जिनके परिवारों को गहलोत ने दिया उजाड़, उसी के यहां बैठकर वो लगा रहे हैं ठहाके- दिव्या पर बेनीवालवार

ये लोग बेनीवाल के जमीर और स्वाभिमान की बात कर रहे हैं, अगर राजस्थान में किसी नेता का जमीर और स्वाभिमान जिंदा है, तो वह है हनुमान बेनीवाल, जिसने खुद की पार्टी बनाकर अलग लड़ाई लड़ी और भाजपा व कांग्रेस को छोड़ दिया

img 20220616 wa0330
img 20220616 wa0330

Politalks.News/Rajasthan/Beniwal. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सुप्रिमो व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा के बीच की सियासी अदावत किसी न किसी बहाने सामने आती ही रहती है. हाल ही में राज्यसभा चुनाव के दौरान हनुमान बेनीवाल द्वारा अपने एलान के मुताबिक कांग्रेस-बीजेपी को अपने विधायकों का समर्थन न देकर निर्दलीय विधायक सुभाष चंद्रा को RLP का समर्थन दिया था, उस दौरान भी विधायक दिव्या मदेरणा ने बेनीवाल की पार्टी पर बेबुनियाद आरोप लगाए थे. हालांकि सांसद बेनीवाल ने तब भी मदेरणा को उन्हीं की भाषा में जवाब दे दिया था. लेकिन दोनों के बीच की जुबानी जंग किसी न किसी मौके पर सामने आ ही जाती है. ऐसे में सांसद हनुमान बेनीवाल ने दिव्या मदेरणा के विधानसभा क्षेत्र के पास लोहावट के बारसिंगों का बास में एक कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए दिव्या मदेरणा पर निशाना साधा और कहा कि जिनके परिवारों को अशोक गहलोत ने उजाड़ दिया, आज वो उसी के यहां बैठकर ठहाके लगा रहे हैं.

सांसद हनुमान बेनीवाल ने दिव्या का नाम लिए बिना आगे कहा कि वे लोग इस तरह से कर रहे हैं, यह कितनी बड़ी विडंबना है और हमें ज्ञान दे रहे हैं. ये लोग बेनीवाल के जमीर और स्वाभिमान की बात कर रहे हैं. अगर राजस्थान में किसी नेता का जमीर और स्वाभिमान जिंदा है, तो वह है हनुमान बेनीवाल. जिसने खुद की पार्टी बनाकर अलग लड़ाई लड़ी और भाजपा व कांग्रेस को छोड़ दिया. यही नहीं बल्कि विधानसभा और लोकसभा दोनों चुनावों में दोनों ही पार्टियों को सबक भी सिखाया. बेनीवाल उनमें से नहीं है कि वक्त आने पर काम निकाल लो और काम निकल जाने पर दरवाजा बंद कर लो. सांसद हनुमान बेनिवाल यहीं नहीं रूके, उन्होंने मौजूद लोगों से कहा कि ऐसे नेताओं को आपको सबक सीखना है और सबक लेना भी है.

यह भी पढ़े: अग्निपथ के विरोध में सड़कों पर उतरी RLP, बेनीवाल ने राजनाथ पर लगाए वादखिलाफी के आरोप

कार्यक्रम में मौजूद लोगों को सम्बोधित करते हुए RLP सुप्रिमो हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा कि आपको यही प्रयास करना है, 2023 में ऐसे लोगों को चुनना जो आवश्यकता पड़ने पर यह कह सकें कि उन्हें कांग्रेस व बीजेपी से ज्यादा अपने लोग पसंद है. यह मैंने कहा था कि मुझे भाजपा-कांग्रेस नहीं चाहिए. मैं किसान का बेटा हूं, मेरे लिए किसान पहले है. इनको ठोकर मार दी. दिल्ली में किसानों पर संकट आया तो मैंने मिनिस्ट्री तक छोड़ी. स्टेट में भी चार बार सत्ता को ठोकर मारी. इस तरह का त्याग-समर्पण आजादी के आंदोलन के समय भगत सिंह ने किया था, जिन्होंने कहा था कि मेरी जान चली जाए, तो गम नहीं, लेकिन देश आजाद होना चाहिए.

Leave a Reply