Politalks.News/Uttarpradesh. अगले साल होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए अभी से ही राजनीतिक पार्टियां जोर आजमाइश में जुट गईं हैं. उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में किसकी सरकार बनेगी और किसकी विदाई होगी, इस पर अभी से ही सियासी गुणा-भाग का काम शुरू हो चुका है. वहीं अब इसको लेकर सियासी हलचल भी तेज हो गई है. इनमें से सबसे अहम चुनाव है उत्तर प्रदेश का. सभी की निगाहें इसी राज्य पर हैं. अलग-अलग दल सूबे में अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी ये जनता को ही तय करना है. इसी के मद्देनजर चुनाव से पहले एबीपी सी-वोटर ने उत्तर प्रदेश की जनता का चुनावी मूड जानने के लिए सर्वे किया. इस सर्वे में जो सामने आया है वो चौंकाने वाला है. भारी नुकसान के बावजूद ‘महंत’ जी सरकार बचाते दिख रहे हैं तो अखिलेश यादल की साइकिल रफ्तार तो पकड़ रही है लेकिन मंजिल तक पहुंचने से चूकती दिख रही है. यहां बसपा और कांग्रेस को तो नुकसान ही होता दिख रहा है. हालांकि पॉलिटॉक्स को इस सर्वे में जो कमी दिखती है वो है लखीमपुर और आगरा कांड के जिक्र नहीं होने का है. खैर जानते हैं इस बार जनता का क्या मूड है.
भारी नुकसान के बाद भी योगी जी का राज रहेगा कायम!
नवंबर महीने के पहले सप्ताह में किए गए सर्वे में एबीपी न्यूज-सी वोटर ने बताया कि, ‘उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से भाजपा सरकार बनाने में कामयाब होती नजर आ रही है. हालांकि, भाजपा को काफी सीटों का नुकसान हो रहा है और 300 का आंकड़ा भी पार करती नहीं दिख रहा है. इधर, समाजवादी पार्टी को फायदा होता दिख रहा है, जबकि मायावती को तगड़ा झटका लगता दिख रहा है. सर्वे का सैंपल साइज 1,07,193 था और इनमें पांचों राज्यों के लोग शामिल थे.
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नुकसान के बावजूद बहुमत मिलता दिख रहा है भाजपा को!
ABP-CVoter सर्वे के मुताबिक, 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में कुल 403 सीटों में से भाजपा को 213 से 221 सीटें मिलती दिख रही हैं. यहां ध्यान देना जरूरी है कि 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को 325 सीटें मिली थीं. भले ही भाजपा की सीटों में गिरावट का अनुमान लगाया गया है, मगर अब भी भगवा पार्टी यूपी में आसानी से लीड करती नजर आ रही है और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाती दिख रही है.
अखिलेश की साइकिल पहुंचेगी 160 के पार!
सर्वे में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को 152 से 160 सीटों पर जीत दिखाया गया है. वहीं, मायावती की बसपा के खाते में महज 16 से 20 सीटें जाती दिख रही हैं. आपको बता दें कि बसपा ने पिछले चुनाव में 19 सीटें जीती थीं. अगर कांग्रेस की बात करें तो उसका हाल और भी बुरा दिख रहा है. सर्वे में कांग्रेस के खाते में महज 6 से 10 सीटें जाती दिख रही हैं.
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वोट शेयर में भी भाजपा को भारी नुकसान
वोट फीसदी की बात करें तो भाजपा को करीब 41 फीसदी वोट शेयर मिलने का अनुमान है. यह 2017 से थोड़ा सा कम है. सपा को 31 फीसदी तो बसपा को 15 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. कांग्रेस को 9 फीसदी वोट मिलता दिख रहा है. यहां सपा को फायदा होता दिख रहा है, क्योंकि अखिलेश यादव की पार्टी को पिछले चुनाव में महज 23.6 फीसदी वोट ही मिले थे.
कानून व्यवस्था यूपी में सबसे बड़ा मुद्दा
उत्तरप्रदेश में विपक्ष जहां मौजूदा योगी सरकार की कमियां गिना रहा है, वहीं सत्ता में बैठी बीजेपी विकास कार्य गिना रही है. विपक्ष जहां सरकार के विकास कार्य को जुठला रहा है और किसान के मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है. वहीं सरकार अपनी उपलब्धियां गिनवाने में लगी हुई है. उत्तप्रदेश की जनता ने सबसे बड़ा मुद्दा कानून व्यवस्था को माना है. वही दूसरे नंबर पर राम मंदिर और चौंकाते हुए तीसरे नंबर पर किसान आंदोलन मुद्दा है. यूपी में बेरोजगारी और महंगाई मुद्दा बनने में काफी पीछे चल रहे हैं.