राजस्थान की एक सीट को छोड़कर शेष सभी 199 विधानसभा सीटों पर मतदान प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है. परिणाम का इंतजार है जो 3 दिसंबर को आना है. प्रदेश में इस बार राज और रिवाज बदलने की लड़ाई है जिसमें करीब 5.26 करोड़ मतदाताओं ने भाग लिया और चुनावी अखाड़े में किस्मत आजमा रहे 1862 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद कर दिया. प्रदेश में इस बार मतदान के सभी रिकॉर्ड टूटे और मतदान प्रतिशत 75 फीसदी को भी पार कर गया. इनके आंकड़ों को आजादी के बाद सबसे अधिक मतदान प्रतिशत बताया जा रहा है. इस बार के विधानसभा चुनाव में एक गौर करने वाली बात यह भी रही कि इस बार कि सरकार बनने में राजस्थान की महिलाओं की विशेष भागीदारी रहेगी. महिला वोटिंग परसेंटेज के अलावा भी एक खास वजह से प्रदेश की महिलाएं सिरमौर रहने वाली है.
गांव में गहलोत, शहर में मोदी का जलवा
इस बार प्रदेश की 88 से अधिक सीटों पर महिलाओं के मत प्रतिशत में पिछली बार के मुकाबले काफी ज्यादा सुधार देखा गया है. फतेहपुर सीट पर तो 10.61 प्रतिशत का उछाल महिला मतदाताओं में आया है. वहीं प्रदेश की 23 सीटें ऐसी है जिन पर महिला मतदाता पुरुषों से बेहतर रहा है. फतेहपुर के अलावा मंडावा (10.04), सागवाड़ा (9.47), लक्ष्मणगढ़ (9.31) और भीम (9.33) ऐसी सीटें रहीं जहां महिला वोटर्स की संख्या में करीब 10 फीसदी का उछाल रहा. इस सीटों पर महिला वोटर्स की बढ़ोतरी दोनों फैक्टर्स में देखी जा रही है. एक तरफ जहां ग्रामीण क्षेत्रों में हर महिला के जुबान पर गहलोत सरकार की चिरंजीवी योजना, सस्ता सिलेंडर और मुफ्त मोबाइल योजना की चर्चा है. वहीं शहरी क्षेत्र में महिलाओं के मुंह पर मोदी मोदी है. यहां महिलाओं की ज्यादा वोटिंग की वजह उनकी सुरक्षा को बताया जा रहा है.
आंकड़ों पर एक नजर डाले तो 2021 में 6337 दुष्कर्म की घटना हुई. अपराधों में 19.34 फीसदी की वृद्धि हुई. पेंडिंग केसेज भी पहले के मुकाबले ज्यादा है. ऐसे में जहां जहां पीएम मोदी रोड शो और जनसभा करने पहुंचे, वहां महिलाओं की उपस्थिति पुरुषों से अधिक रही. पीएम ने भी महिलाओं को सुरक्षा का हवाला देकर बीजेपी को लाने की बात कही.
महिलाओं का वोटिंग टर्नओवर ज्यादा
प्रदेश की 88 सीटों पर महिलाओं का वोटिंग प्रदर्शन पुरुषों से बेहतर रहा. इसमें सबसे आगे पोकरण रहा. यहां 88.23 फीसदी महिलाओं ने मतदान किया. घाटोल में 85.40 फीसदी वोट देने पहुंची. फतेहपुर में महिला पुरुष वोटिंग में भी 10.61 फीसदी का अंतर देखने को मिला. इस बार महिला प्रतियाशी इस बार भी ज्यादा रहा क्योंकि प्रदेश की 7 सीटें ऐसी भी हैं जहां बीजेपी या कांग्रेस या अन्य दलों से महिलाएं आमने सामने हैं.