डूबते इंडिया गठबंधन की पतवार को थामेंगे आदित्य ठाकरे!

देशभर में मृतप्राय: हो चुके इंडिया गठबंधन को जिंदा रखने की कोशिश में लगे आदित्य ठाकरे, नेतृत्व के लिए झगड़ रहे नेताओं पर निशाना भी साधा

Aaditya Thackeray
Aaditya Thackeray

उद्धव ठाकरे शिवसेना (UBT) नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे अब लगता है कि डूबते इंडिया गठबंधन की नींव को मजबूत करने में जुटे हैं. उन्होंने संकेत भी दिए हैं कि आगामी वक्त में हो सकता है कि इंडिया गठबंधन की पतवार वें ही नेतृत्व करते हुए अपने हाथों में ले सकते है. एक तरफ जहां सपा प्रमुख अखिलेश यादव और अन्य पार्टियों के मुखिया इंडिया गठबंधन को आम चुनाव तक की सीमित रखना चाह रहे हैं. वहीं आदित्य ठाकरे ने ऐसे समय में दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी से मुलाकात की.

इस दौरान आदित्य ने चुनाव आयोग पर भी हेरफेर एवं घालमेल के आरोप लगाए. आदित्य ने करारा वार करते हुए कहा, ‘देश का भविष्य खतरे में है, क्योंकि भाजपा का सपना देश की हर क्षेत्रीय पार्टी को तोड़ना और खत्म करना है.’ इस कथन में आदित्य का इशारा एकनाथ शिंदे द्वारा शिवसेना और अजित पवार गुट की एनसीपी की ओर था. दोनों नेता मुख्य पार्टियों को तोड़ सरकार में जाकर शामिल हो गए थे. एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री और आदित्य डिप्टी सीएम बन बैठे थे.

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इससे पहले आदित्य ने दिल्ली पहुंचकर राहुल गांधी और केजरीवाल से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी सांसदों को सोचना चाहिए कि हमारा अगला कदम क्या होगा, क्योंकि हमारे लोकतंत्र में इलेक्शन अब फेयर और निष्पक्ष नहीं रह गए हैं. उद्धव गुट के नेता आदित्य ठाकरे ने केजरीवाल की तारीफ करते हुए कहा, ‘केजरीवाल ने 10 साल में बहुत काम किए हैं, जिन्हें जनता जानती है. भाजपा को चुनाव आयोग का आशीर्वाद था, इसी वजह से दिल्ली में जीती है. उसे चुनाव आयोग का आभार करना चाहिए.’

राहुल गांधी से की मुलाकात

अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद आदित्य ठाकरे कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी से भी मिलने पहुंचे. यहां दोनों के बीच आगामी चुनावों में इंडिया गठबंधन के किरदार के बारे में​ विस्तृत चर्चा की. जिस तरह से कई नेताओं की नाराजगी और साथ छोड़ने की बात कह रहे है. ऐसे वक्त में आदित्य का गठबंधन को जिंदा रखने की बात करना निश्चित तौर पर सराहनीय है. आदित्य ने नेतृत्व के लिए झगड़ रहे लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत गठबंधन का नेतृत्व संयुक्त है. कोई एक नेता नहीं है. यह अहंकार या किसी के लाभ की लड़ाई नहीं है, बल्कि देश के भविष्य की लड़ाई है.

गौरतलब है कि गठबंधन के लिए राहुल गांधी का किरदार नाकाफी रहा. गठब्ंधन बनने से पहले ही बिखर सा गया. अब देखना होगा कि महाराष्ट्र में मृतप्राय हो चुके महाविका अघाड़ी सहित इंडिया गठबंधन ​को आदित्य ठाकरे किस तरह से पुनर्जीवत करेंगे.

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