयान के बाद अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एनआईए महानिदेशक को पत्र लिखकर इस घटना की दोषी राज्य की पुलिस को संरक्षण देने का काम कर रहे हैं. डोटासरा जी को सार्वजनिक रूप से पहले यह बताना चाहिये कि रीट पेपर लीक प्रकरण के आरोपियों की फोटो खुद के साथ वायरल होने पर उन्होंने पल्ला क्यों झाड़ लिया था और उसकी जांच क्यों नहीं करवाई थी?

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हाल ही में करौली, जोधपुर और भीलवाड़ा में हुई साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि पिछले 3 माह में सबसे पहले अप्रैल माह में करौली में हिन्दू नववर्ष के अवसर पर शांतिपूर्ण जूलूस पर पथराव हुआ व दंगे हुए, फिर मई माह में जोधपुर में देश की आजादी की लड़ाई लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा जी की मूर्ति तोड़ी गई और तत्पश्चात् भीलवाड़ा में आदर्श तापडिया की चाकू घोंपकर हत्या व हनुमानगढ़ जिले के नोहर में विश्व हिन्दू परिषद के प्रखंड अध्यक्ष सतवीर सहारण पर जानलेवा हमला हुआ. राठौड़ ने कहा कि करौली, जोधपुर, भीलवाड़ा व उदयपुर मे सांप्रदायिक तनाव को भड़काने वाली घटनाएं कारित हुई लेकिन राज्य खुफिया तंत्र हर घटना के बारे में पूर्व में कोई भी इनपुट हासिल नहीं कर सका. हर बार सांप्रदायिक दंगा होने के बाद पुलिस कुम्भकर्णी नींद से जागी.

वहीं उदयपुर हत्याकांड में मारे गए टेलर कन्हैया लाल को कांड से पहले मिल रही धमकियों का जिक्र करते हुए राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कन्हैयालाल के मोबाइल से गलती से पोस्ट शेयर हो जाने की शिकायत मिलने पर तो राज्य की पुलिस ने गिरफ्तारी में काफी तत्परता दिखाई लेकिन जब कन्हैयालाल ने जमानत से रिहा होने के बाद 15 जून को धानमंडी एसएचओ को जान से मारने की धमकी की शिकायत दी तो पुलिस ने उस समय असंवेदनशीलता की सारी हदें पार करते हुए कन्हैयालाल को सुरक्षा देने के बजाय जबरन समझौता करवाकर इतिश्री कर ली.

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इसके साथ ही सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए बीजेपी नेता राजेन्द्र राठौड़ ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो राजस्थान के गृह विभाग के मुखिया है, उनकी विफलता व राज्य के इंटेलीजेंस के फेल्योर होने के कारण शांतिप्रिय राजस्थान आज बारुद के ढेर पर खड़ा है. उदयपुर हत्याकांड में राजस्थान पुलिस की गंभीर लापरवाही सामने आई है. सब कुछ होता रहा और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही. अगर पुलिस सावचेत होती तो निर्दोष कन्हैयालाल की बर्बर हत्या नहीं होती और शांतिप्रिय प्रदेश में अमन-चैन का माहौल नहीं बिगड़ता.

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