एमपी में प्रियंका गांधी को रोकने के लिए बीजेपी का ‘प्लान बी’ हो पाएगा सफल!

मध्यप्रदेश की 230 सीटों पर 17 नवंबर को होने हैं विधानसभा चुनाव, हिमाचल की तरह मैजिक करने के लिए चुनावी प्रचार की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी के कंधों पर, सीएम शिवराज के हर वार पर यहीं से हो रहा पलटवार, तोड़ निकालने में लगे बीजेपी के नेता

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MadhyaPradesh Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों को अब केवल एक महीना ही रह गया है. बीजेपी की ओर से उम्मीदवारों की चार फाइनल लिस्ट आउट हो चुकी हैं. कांग्रेस ने भी आज अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है जिसमें 144 नाम शामिल हैं. इसके बाद कांग्रेस द्वारा लिस्ट जारी न करने का बीजेपी का राग अलपना भी अब बंद हो चुका है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस की ओर से एक्स सीएम कमलनाथ का जुबानी वार पलटवार लगातार एक दूसरे पर जारी है लेकिन एक शख्स और भी है जिसके सक्रिय रहने से मध्यप्रदेश बीजेपी में खलबली मची हुई है. वो है प्रियंका गांधी, जो अपने दम पर हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनवा चुकी है. एमपी में चुनावी प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी ने अपने कंधों पर ली है और पहली ही चुनावी सभा में स्पष्ट हो गया है कि वो शिवराज सिंह के सामने डरकर चुनावी प्रचार नहीं करेंगी.

इसे भली भांति समझते हुए बीजेपी ने प्रियंका को चुनावी प्रचार प्रसार से हटाने के लिए ‘प्लान बी’ बनाया है. ये कुछ ऐसा ही है ​जैसे राहुल गांधी को लोकसभा चुनावों से दूर करते हुए उनकी सदस्यता रद्द करवायी गयी थी. इसी तरह का एक वाक्या प्रियंका गांधी के साथ भी होने जा रहा है. प्रियंका पर विद्यार्थियों को प्रलोभन देने का आरोप लगाकर चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज हुई है. बीजेपी नेताओं द्वारा उन पर कार्रवाई की मांग भी की गई है.

दरअसल, पूर्व भाजपा विधि प्रकोष्ठ नगर संयोजक एडवोकेट पंकज वाधवानी ने चुनाव आयोग के समक्ष यह शिकायत प्रस्तुत करते हुए कहा है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 12 अक्टूबर 2023 को मप्र के मंडला में आमसभा के दौरान स्पष्ट रूप से हर विद्यार्थी को हर माह 500 से 1500 रुपए देने का प्रलोभन दिया है. उक्त घोषणा का समाचार 13 अक्टूबर 2023 के समाचार पत्रों के फ्रंट पेज पर प्रकाशित हुआ था.

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शिकायत में वाधवानी ने कहा है कि यह प्रदेश के मतदाताओं को गलत तरीके से प्रभावित करने का तरीका है. जनप्रतिनिधित्व कानून एवं आदर्श आचार संहिता के दौरान इस प्रकार की घोषणा करना अथवा सीधे-सीधे आर्थिक लाभ की घोषणा करना प्रथम दृष्टत: आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. याचिका में गांधी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.

इससे पहले प्रियंका गांधी वाड्रा के मंडला के रामनगर में स्कूली बच्चों के लिए मध्य प्रदेश के हर बच्चे को छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा एक से आठ तक 500 रु, नौवीं से दसवीं में 1000 रु, 11वीं और 12वीं में 1500 रुपए प्रति माह देने का वचन दिया था. इस पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रियंका एवं कांग्रेस पर तंज भी कसा था. इसका जवाब देते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि शिवराज जी, अच्छे लोगों का यही कायदा है कि बड़ों का आदर करते हैं. हम शिक्षा और बच्चों की बात कर रहे हैं, मगर जनता का ध्यान भटकाने वाले लोगों को कुछ और ही समझ में आ रहा है. कांग्रेस झूठी घोषणा नहीं करती. कांग्रेस में तानाशाही भी नहीं हैं कि जहां अपने ही नेताओं का नाम न लिया जाए, बात न सुनी जाए. वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि मुझे और पूरे हिंदुस्तान को गांधी परिवार पर गर्व है क्योंकि गांधी देश के लिए जीना और मरना जानते हैं.

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 17 नवंबर को 230 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. सभी राजनीतिक पार्टियां जोरों शोरों से चुनावी प्रचार में लगी हुई हैं. हालांकि मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है लेकिन अन्य पार्टियां किंग मेकर बनने का रास्ता तलाश रही हैं. बीजेपी के पास प्रमुख फेस पीएम नरेंद्र मोदी का है जबकि कांग्रेस की कमान कमलनाथ और प्रियंका गांधी के हाथों में है. हालांकि राहुल गांधी भी स्टार प्रचारक की लिस्ट में शामिल हैं लेकिन प्रियंका की अगुवाई में कांग्रेस को हिमाचल जैसा मैजिक होने की उम्मीद है. यही वजह है कि बीजेपी सीधे सीधे तो नहीं, ​बल्कि प्लान बी के जरिए प्रियंका को परेशानी में डालने का कोई भी मौका गंवाना नहीं चाहेगी.

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